आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शुक्रवार, मई 29, 2015

अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को 'परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान'


अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को 'परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान' से सम्मानित किया गया । 25 मई 2015 को कोणकोर्ड ग्रैंड होटल, कोलम्बो में आयोजित पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में इसके तहत अक्षिता को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5,000/- की धनराशि से सम्मानित किया गया। 

(चित्र में : डॉन सोमरथ्न विथाना, वरिष्ठ नाट्यकर्मी, श्रीलंका,  श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर, श्री नकुल दूबे, पूर्व नगर विकास मंत्री, उत्तरप्रदेश सरकार, डॉ सुनील कुलकर्णी,  हिन्दी विभागाध्यक्ष, उत्तर महाराष्ट्र विश्वविद्यालय जलगांव एवं श्री रवीन्द्र प्रभात, संयोजक- अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन ।)




अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में  25 मई 2015 को 'परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान' से सम्मानित होतीं नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) । 



यह आप सभी की अक्षिता (पाखी) के प्रति हार्दिक शुभकामनाओं, स्नेह और प्रोत्साहन का परिणाम है !!


मंगलवार, मई 19, 2015

अख़बारों की निगाह : नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को मिलेगा कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान


नन्ही अक्षिता  को श्रीलंका में मिलेगा सार्क ब्लॉगर सम्मान 
(साभार : दैनिक भास्कर)

जोधपुर की नन्ही ब्लॉगर अक्षिता श्रीलंका में होगी सम्मानित 
(साभार  :पंजाब केसरी )

8 साल की अक्षिता को अंतराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मान 
(साभार  : राजस्थान पत्रिका )


नन्ही ब्लॉगर अक्षिता का होगा श्रीलंका में सम्मान  
अक्षिता डाक विभाग के निदेशक के के यादव की पुत्री 
( साभार  : दैनिक नवज्योति )


जोधपुर की नन्ही ब्लॉगर अक्षिता को श्रीलंका में मिलेगा ‘परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान ’  
( साभार  : जनगण )

जोधपुर की नन्ही ब्लॉगर अंतराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में होगी सम्मानित । 
( साभार  : मरु लहर )


जोधपुर की नन्ही ब्लॉगर अक्षिता श्रीलंका में होगी सम्मानित ।
( साभार  : नगर प्रभा )


जोधपुर की अक्षिता यादव को मिलेगा ‘परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान ’ 
( साभार  : दैनिक तरुण राजस्थान  )

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव को मिलेगा कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान 
(साभार : दैनिक प्रतिनिधि)

जोधपुर की नन्ही ब्लॉगर अक्षिता श्रीलंका में सम्मानित होगी। 
( साभार  : दैनिक जलते दीप )

सोमवार, मई 18, 2015

नन्ही ब्लॉगर पाखी की उड़ान

बेटियाँ अपनी मौजूदगी से पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं। नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव (पाखी) को श्री लंका में आयोजित होने वाले पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन (23 से 27 मई 2015) में "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" के लिए चयनित किया गया है। इस सम्मान के अंतर्गत अक्षिता को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5,000/- की धनराशि प्रदान की जाएगी।  कक्षा 3  की छात्रा अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं और मम्मी श्रीमती आकांक्षा एक काॅलेज में प्रवक्ता रही हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लाॅगर भी हैं। उक्त जानकारी सम्मेलन के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी। 

अक्षिता भारत की सबसे कम उम्र (4 साल 8 माह ) की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता भी है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ’कला’ और ’ब्लाॅगिंग’ के लिए तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 14 नवम्बर, 2011 को ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011’ प्राप्त कर अक्षिता ने इसे सबसे कम उम्र में पाने का कीर्तिमान बनाया, वहीं  ब्लाॅगिंग के लिए भी राजकीय स्तर पर प्रथम सम्मान-पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त किया। यही नहीं, इससे पूर्व अक्षिता को नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ‘श्रेष्ठ नन्हीे ब्लाॅगर‘ के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा विभिन्न मंचों पर फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी, सांसद डिम्पल यादव, दबंग फेम म्यूजिक-कम्पोजर वाजिद खान, नेपाल सरकार के  मंत्री अर्जुन नरसिंह केसी, साहित्यकार अशोक चक्रधर, डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय इत्यादि भी अक्षिता को सम्मानित कर चुके हैं। 

