आज का दिन अंडमान में काफी महत्व रखता है. आज सुबह जब मैं पापा के गेस्ट-हॉउस में जा रही थी तो देखा कि नेता जी स्टेडियम के सामने राष्ट्रीय झंडा फहराया जा रहा है. मैंने सोचा कि आज क्यों झंडा फहराया जा रहा है ?
फिर पापा ने बताया कि आज ही के दिन अर्थात 30 दिसंबर को 1943 में आजाद हिंद फ़ौज (Indian National Army) के सुप्रीम कमांडर के रूप में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सर्वप्रथम अंडमान में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. तब हमारा देश अंग्रेजों का पराधीन था और अंडमान में जापान का कब्ज़ा था. नेता जी यहाँ अंडमान में सेलुलर जेल देखने आए थे और अंडमान-निकोबार को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र पहले क्षेत्र के रूप में घोषित कर उन्होंने यहाँ जिमखाना ग्राउंड (अब नेता जी स्टेडियम) में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. नेता जी ने इन द्वीपों को 'शहीद' और 'स्वराज' नाम दिया था. उस समय नेता जी कि सरकार को 9 देशों की सरकार ने मान्यता दी थी. तब से हर साल 30 दिसंबर को यहाँ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराकर उस दिन को याद किया जाता है.
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30th December is a significant day in the history of India in general and the Andamans in particular. On this day in the year 1943, Netaji Subhash Chandra Bose hoisted the National Flag for the first time at Port Blair declaring the islands, the first Indian Territory to be liberated from the British rule, renamed them “Saheed” and “Swaraj”. Today the day is celebrated as “Andaman Day”, the day marks the anniversary of the unfurling of the first Indian Tricolour.
फिर पापा ने बताया कि आज ही के दिन अर्थात 30 दिसंबर को 1943 में आजाद हिंद फ़ौज (Indian National Army) के सुप्रीम कमांडर के रूप में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सर्वप्रथम अंडमान में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. तब हमारा देश अंग्रेजों का पराधीन था और अंडमान में जापान का कब्ज़ा था. नेता जी यहाँ अंडमान में सेलुलर जेल देखने आए थे और अंडमान-निकोबार को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र पहले क्षेत्र के रूप में घोषित कर उन्होंने यहाँ जिमखाना ग्राउंड (अब नेता जी स्टेडियम) में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. नेता जी ने इन द्वीपों को 'शहीद' और 'स्वराज' नाम दिया था. उस समय नेता जी कि सरकार को 9 देशों की सरकार ने मान्यता दी थी. तब से हर साल 30 दिसंबर को यहाँ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराकर उस दिन को याद किया जाता है.
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30th December is a significant day in the history of India in general and the Andamans in particular. On this day in the year 1943, Netaji Subhash Chandra Bose hoisted the National Flag for the first time at Port Blair declaring the islands, the first Indian Territory to be liberated from the British rule, renamed them “Saheed” and “Swaraj”. Today the day is celebrated as “Andaman Day”, the day marks the anniversary of the unfurling of the first Indian Tricolour.
15 टिप्पणियां:
ऐतिहासिक दिन...गौरवमयी स्मरण..बधाई.
Andaman men rahkar ap bahut kuchh sikh raho ho pakhi..badhai.
पाखी, बहुत खूब याद दिलाई तुमने.
Aitihasik din ko yaad karane ke liye dhanyavaad..
haardik shubhkamna..
जय हिन्द!!
फिर तो आज का दिन बहुत ही खास है ....
vaah paakhi...bahut achhi jaankari dee aapne .dhanyavad:)
स्मरणीय व गौरवशाली क्षण।
ये तो याद रखने वाला दिन है………………आगत विगत का फ़ेर छोडें
नव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
नेताजी को नमन करते हैं वंदन करते हैं ईश्वर से प्रार्थना करते हैं हममे भी वह शक्ति दे वह भावना दे जो प्रणम्य नेताजी मे थी, आज "लोक-पाल" बिल की जरूरत ही न पड़े। नव वर्ष की आप सभी को बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें।
नव-वर्ष 2012 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
इतिहास के स्वर्णिम पृष्ट पलटना सदैव सुखद लगता है. ..गौरवशाली दिन.
नव वर्ष आप सबके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ और उमंगें लाए...!!
Historical Day..salute.
नव वर्ष शुभ हो..शुभकामनायें.
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