आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

गुरुवार, दिसंबर 08, 2011

चिड़िया चूं-चूं करती है

आजकल मेरे स्कूल में ढेर सारी प्यारी-प्यारी कविताएँ पढाई जाती हैं. घर पर आकर मैं उन्हें खूब गुनगुनाती हूँ. इसे आप भी मेरे साथ गुनगुनाइए-

चिड़िया चूं-चूं करती है
पास जाओ तो डरती है
दिन में खाना खाती है
रात पड़े सो जाती है !!

10 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

प्यारी सी कविता सिखायी गयी है आपको।

SKT ने कहा…

बहुत अच्छे! यूं ही गुनगुनाते रहो...

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

एक शिशु गीत मेरी तरफ से भी..

चिडिया

चिड़िया दाना लाती है.
बच्चों को खिलाती है.
फिर वो लोरी गाती है
बच्चों को सुलाती है..
- दीनदयाल शर्मा.
बाल साहित्यकार..
राजस्थान

Saba Akbar ने कहा…

बहुत सुन्दर

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

बहुत अच्छी है!

Unknown ने कहा…

प्यारी सी कविता,बहुत अच्छी है

Unknown ने कहा…

अच्छा लगा जानकर कि घर पर आकर आप कविताओं को खूब गुनगुनाती हैं...प्यारी कविता.

मन-मयूर ने कहा…

पाखी, आपके नाम का मतलब भी तो चिड़िया है, कहीं वह चिड़िया आप ही तो नहीं हो.

मन-मयूर ने कहा…

पाखी,

आपके नाम का मतलब भी तो चिड़िया है, कहीं वह चिड़िया आप ही तो नहीं हो.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

यह चिड़िया तो बहुत प्यारी है, ठीक हमारी पाखी की तरह..स्नेह और प्यार.