कल शाम को मैं मम्मी-पापा के साथ बाहर एक रेस्तरां में डिनर के लिए गई. वहाँ जब मैंने रुमाली रोटी माँगी तो वेटर ने इत्ती बड़ी रुमाली रोटी दे दी कि मैं देखती ही रह गई. इसमें तो मैं चाहूँ तो छुप भी जाऊँ . है ना मजेदार...!!
( इस पोस्ट की चर्चा इस दुनिया में सबसे न्यारे (चर्चा मंच - 174) के अंतर्गत भी देखें )
43 टिप्पणियां:
मजेदार...
अरे बाप रे, इतनी बडी रोटी?
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क्या आप जवान रहना चाहते हैं?
ढ़ाक कहो टेसू कहो या फिर कहो पलाश...
भोपाल आ जाओ... इससे भी बड़ी रोटी खिलाऊँगा :)
really big
क्रोध पर नियंत्रण स्वभाविक व्यवहार से ही संभव है जो साधना से कम नहीं है।
आइये क्रोध को शांत करने का उपाय अपनायें !
सच में रोटी बड़ी है.
छोटा करना हो तो खाना शुरू कर दो
सच में रोटी बड़ी है.
छोटा करना हो तो खाना शुरू कर दो
वाह वर्मा जी वाकई आप अच्छे शिक्षक है ,बच्चों को बच्चे के लायक सलाह .. बहुत खूब ....
अरे आप इसे लेकर कहाँ भाग रहे हैं?
हा हा!! इत्ती बड़ी रोटी..पाखी कैसे खायेगी. :)
रोटी बडी तो कोई बात नही मुझे भी बुला लेना साथ साथ खायेगे..पर आप ने तो बताया ही नही कि रूमाली रोटी आपको खाने मे कॆसी लगी...वॆसे जो रोटी आप हाथ मे ली हे उसे मम्मी ने बनाई हॆ क्या? क्योकि फोटो मे बॆकग्राउंड तो घर का ही लग रहा हे..{या पाखी ने मेरे लिये रेस्तरां से मगवाई हॆ :)}
ये तो बताया ही नही कि साथ मे क्या खाया? वॆसे मॆ आपको बता दू कि रुमाली रोटी (उर्दु: رومالی روٹی) भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भागों, विशेषकर उत्तर भारत एवं पाकिस्तान में प्रचलित एक बहुत पतली मैदा से बनी रोटी होती है। इसे प्रायः कबाब के संग खाया जाता है। यह मुगलई खानपान का अभिन्न अंग है। इसका नाम रुमाल से निकला है, क्योंकि ये रुमाल की तरह पतली होती है, व तह कर रखी जाती है।
रूमाली रोटी पर एक जोक्स याद आ गया:-
वेटर - सर ! यह रहा आपका नेपकीन!
ग्राहक - ना, ना! मैंने नेपकीन प्लेट में से उठा लिया है।
वेटर - क्षमा करें सर! आप रूमाली रोटी को नेपकीन समझ रहे हैं।
रूमाली रोटी इससे भी पतली और बड़ी भी बनती है.
बिल्कुल सही कहा तुमने! रुमाली रोटी बहुत बड़ी होती है और मुझे तो बहुत पसंद है!
'छोटी सी गुड़िया इतनी बड़ी रोटी कैसे खाएगी ,,लगता है कुछ देर में हमें भी बुलाएगी' :)
छुपने के काम में लोगी तो खाओगी क्या?
प्यार..
very nice
वाह , पाखी बिटिया
रोटी देख कर तो मै भी आश्चर्य से भर गया हूँ
मेरे लिए भी रोटी बचाकर रखना I
ये तो बड़ी कमाल की रोटी है पाखी...
@ Syed Uncle,
भोपाल आएंगे तो जरुर खायेंगे , अंकल जी...
@ M Verma Uncle,
यही करना पड़ा था इसे छोटी करने के लिए..आपने भी सही सीख दी.
@ Samir Uncle Ji,
मुझे कोई चिंता नहीं. आप हैं न शेयर करने के लिए सबसे अच्छे वाले अंकल जी.
@ Ashu Uncle,
रोटी इत्ती बड़ी थी कि मैं खा ही नहीं पाई. फिर इसे पैक कराके घर लाई और ये सुन्दर सी तस्वीर उतारी. आपको तो रुमाली रोटी के बारे में खूब जानकारी है, कहाँ से लाये. लगता है आप खूब खाते हो और जोक तो पढ़कर मजा आ गया...हा..हा..हा..
@ राजेंद्र मीणा अंकल,
@ भारती अंकल,
आप दोनों को तो जरुर जरुर बुलाएँगे .
@ रंजन अंकल,
यह तो मैंने सोचा ही नहीं...
ये रोटी तो वाकई कमाल की है...
पर पाखी ने इस रोटी का किया क्या ??
अब हम भी अपने कानपुर में इतनी बड़ी रोटी ढूंढेंगे पाखी.
जब रोटी इतनी बड़ी तो तवा कितना बड़ा होगा..मजेदार रही न.
जब रोटी का ये कमाल.
तो इसे बनाने वाले का क्या होगा हाल.
पाखी जी, मिल बांटकर खायेंगी तो इत्ती बड़ी रोटी को छोटे होने में समय भी नहीं लगेगा.
वाकई यह रोटी लाजवाब है. पाखी तो इसे अकेले ही फिनिश कर देगी...गुड गर्ल.
रोटी का कमाल.
बेचने वाले हैं मालामाल.
पाखी , देखा एक रोटी, इत्ते दावेदार...अब क्या होगा ??
पाखी, हमारे घर आना. आपको इससे भी बड़ी रोटी बनाकर खिलाएंगे..पर आपको पूरी रोटी ख़त्म करनी होगी.
पाखी बेटा, हम रोटी खाने के मामले में तेज हैं. कुछ मदद करें क्या.
...वैसे ये रोटी भी नसीब वाली है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है..जय हो रोटी महारानी की.
बढ़िया और मज़ेदार होने के कारण
चर्चा मंच पर इस पोस्ट की चर्चा
निम्नांकित शीर्षक के अंतर्गत की गई है –
इस दुनिया में सबसे न्यारे!
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पेड़ लगाकर भूल न जाना!
चलो इत्ती बड़ी रोटी खा लेना। औऱ न खाई जाए तो किसी को दे खिला देना जिसे इसकी जरुरत हो। क्योंकि कई लोग इससे छोटी रोटी भी खाने को तरस जाते हैं। औऱ कई लोग इससे भी कई गुणा बड़ी रोटी खा लें तो उनका पेट नहीं भरता पाखी।
तो तुम इतना करना जिसे जरुरत हो उसे जरुर दे देना चाहे बची हुई ही क्यो न हो बिटिया रानी।
भई कमाल का है... रोटी का कमाल...मैंने भी इतनी बड़ी रोटी पहली बार देखी है.. मैं साथ होता तो अपने सब मिल कर खाते...
@ रवि अंकल ,
इस प्यारी चर्चा के लिए आपको ढेर सारा प्यार व आभार.
@ boleto bindas Uncle,
अंकल जी, एकदम बिंदास bola आपने..अच्छी बात कही.
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