दशहरे की छुट्टियाँ ख़त्म, फिर से स्कूल. पर इन छुट्टियों में मैंने तो खूब मस्ती की.
पार्क घूमती, रेस्तरां में खाना खाती, माँ दुर्गा की मूर्तियाँ देखती, बैलून फुलाती और उड़ाती, सिस्टर तन्वी के साथ खूब मस्ती...और यह मेहंदी भी तो.
ये देखिए...कैसी लग रही है मेरी मेहंदी. खूब चढ़ी है ना.
17 टिप्पणियां:
वाह ...पाखी की मेंहदी तो बहुत ही सुन्दर लग रही है ,किसने लगाई ....?
बहुत ही सुन्दर लग रही है|
पाखी ने हाथों पर मेंहदी रचाई है,
इन हाथों से मन में गुदगुदी मचाई है!
मेंहदी तो अच्छी है ,दोनों हाथों पर एक साथ लगवाने के बाद अपनी सेवा खूब करवाई होगी।
बड़ी प्यारी लग रही है।
@ REkha Aunty,
धन्यवाद..यह मेहंदी लगाई इक ब्यूटी-पार्लर वाली आंटी ने.
@ Patali Ji,
Thanks a lot.
@ Ravendra Uncle,
आपके इन प्यार भरे शब्दों के लिए प्यार और आभार.
@ Praveen Uncle,
Thanks a lot.
@ Mathur Dada ji,
यह तो सच्ची बात कही आपने. काफी देर तक तो मैं दोनों हाथों से कुछ भी काम नहीं कर सकी.
वाकई, पाखी के हाथों में तो मेहंदी खूब जँच रही है. पाखी और तन्वी को प्यार और आशीर्वाद.
बहुत सुन्दर मेंहदी....पाखी
वाह पाखी जी, यह तो खूब फब रही है. मेहंदी से भला किसे न प्यार हो.
ममा और तन्वी ने लगवाया कि नहीं..
बहुत खूबसूरत..पर प्यारी पाखी से ज्यादा नहीं.
आपकी मेहन्दी ने तो हमारा मन मोह लिया बेटू जी.
मनभावन लगी आपकी मेहंदी बिटिया रानी जी.
आपने फोटुयें भी सुन्दर लगाई हैं..ममा से कहकर 'काला टीका' भी तो लगायें. बड़ी प्यारी लग रही है.
..लाजवाब !!
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