आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शुक्रवार, जुलाई 15, 2011

ये ब्लॉग अच्छा लगा : पाखी माने पक्षी या चिड़िया - अक्षिता पाखी


कल एक चिङिया उङती हुयी मेरे ब्लाग पर आयी । मैंने कहा - हल्लो डियर लिटिल बर्ड ।

तब चिङिया ने कहा - मैं चिङिया नहीं हूँ । मेरा नाम चिङिया है । पाखी माने पक्षी या चिड़िया ।

मैंने कहा - डियर ! आप चिङिया हो । तभी तो आपका नाम पाखी है । अब चिङिया को खरगोश कहते सुना है किसी से ?

पाखी ने कहा - ओफ़्फ़ोह अंकल ! वैसे तो मैं एक प्यारी बच्ची हूँ । पर मैं दिन भर चिङिया की तरह इधर उधर फ़ुदकती हूँ ना । इसलिये मम्मी ने मेरा नाम पाखी रख दिया ।

अच्छा ! मैंने आश्चर्य से कहा - और आपके पापाजी का नाम क्या है ?

पाखी - अंकल ! माय फ़ादर नेम इज श्री कृष्ण कुमार यादव । ( उफ़ ! अब इस बच्ची को कौन समझाये कि मुझे इंगलिश बिल्कुल भी नहीं आती )

मैंने कहा - फ़िर आपकी ममा का नाम जरूर राधा यादव होगा । स्योर !

पाखी ने झुँझलाकर माथे पर हाथ मारा । और बोली - उफ़ ! अंकल लगता है । आपने शेक्सपियर को नहीं पढा कि ..नाम में क्या रखा है ?

मैंने कहा - अगर नाम में कुछ नहीं रखा । तो फ़िर मैं आपको कैसे बुलाऊँगा । और आप मुझे कैसे बुलाओगी ? सब लोग एक दूसरे को कैसे बुलायेंगे ?

अच्छा अंकल ! पाखी चुटकी बजाकर बोली - आपका नाम राजीव है । और राजीव माने कमल । तो क्या आप कमल हो गये । मीन एक फ़्लावर । ( उफ़ ! अब इस स्वीट बच्ची को कैसे बताऊँ कि पर्यायवाची शब्दों का पेज मैंने चूरन रखने के लिये किताब से फ़ाङ ही दिया था )

इसलिये मैंने टापिक बदलते हुये कहा - खैर छोङो । एक बात बताओ । आप तो पाखी हो । इसलिये समुद्र के ऊपर से हनुमान जी की तरह उङकर हमारे सबके ब्लाग पर आ जाती हो । लेकिन हम सभी ब्लागर आपके ब्लाग पर जाने के लिये समुद्र कैसे पार करें ?

पाखी दो मिनट तक सोचती रही । और फ़िर खुश होकर बोली - अंकल ! आप विक्रम वैताल वाले वैताल के द्वारा आ जाना ।
और फ़िर मुझे आगे बोलने का अबसर दिये बिना " फ़ुर्र " से टाटा बाय बाय करते हुये पोर्ट ब्लेयर को उङ गयी ।

और ये है । प्यारी नन्ही अक्षिता पाखी का परिचय -

मेरा नाम अक्षिता है । सब मुझे प्यार से पाखी नाम से बुलाते हैं । मेरा ये निकनेम अच्छा है ना । आप भी मुझे पाखी कहकर बुला सकते हैं । पाखी माने पक्षी या चिड़िया । मैं भी तो एक चिड़िया ही हूँ । जो दिन भर इधर उधर फुदकती रहती हूँ । मेरा जन्म 25 मार्च को हुआ । अब इसे अपने दिमाग की डायरी में नोट कर लीजिये । तभी तो आप मुझे जन्मदिन की बधाई देंगे । और ढेर सारे गिफ्ट भी । और हाँ..खूब सारा प्यार और आशीर्वाद भी । मुझे अच्छा लगता है - खेलना । नृत्य करना । चित्र बनाना । आइसक्रीम खाना और ढेर सारी शरारतें करना । मेरे ममा श्रीमती आकांक्षा पापा श्री कृष्ण कुमार यादव हैं । मेरा ददिहाल आजमगढ़ और ननिहाल सैदपुर (गाजीपुर) में है । फ़िलहाल ममा पापा के साथ पोर्टब्लेयर (अंडमान) में हूँ । मेरी छोटी बहन तन्वी भी है । मैं LKG में पढ़ती हूँ । 'पाखी की दुनिया' में आप पायेंगें मेरी ढेर सारी बातें । घूमना फिरना । मेरी क्रिएटिविटी । मेरी फेमिली और स्कूल की बातें और भी बहुत कुछ । यह ब्लॉग 24 जून 2009 को आरंभ हुआ । अब तो यहाँ भी खूब फुदक फुदक करुँगी । इनका ब्लाग - पाखी की दुनिया

( 'ये ब्लॉग अच्छा लगा' ब्लॉग पर राजीव कुलश्रेष्ठ अंकल जी द्वारा 'पाखी की दुनिया' के बारे में लिखी गई पोस्ट साभार)


...यहाँ BLOG WORLD .COM पर भी राजीव कुलश्रेष्ठ अंकल जी ने मेरे बारे में लिखा है, आभार और प्यार !!

11 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वैसे तो नाम में क्या रखा है, पर आपका नाम तो उड़ते हुये पंछी की तरह चंचल है।

Jyoti Mishra ने कहा…

cute lil girl.. I Love your posts..

रेखा ने कहा…

पाखी तुम सचमुच बहुत प्यारी हो ....ऐसे ही फुदकती रहा करो

माधव( Madhav) ने कहा…

बढ़िया

सदा ने कहा…

आपके लिये ढेर सारी शुभकामनाएं ।

Urmi ने कहा…

बहुत सुन्दर और प्यारी हो आप पाखी! हमेशा खुश रहना !

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

@ Pravin Uncle,

सही कहा अंकल जी.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

@ Jyoti Di,
@ REkha Aunty,
@ Sada Aunty,
@ Babli Aunty,

Thanks a lot with love.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

@ Madhav,

Thanks Madhav..lambe samay bad dikhe.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

राजीव जी ने तो पाखी बिटिया के बारे में इत्ता कुछ लिखा है...बहुत-बहुत बधाई.

Udan Tashtari ने कहा…

वेताल में क्यूं...उड़न तश्तरी में ले आयेंगे....:)