 अक्षिता के बनाये चित्रों और गतिविधियों को ब्लाॅग के माध्यम से  लोगों के सामने प्रस्तुत करने हेतु उसके मम्मी-पापा ने  24 जून 2009 को “पाखी की दुनिया” (http://www.pakhi-akshita.blogspot.in/) नाम से अक्षिता का ब्लाॅग बनाया। अक्षिता का यह ब्लॉग उसकी सोच और कल्पना का मूर्त रूप है। अक्षिता की सोच को ब्लॉग के माध्यम से उकेरने की जिम्मेदारी खुद अक्षिता के माता-पिता ने ली है। वह उसके द्वारा कहे गये शब्दों, उसकी कल्पना व सोच को शब्दों का रूप देकर इस ब्लॉग को मेंटेन करते हैं। देखते ही देखते करीब एक लाख से अधिक हिन्दी ब्लाॅगों में इस ब्लाॅग की रेटिंग बढ़ती गई और आज इस ब्लॉग पर 415  से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 275 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लॉग पर तमाम प्रतिक्रियाएं  प्राप्त हुईं और 100 से ज्यादा देशों में इसे देखा-पढ़ा जाता है। अक्षिता और उसका ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया‘ फेसबुक (https://www.facebook.com/AkshitaaSingh) पर भी उपलब्ध है, जहाँ लगभग 1200 लोग इसे अनुसरण करते हैं। 

बुधवार, मई 13, 2015

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान

कहा जाता है, कि प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती। आपको जानकर  आश्चर्य होगा कि भारत की ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया की एक मात्र ऐसी नन्ही ब्लॉगर जिसे "राष्ट्रीय बाल पुरस्कार " प्राप्त हुआ है, नाम है अक्षिता (पाखी)। अक्षिता को यह पुरस्कार 'कला और ब्लागिंग' (Excellence in the Field of Art and Blogging) के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि के लिए बाल दिवस, 14 नवम्बर 2011 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत सरकार की तात्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ जी द्वारा प्रदान किया गया था । इसके तहत अक्षिता को 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र दिया गया था।  इनका ब्लॉग है "पाखी की दुनिया"। 

उल्लेखनीय है, कि अक्षिता (पाखी) को  वर्ष 2010 में श्रेष्ठ नन्हा ब्लॉगर वर्ग में "परिकल्पना सम्मान" भी प्राप्त है। उसी श्रृंखला में वर्ष-2014 के "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" (Parikalpana SAARC Junior Blogger Award) के लिए अक्षिता पाखी का चयन किया गया है, जिन्हें आगामी 23 से 27 मई 2015 को श्री लंका में आयोजित पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5000/- की धनराशि प्रदान किए जाएंगे। समारोह में सहभागिता हेतु हम उनका हृदय से स्वागत करते हैं।

(साभार : अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन के संयोजक श्री रविन्द्र प्रभात जी अंकल के फेसबुक टाइमलाइन पर घोषणा, 10 अप्रैल 2015)

(इस सम्मान और आप सभी की शुभकामनाओं व आशीष के लिए आभार !!)

रविवार, मई 10, 2015

माँ से प्यारा कोई नहीं

माँ से प्यारा कोई नहीं।  हम तो हमेशा अपनी मम्मी-पापा  के साथ ही रहते हैं।  जब पापा ऑफिस चले जाते हैं तो फिर मम्मी के साथ ही दिन भर शरारतें और मस्ती। वैसे मां को सम्मानित करने के लिए मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। पर माँ के लिए एक दिन ही क्यों, हर दिन तो माँ का ही है। माँ हमारी सबसे बेस्ट फ्रेंड भी तो होती हैं, इससे पहले कि हम कोई बात कहें, माँ झट से समझ लेती हैं।  माँ को लेकर पापा जी की एक बाल-कविता भी पढ़िए। 

कितनी प्यारी मेरी मम्मी,
परी सी मुझको लगती है।
अपनी खुशियाँ देखे मुझमें,
हरदम हँसती रहती है।


मम्मी मुझको स्कूल छोड़ती,
फिर आॅफिस चली जाती है।
शाम को फिर लेने आती,
कार में सैर कराती है।


पार्क में और माॅल घुमाती,
चाॅकलेट खिलाती है।
क्लास में मैं रहूँगी अव्वल,
होमवर्क करवाती है।




माँ से प्यारा कोई नहीं