आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...
बुधवार, मार्च 31, 2010
अंडमान में रिमझिम-रिमझिम बारिश
मंगलवार, मार्च 30, 2010
शुक्रवार, मार्च 26, 2010
पाखी के जन्म-दिन की झलकियाँ
ये रहा मेरा बर्थ-डे केक
ये काटा मैंने बर्थ-डे केक
हैपी बर्थ-डे टू पाखी...मम्मा-पापा ने खिलाया केक
अब आई उपहारों की बारी
उपहार में छोटी सी सायकिल भी
अब सभी लोग ग्रुप फोटोग्राफ के लिए तैयार
अरे आप लोग तो छूट गए...एक और ग्रुप फोटोग्राफ
कैसी लग रही हैं हम लोग..क्यूट न
बड़े लोगों की बड़ी-बड़ी बातें (चीफ जनरल मैनजर, BSNL श्री डी.पी. परिहार अंकल, भूगोल-रीडर श्री एस. सी. चतुर्वेदी अंकल, पापा श्री के.के. यादव, द्वीप-लहरी के संपादक श्री व्यासमणि त्रिपाठी अंकल, डाक अधीक्षक श्री आदक अंकल)
थोड़ी सी आइस-क्रीम मैं भी खा लूं
और ये रही मैं मम्मा-पापा के साथ
( इस पोस्ट की चर्चा मुस्कानों की सुंदर झाँकी (चर्चा मंच-103) के अंतर्गत भी देखें )
( इस पोस्ट की चर्चा मुस्कानों की सुंदर झाँकी (चर्चा मंच-103) के अंतर्गत भी देखें )
लेबल:
पार्टी-डे,
फन एंड मस्ती,
मैं हूँ पाखी,
हैप्पी बर्थ-डे
गुरुवार, मार्च 25, 2010
बुधवार, मार्च 24, 2010
पोर्टब्लेयर के तीन खूबसूरत म्यूजियम की सैर
एन्थ्रोपोलाजिकल म्यूजियम के बाद हम लोग फिशरीज म्यूजियम गए. यहाँ अन्दर फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है. यहाँ पर ढेर सारी मछलियाँ हैं. इसके अलावा डोल्फिन (Dolphin), शार्क (Shark), व्हेल (Whale) सहित अंडमान के राज्य-जीव समुद्री गाय (Dugong creek) के कंकाल भी यहाँ देखे जा सकते हैं. व्हेल का कंकाल तो इतना विशालकाय था कि मैं दंग रह गई. फिर हम समुद्रिका (नेवेल मरीन म्यूजियम) गए, यह हमारे घर के बगल में ही है.
खूबसूरत मछलियाँ और प्रवाल (Corals) तो और भी खूबसूरत लगते हैं.ये देखिये कछुए (Turtle) की मोटी खाल. अंडमान में चार तरह के कछुए मिलते हैं, इन्हीं में से ओलिवे-रिडले (Olive Ridley)भी हैं.
खूबसूरत सीपियाँ और शंख तो बड़े मनभावन लगे.
अंडमान-निकोबार (Andaman & Nicobar Islands) के आदिवासियों का एक चित्र यहाँ भी.
भारत के एकमात्र जागृत ज्वालामुखी 'बैरन ज्वालामुखी' (Barren Volcano) का चित्र भी यहाँ दिखा। सुनामी (Tsunami) के दौरान यह पुन : जागृत हुआ था, फ़िलहाल 2006 से शांत है।
...तो मजेदार रहा न मेरा यह म्यूजियम-टूर और आप लोगों को भी मैंने बैठे-बैठे यहाँ की सैर करा दी। आप लोग भी यहाँ आइयेगा तो ये म्यूजियम जरुर घूमने जाइएगा और हाँ, पाखी को नहीं भूलियेगा !!
लेबल:
अंडमान-निकोबार की दुनिया,
फन एंड मस्ती,
संडे
शनिवार, मार्च 20, 2010
मेरी नन्हीं गौरैया

अब यहाँ अंडमान में आ गई हूँ तो उनकी याद आती है. मन करता है कि वे भी उड़
कर यहाँ आ जातीं तो कितना मजा आता. यहाँ हमारे घर के पीछे अंडमान टील हॉउस है. इन दोनों के बीच में खाई है, जहाँ ढेर सारे पेड़-पौधे हैं. रोज शाम को वहां चिड़ियों को देखती हूँ, पर कानपुर वाली गौरैया की अभी भी याद आती है। पता नहीं अब उसे कोई दाना खिलाता भी होगा या नहीं. पापा ने बताया आज 'विश्व गौरैया दिवस' है, तो मुझे अपनी गौरैया की और भी याद आई. मम्मी के साथ मिलकर एक प्यारा सा गीत बनाया. आप भी पढ़ें और अपनी राय दें-

उड़कर आई नन्हीं गौरैया
लान में हमारे।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
लगते कितने प्यारे।
गौरैया रोज तिनका लाती
प्यारा सा घोंसला बनाती।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
चोंच से खाना खिलाती।
सोमवार, मार्च 15, 2010
शुक्रवार, मार्च 12, 2010
आपका बचा खाना किसी बच्चे की जिंदगी है !!

अगर आगे से कभी आपके घर में पार्टी/समारोह हो और खाना बच जाये या बेकार जा रहा हो तो बिना झिझके आप 1098 (केवल भारत में) पर फ़ोन करें। यह एक मजाक नहीं है। यह चाइल्ड हेल्पलाइन है. वे आयेंगे और भोजन एकत्रित करके ले जायेंगे।
***मदद करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठो से अच्छे होते हैं***
!! कृप्या इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें इससे उन बच्चों का पेट भर सकता है !!
बुधवार, मार्च 03, 2010
गुब्बारे और खिलौने सस्ते...हुर्रे.
इस बार बजट में वित्त-मंत्री जी ने गुब्बारे व खिलौने सस्ते कर दिए हैं, सो मेरी तो बल्ले-बल्ले है. ढेर सारे गुब्बारे उड़ाउंगी और प्यारे-प्यारे खिलौने खरीदूंगी. आप भी मेरे साथ खेलना न भूलना !! 
सोमवार, मार्च 01, 2010
टेंशन की बात : शेर, बाघ सब गायब
अपने देश में तेजी से बहुत सारे जीव-जंतुओं की संख्या कम होती जा रही है. पता नहीं जब तक हम बड़े होंगें ये देखने को मिलें या नहीं. लगता है कि हम उन्हें सिर्फ पुस्तकों में पढ़ेंगें तथा खिलौने के रूप में खेलेंगें. 2008 में हुई गणना के अनुसार देश में 359 शेर, 1411 बाघ, 2,358 गैंडे और 27,694 हाथी हैं. इसके बाद तो आज 2010 तक इनकी संख्या और भी कम हो गई होगी. इस साल अब तक 05 बाघों की मौत हो चुकी है. हम बच्चों के लिए यह बड़ी चिंता का विषय है कि यदि इसी तरह ये ख़त्म होते रहे तो हम इन्हें कैसे देख पायेंगें. डायनासोर जैसे जानवरों का उदाहरण हमारे सामने है. फ़िलहाल मैं तो अपने टाइगर के साथ खेलकर खुश हूँ, पर यह सब देखकर मेरे साथ मेरा टाइगर भी दुखी हो जाता है...!!
सदस्यता लें
संदेश (Atom)