मेरी छुट्टियाँ ख़त्म हो गई हैं. सोमवार से स्कूल भी जाना शुरू कर दिया है. मस्ती के साथ-साथ पढाई भी तो करनी है...और आपको पता है, यहाँ अंडमान में तो जाड़ा आता ही नहीं यानी ठंडी बिलकुल नहीं पड़ती. ठंडी तो अब बस टी.वी. पर देखती हूँ. ये तो बहुत मजेदार है. ना तो स्वेटर का झंझट और ना ही हीटर का. वहाँ रहती तो इस समय ठण्ड में कित्ती परेशान रही होती, पर यहाँ तो कोई टेंशन नहीं. तभी तो आजकल पोर्टब्लेयर में खूब भीड़ दिखती है, मेरे पार्क में भी. यहाँ इस सीजन में खूब सारे लोग घूमने आ रहे हैं, समुद्र के किनारे बीच पर मस्ती और समुद्री हवाओं का मजा. अगर आपको ठण्ड लग रही हो तो आप भी यहाँ घूमने आ सकते हैं, पर ठंडी को वहीँ छोड़ कर आइयेगा !!
22 टिप्पणियां:
अरे पाखी बेटा,
आप मज़े में हैं, बढ़िया है.
यहाँ तो:-
जाड़ा जाड़ा जाड़ा जाड़ा
जाड़े ने कर दिया कबाड़ा.
बहुत जाड़ा है बेटा यहाँ.
बहुत खूब पाखी और तुम तो सच में बहुत अच्छी जगह पर हो :)
अब तो अपना भी मन होने लगा कि अंडमान घूम लें.
Anyway तुम खूब enjoy करो :)
प्यारी पाखी बिटिया , आपके यहाँ जाड़ा नहीं है , जानकर मन खुश हो गया .
हमारे यहाँ तो बहुत ठण्ड है . ...तो .. मैं तो आपके घर आ रहा हूँ . एक महीने मेहमान बनकर वहीँ रुकूँगा . मम्मी- पापा को बता देना . ...! क्या हुआ ? घबडा गयीं ? अरे , नहीं बिटिया . मैं नहीं आ रहा . हाँ आज मैंने आपका अच्छा- सा फोटो अपनी कविता 'जाड़े की रात ' के साथ लगाया है . अभिनव सृजन में देखना . http://abhinavsrijan.blogspot.com/.
@ Kunwar Uncle,
हम तो मजे में है...जाड़ा तो मुझे एकदम अच्छा नहीं लगता है.
@ Yashvant Uncle,
..फिर आ ही जाइये घूमने..बड़ा मजा आयेगा.
@ Nagesh Uncle,
आप आएंगे तो अच्छा लगेगा. ..बड़ा मजा आयेगा. आपने मेरी फोटो लगे, अच्छा लगा. किसी दिन मेरे लिए इक प्यारी सी कविता भी लिखियेगा, फिर मैं उसे अपने ब्लॉग पर लगाउंगी . आपको ढेर सारा प्यार.
बंगलोर में भी वही आनन्द है।
पाखी बिटिया, यहाँ तो दादा जी को खूब जाड़ा सता रहा है.
तुम्हें और तन्वी को प्यार और आशीर्वाद.
सही कहा यहाँ दिल्ली में कडाके की ठण्ड पड़ रही है . अंडमान में तो तुम्हारे ठाट है .
अब दोबारा कैसे आएं ?
लेकिन सर्दियों का भी तो अपना मज़ा है ।
अरे, वाह!
यहाँ तो मज़े ही मज़े हैं!
तुम्हारे तो ठाट है .
khoob maje karoo
मस्ती के दिन ख़त्म हए , अब स्कुल जाने की तैयारी है
जल्दी से कर लू होम वर्क फिनिश .. कल से अब पढने की बारी है ...
@ Pravin Uncle,
तब तो बंगलोर भी घूमने लायक है...
@ Dada ji,
तभी तो आपको कहा था कि यहाँ आ जाइये. अब देखा ना कित्ती ठंडी पड़ रही है. आपको और दादी को ढेर सारा प्यार.
@ Madhav,
वो तो हैं..पापा से कहकर अंडमान घूमने आ जाओ.
@ Daral Dada ji,
..पर मुझे तो सर्दी से बहुत डर लगता है.
@ Ravi Uncle,
@ Sanjay Uncle,
हूँ..मजे ही मजे...
@ Upen Uncle,
पढाई तो स्टार्ट भी हो गई..अब तो स्कूल में भी मस्ती.
खूब मज़े करो :)
पाखी, कुछ जाड़ा यहाँ से ले जाओ..बड़ी ठण्ड है.
मकर संक्रांति के बाद इधर भी ठण्ड कुछ कम हो रही है...
Nice Picture...Enjoy.
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