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बुधवार, मार्च 20, 2013

गौरैया ! तुम कभी दूर न जाना


आज 'वर्ल्ड स्पैरो डे' है। मेरे घर पर तो रोज स्पैरो (गौरैया) आती है। और पता है ! लॉन में मेरे स्विंग के ऊपर उसने अपना नेस्ट भी बनाया है। एक दिन मैंने उसे चूँ -चूँ करते सुना तो यह बात मुझे पता चली। अब तो हमने उसके लिए वहाँ वाटर-पॉट भी रख दिया है और उसे दान भी खिलाती हूँ। आज सुबह मैंने उसे बताया कि आज 'वर्ल्ड स्पैरो डे' है, पता नहीं वह मेरी बात समझी या नहीं, पर चूँ -चूँ जरुर करने लगी।
 
हम सभी को यह सोचना चाहिए कि स्पैरो हमारे लिए कितनी इम्पार्टेंट है। सिर्फ एक ही दिन क्यों, हर दिन उसके लिए सोचें।


स्पैरो को बचाने के लिए यह जरुर करें-

-जब गौरैया दिखे तो उसे प्यार से ट्रीट करें।
-घरों में कुछ ऐसे झरोखे रखें, जहां गौरैया घोंसले बना सकें।
-छत और आंगन पर अनाज के दाने बिखेरें।

-घर की मुंडेर पर मिट्टी के बरतन में पानी रखें।
-आंगन और छतों पर पौधे लगाएं ताकि पक्षी आकर्षित हों।

-जल चढ़ाने में चावल के दाने डालने की परंपरा  
-फसलों में कीटनाशकों का प्रयोग न करें।
-अनलेडेड पेट्रोल का इस्तेमाल न करें।


5 टिप्‍पणियां:

डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

आपकी पोस्ट 21 - 03- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें ।

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

अच्छी बातें ..... सुंदर पोस्ट

Madan Mohan Saxena ने कहा…

बेह्तरीन अभिव्यक्ति .शुभकामनायें.

विकास गुप्ता ने कहा…

सही बात कही है आज गौरेया बहुत ही कम दिखाई देती है ।

रश्मि शर्मा ने कहा…

बहुत अच्‍छी बात कही..