आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

मंगलवार, अगस्त 16, 2011

ले. गवर्नर द्वारा आयोजित स्वागत-समारोह (Reception) में पाखी

कल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर मैं पहली बार अंडमान-निकोबार के ले. गवर्नर द्वारा आयोजित स्वागत-समारोह (Reception) में शामिल हुई. कित्ते लोग थे वहाँ, ढेर सारे लोग आए थे. पर मेरी तरह के बच्चे बहुत कम दिखे वहाँ. वहाँ पर मैंने उन बुजुर्ग लोगों को भी देखा, जिन्होंने देश की आजादी में हिस्सा लिया था.

जब हम लोग पहुंचे तो काफी लोग आ चुके थे. कुछ ही देर बाद ले. गवर्नर श्री भूपेंद्र सिंह अंकल जी आंटी के साथ आए. उन्होंने सभी को हाथ जोड़कर नमस्ते की. फिर राष्ट्र-गान की धुन बजने लगी, मैं तो तुरंत सावधान खड़ी हो गई. इसके बाद ले. गवर्नर जी सबसे एक-एक कर मिले. मुझसे भी मिले और मैंने उन्हें नमस्ते किया. कैमरा ले जाने की मनाही थी, नहीं तो अच्छी सी फोटो भी क्लिक कर लेती. जब वो आगे बढ़ गए तो ममा-पापा के साथ घूमती हुई मैं इधर-उधर खूब देखती. इस बीच पापा के ढेर सारे दोस्तों से भी पहली बार मिली.

सबसे अंत में आई खाने की बारी. पता नहीं यह क्यों सबसे अंत में होता है ? मैंने तो खूब मस्ती की, खूब समोसे और पकौड़े खाए.बाहर खूब बारिश भी हो रही थी.कार्यक्रम के अंत में फिर से राष्ट्र-गान की धुन बजी. पर मुझे यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि कई लोग तो मुझे पहले से ही जानते थे, आखिर अख़बारों और टी. वी. पर पहले से फोटो जो देखी थी!!

(चित्र में ले. गवर्नर श्री भूपेंद्र सिंह)

12 टिप्‍पणियां:

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

तुमने स्वतन्त्रता दिवस पर अपने उप-राज्यपाल से भेंट की और कार्यक्रम मे शामिल हुयी यह जान कर प्रसन्नता हुयी।

Shahroz ने कहा…

यह तो एक सुखद अवसर था. पापा के अधिकारी होने का पूरा लुत्फ़ उठा रही हो.

Shahroz ने कहा…

यह तो एक सुखद अवसर था. पापा के अधिकारी होने का पूरा लुत्फ़ उठा रही हो.

Unknown ने कहा…

वाह, पाखी के तो अभी से जलवे हैं. हम इतने बड़े हो गए पर हमें तो कभी भी किसी गवर्नर ने चाय पर नहीं बुलाया...पाखी को बधाई.

Unknown ने कहा…

पाखी, अगर मैं गलत नहीं हूँ तो अंडमान में विधानसभा या मुख्यमंत्री नहीं होता है.

Shalini kaushik ने कहा…

पाखी बहुत अच्छा लगा आपका अनुभव
एक बात बताऊँ की इन सब जगहों पर खाना बाद में इसीलिए होता है की आप जैसे बच्चे फिर कुछ और नहीं करेंगे बस सबसे पहले खाना खाकर भाग जायेंगे

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

सबसे अंत में आई खाने की बारी. पता नहीं यह क्यों सबसे अंत में होता है ?...Main bhi yahi sochta hoon Pakhi.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

लम्बे समय बाद आपके ब्लॉग पर आया..आप तो अंडमान में खूब मस्ती कर रही हैं.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर वृत्तान्त।

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

वहाँ पर मैंने उन बुजुर्ग लोगों को भी देखा, जिन्होंने देश की आजादी में हिस्सा लिया था.
...Unse Prerana bhi leni chahiye apko.

Bharat Swabhiman Dal ने कहा…

पाखी जी आज पहली बार आप के कुछ ब्लॉग लेख पढें तो यह देखकर कि आप इतनी छोटी होकर भी राष्ट्र के लिए इतना सोचती हो दिल में एक नव उत्साह का संचार हुआ । प्रभु आपके औजस्वी विचारों का क्षय न होने दे , आप अपने विचार व कार्यो द्वारा अपना , अपने माता - पिता का और अपने राष्ट्र भारत का नाम विश्व में आलोकित करों , हार्दिक शुभकामनाएँ एवं आशीर्वाद ।

मन-मयूर ने कहा…

Thats Great...Congts.