अपने देश में तेजी से बहुत सारे जीव-जंतुओं की संख्या कम होती जा रही है. पता नहीं जब तक हम बड़े होंगें ये देखने को मिलें या नहीं. लगता है कि हम उन्हें सिर्फ पुस्तकों में पढ़ेंगें तथा खिलौने के रूप में खेलेंगें. 2008 में हुई गणना के अनुसार देश में 359 शेर, 1411 बाघ, 2,358 गैंडे और 27,694 हाथी हैं. इसके बाद तो आज 2010 तक इनकी संख्या और भी कम हो गई होगी. इस साल अब तक 05 बाघों की मौत हो चुकी है. हम बच्चों के लिए यह बड़ी चिंता का विषय है कि यदि इसी तरह ये ख़त्म होते रहे तो हम इन्हें कैसे देख पायेंगें. डायनासोर जैसे जानवरों का उदाहरण हमारे सामने है. फ़िलहाल मैं तो अपने टाइगर के साथ खेलकर खुश हूँ, पर यह सब देखकर मेरे साथ मेरा टाइगर भी दुखी हो जाता है...!!
16 टिप्पणियां:
वाकई अगर अभी ध्यान नहीं दिया तो बहुत ही टेंशन की बात है।
होली की शुभकामनाएँ ।
होली की शुभकामनाएँ ।
होली पर हार्दिक शुभकामनाएं. पढ़ते रहिए www.sansadji.com सांसदजी डॉट कॉम
टेंशन तो हो रहा है...आप तो अपने टाईगर को खूब खाना खिला देना.
ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
आपकी चिन्ता वाजिब है!
होली की शुभकामनाएँ!
आपको और आपके परिवार को होली की हार्दिक बधाईयाँ एवं शुभकामनायें !
अरे पाखी तो अभी से बड़े लोगों जैसी बातें करने लगी..पर बात बहुत सार्थक कही..!!
पाखी की बात में तो दम है. अब हमें भी सोचना पड़ेगा.
ये तो फुली टेंशन की बात है. बच्चे भी सोच रहे हैं, यही क्या कम है.
जबरदस्त अंदाज़ ! पाखी ने तो हमें भी टेंशन में ला दिया.
हम भी आपकी बात से सहमत हैं पाखी. कुछ ना कुछ करना पड़ेगा.
हाँ भाई हमें भी टेंशन हो रही है. सोच रहे हैं कि शेर-बाघ जाकर किसी जू में एक बार फिर से देख लें, नहीं तो कल क्या होगा किसने जाना है.
वाजिब बात है पाखी की.
बेहद सोचनीय है यह तो..आपने सही बात कही.
Ye to ham bhi tens ho gaye.
पाखी की बात में तो दम है
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