ये देखिये हम क्या लाये. इस बार समीर अंकल जी को लाये. उन्होंने एक प्यारी सी कविता लिखी है मेरे लिए. चलिए सभी इसे पढ़ते हैं और समीर अंकल जी को ढेर सारा प्यार व थैंक्स बोलते हैं. आखिर वो सबसे अच्छे वाले अंकल और उड़न तश्तरी में घुमाने वाले अंकल जो हैं.
मम्मी-पापा मुझको पढ़ने
स्कूल में भिजवाते हैं
कक्षा में मैं अव्वल आऊँ
होमवर्क खूब करवाते हैं।
मम्मी-पापा मुझको पढ़ने
स्कूल में भिजवाते हैं
कक्षा में मैं अव्वल आऊँ
होमवर्क खूब करवाते हैं।
हष्ट पुष्ट और ताकतवर हूँ
बीमारी मुझको न पकड़े
इसकी खातिर नित नियम से
दूध मुझे पिलवाते है।
शाम पार्क में मम्मी लाती
मुझको खूब घूमाती है
रात में जल्दी खाना खाते
फिर सोने ले जाती है।
सोने से पहले वो मुझको
रोज कहानी बतलाती
अच्छा जीवन क्या होता है
पाठ मुझे वो सिखलाती।
अब आप जरुर बताइयेगा कि ये कविता कैसी लगी आपको. और समीर अंकल को ढेर सारा प्यार !!
39 टिप्पणियां:
bahut hi sunder kavita hai...
bikul pakhi ki trhah
shukriya
pakhi aur shukriya sameer ji
Pakhi ki bahut hi tareef kar ji sameer ji ne..
pakhi hai hi bahut pyari
ab aise hi bhoob padho khoob mauj masti karo...
बहुत प्यारी..
तुम जैसी..
प्यार..
माँ पहली गुरु होती है....
मेरी ओर से शुभकामनाएँ!
वाह पाखी, बहुत पसंद आई यह कविता...!
अंकल को हमेशा याद रखना...!!
तुम्हारे अंकल ने तो बहुत अच्छी कविता लिखी है तुम्हारे लिए....बहुत बढ़िया
सुंदर सी कविता सुंदर सी पाख़ी के लिए सुंदर से समीर भाईसाहब के द्वारा...:-)
अरे वाह!! आपने तो फोटो लगाकर कविता को सुन्दर बना दिया.
मजा आ गया देखकर. बहुत प्यारी बिटिया!!
बहुत सुन्दर
wah ji wah kya baat h bhut khub
pakhi beta tum is kavita se kahi jyada sunder ho ..........bhagwan se dua karte hain ki .hmesha aisa hi khush raho.......
bahut pyari kavita hai bilkul aapki tarah,samir uncle ko dhanyawad meri taraph se.
बहुत अच्छी ।
समीर अंकल को धन्यवाद और आपको भी ।
प्यारी सी पाखी को ढेर सारा प्यार और दुलार...
बहुत अच्छी, बहुत प्यारी, बहुत बढ़िया.समीर अंकल को धन्यवाद और आपको भी
बहुत सुन्दर
sundar kavita......
पाखी जी!
आपकी इस सुन्दर पोस्ट की चर्चा मैंने यहाँ भी की है!
--
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/06/1.html
बहुत प्यारी कविता और पाखी के लिए मन से लिखी गई सुन्दर बाल-कविता..खूब पसंद आई.
समीर जी को भी कोटिश: धन्यवाद की पाखी के लिए उनमें इतना स्नेह है. यह उनके बड़प्पन की निशानी है.
सोने से पहले वो मुझको
रोज कहानी बतलाती
अच्छा जीवन क्या होता है
पाठ मुझे वो सिखलाती।
बहुत सुन्दर बात कही समीर जी ने माँ के बारे में....पाखी और पाखी के सबसे अच्छे वाले अंकल समीर जी को बधाई. चाचा-भतीजी की जोड़ी तो बेजोड़ है. दोनों के ही ब्लॉग भी बिंदास हैं.
कित्ती प्यारी सी कविता. काश मैं भी पाखी के लिए इक कविता लिख पाता, पर मुझे तो कविता लिखनी आती ही नहीं.
@ समीर अंकल जी,
इस कविता के लिए एक बार फिर से आपको ढेर सारा प्यार व आभार. देखा सभी लोगों ने इसे कितना पसंद किया है.
@ मयंक दादा जी,
इस प्यारी सी चर्चा के लिए आभार. आपने हम बच्चों के बारे में भी सोचा, यही क्या कम है.
@ भँवर अंकल,
यह आपका स्नेह है, जो आपने ऐसा सोचा..प्यार व आभार.
@ Dr. Brajesh Uncle,
है ना बेजोड़...रिश्ता ऐसा ही होना चाहिए.
अरे वाह, पाखी की खूबसूरत दुनिया में उड़न तश्तरी का आगमन. अब तो खूब मजा आयेगा.
हष्ट पुष्ट और ताकतवर हूँ
बीमारी मुझको न पकड़े
इसकी खातिर नित नियम से
दूध मुझे पिलवाते है।
...यह तो बहुत जरुरी है पाखी. मैं तो अभी भी रोज दूध पीता हूँ.
समीर जी ने तो पाखी के लिए बड़ी मनभावन कविता लिखी. सुन्दर कविता, सार्थक सन्देश...साधुवाद !!
प्यारी पाखी...सुन्दर कविता...लाजवाब फोटो.
अतिसुन्दर प्रस्तुति...समीर लाल जी एवं अक्षिता बिटिया को बधाई.
पाखी की बातों और शरारतों में एक अद्भुत प्यार है, जो लोगों को अपनी ओर स्वत: आकर्षित कर लेती है. समीर जी की इस मनभावन कविता के लिए हार्दिक बधाई.
और हाँ, फोटो तो मस्त लगाई है..एक से बढ़कर एक..बधाई.
इससे पता चलता है कि समीर अंकल पाखी बिटिया का कितना ख्याल रखते हैं..सुन्दर बाल-गीत के लिए बधाई.
समीर अंकल और पाखी बिटिया दोनों को बधाई.
चाचा-भतीजी की क्या सुन्दर जोड़ी बनाई.
एक तो इतनी सुन्दर पाखी, उस पर से समीर जी की प्यारी कविता और उस पर से इतने न्यारे चित्र...अब इसके आगे क्या कहें.
कविता भी..सन्देश भी...बढ़िया है.
यह कविता तो प्यारी लगी..अब मैं इसे गुनगुना रहा हूँ.
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