आजकल तो चारों तरफ नवरात्र की धूम है. यहाँ पोर्टब्लेयर में भी खूब मूर्तियाँ सजी हैं. मैं भी ममा-पापा और तन्वी के साथ घूमने गई. कित्ती खूबसूरत मूर्तियाँ सजी हैं. अकेले पोर्टब्लेयर में करीब 15 से ज्यादा मूर्तियाँ स्थापित हैं.
पोर्टब्लेयर में बंगाली लोग काफी हैं, फिर तो दुर्गा-पूजा बड़े भव्य रूप में मनाई जाती है.
यहाँ हिंदी साहित्य कला परिषद्, पोर्टब्लेयर द्वारा राम लीला का मंचन जरुर किया जाता है, पर दशहरे पर अपने यहाँ की तरफ रावण-वध नहीं होता.
देखा बैठे-बैठे मैंने इत्ती दूर से माँ दुर्गा जी के दर्शन करा दिए.
12 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर दृश्य पाखी जी. आपने तो वाकई वहां से बैठे-बैठे मां के दर्शन करा दिए. मात्री शक्ति को नमन.
पापा जी की फोटो नहीं दिख रही है..
वाह ...पाखी ने तो सचमुच माताजी का दर्शन करा दिया .....आपको और तन्वी को ढेर सारा प्यार और शुभकामनाएँ
अरे वाह! आपने तो घर बैठे ही माता रानी के दर्शन करा दिये| धन्यवाद|
आपको भी शुभकामनायें हों, आपने तो दर्शन भी करवा दिये।
आप सब को विजयदशमी पर्व शुभ एवं मंगलमय हो।
बैठेबैठे दर्शन करा दिया..बहुत सुन्दर. पाखी और तन्वी को प्यार और आशीर्वाद.
हमने भी दर्शन कर लिए..जय हो.
हमने भी दर्शन कर लिए..जय हो.
अकेले पोर्टब्लेयर में करीब 15 से ज्यादा मूर्तियाँ स्थापित हैं...Har Jagah Durga puja ki dhum...
आपने फोटुयें भी सुन्दर लगाई हैं
इतनी दूर से दर्शन...जय माता दी.
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