आपको टॉयज अच्छे लगते हैं. मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं. आपने साथ-साथ तन्वी के टॉयज भी तो हैं, फिर ढेर सारी मस्ती. ऐसी ही एक दिन की मस्ती को पापा ने कैमरे में कैद कर लिया.
आप बताईए, कैसी लगी मेरी यह मस्ती और मेरे साफ्ट टॉयज !!
प्रिय पाखी जी हार्दिक अभिवादन और प्यार - क्यों नहीं हमें तो खिलौने ये बेहद पसंद है लेकिन कोई देता ही नहीं की ऐसे ही मै भी इस पर सवारी करूँ उनका कान पकड़ ...जोर से भगाऊँ .. आप हमारे नन्हे मुन्नों के ब्लॉग - बाल झरोखा सत्यम की दुनिया http://surenrashuklabhramar5satyam.blogspot.com में आया करो न -अपना समर्थन भी दो ... माया नगरी को तथा और सभी कविता पसंद करने के लिए -प्रोत्साहन के लिए आभार - शुक्ल भ्रमर ५ बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
22 टिप्पणियां:
आपके खिलौने तो बहुत प्यारे प्यारे हैं।
aap aur aapke khilone dono hi bahut cute hai .........
पाखी तो प्यारी है ही पाखी के खिलौने भी उतने ही प्यारे -प्यारे हैं
,पाखी बेटा ,
सोफ्ट टोयज़ से खेलना अच्छा तो लगता है पर मेरी बात मानोगी तो एक काम करो इनसे थोडा दूर रहो ये ज्यादा अच्छे नहीं होते वैसे आपके साथ अच्छे लग रहे हैं
बहुत खूब! बड़े ही प्यारे खिलौने हैं...लेकिन शालिनी आंटी की बात भी सही है..मेरी मम्मी भी मुझे यही समझाती है...
ये तो बहुत प्यारे हैं. तन्वी को भी खेलने को देती हो या नहीं.
ये तो बहुत प्यारे हैं. तन्वी को भी खेलने को देती हो या नहीं.
Very Good
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कल 26/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
@ Praveen Uncle,
@ Amrendra Uncle,
@ REkha Aunty,
Thanks for ur nice words..love.
@ Shalini Aunty,
बात तो आपकी सही है. पर मैं तो इनसे कभी-कभी खेलती हूँ. ये तो मुझे प्यारे भी लगते हैं.
@ Runjhun Di,
आप कहती हो तो मान लेती हूँ..
@ Dada ji,
तन्वी तो अभी हर चीज बस मुंह में ही डालती है..
@ Yashvant Uncle,
मेरे साफ्ट टॉयज की चर्चा के लिए प्यार और आभार !!
पाखी बिल्कुल आपके जैसे प्यारे सोफ्ट टोयस हैं!
My little angel Pakhi ! you also looks like pretty soft toys.
खूब घुमा आपके ब्लॉग पर। सभी पोस्ट देखा।
खिलौने चुराना चाहता था ...भूल गया।
wow... pakhi sundar khilaune hain. inhe aapko thoda un logo se bhi baantna chahiye jinke paas khilaune nhi hai. shubh ashish.
बहुत प्यारे खिलौने ... पाखी जैसे ..
प्रिय पाखी जी हार्दिक अभिवादन और प्यार -
क्यों नहीं हमें तो खिलौने ये बेहद पसंद है लेकिन कोई देता ही नहीं की ऐसे ही मै भी इस पर सवारी करूँ उनका कान पकड़ ...जोर से भगाऊँ ..
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शुक्ल भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
कित्ते प्यारे प्यारे सॉफ्ट टायज़ है बिल्कुल हमारी पाखी की तरह!!!
very very nice post.
कुछेक हमें भी तो चाहिए खेलने को..
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