आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...
सोमवार, जनवरी 31, 2011
30 जनवरी को बापू के साथ..
शुक्रवार, जनवरी 28, 2011
गुरुवार, जनवरी 27, 2011
पाखी की ड्राइंग...
मंगलवार, जनवरी 25, 2011
गणतंत्र दिवस...जय हिंद !!
कल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है. हमारे स्कूल में इसके लिए आज फंक्शन हुआ. सभी ने कुछ न कुछ बोला, मैं भी नेशनल फ्लैग के बारे में बोली. टीचर जी बता रही थीं कि 26 जनवरी के दिन ही देश का संविधान लागू हुआ था. हम लोगों ने यह फंक्शन काफी इंजॉय किया. अब तो मैं राष्ट्र-गान भी गा लेती हूँ.
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यह रहा हमारा राष्ट्रीय तिरंगा झंडा. आप सभी लोगों को भी गणतंत्र दिवस की बधाइयाँ. .जय हिंद !!
लेबल:
फेस्टिवल-डे,
सन्देश,
स्कूल की बातें
सोमवार, जनवरी 24, 2011
बालिका दिवस...हर दिन है मेरा !!
रविवार, जनवरी 23, 2011
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से मुलाकात...
आज के दिन की विशेषता क्या है...नहीं पता न आपको. चलिए मैं बताती हूँ. आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी की जयंती है. जबसे अंडमान आई हूँ, नेता जी के दर्शन खूब होते हैं. 
(मरीना पार्क में नेताजी की प्रतिमा)
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(सेलुलर जेल की पिक्चर गैलरी में नेता जी)
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(मरीना पार्क में एक सुबह पाखी और नेताजी)
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(मेरे स्कूल में भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस)
(एक जानकारी पापा की तरफ से भी : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने सर्वप्रथम पोर्टब्लेयर में ही तिरंगा फहराकर अंग्रेजों की गुलामी से भारत के इस प्रदेश को सबसे पहले आजाद किए जाने का ऐलान किया था। वह तिथि थी 30 दिसम्बर 1943 . इस दिवस की स्मृति में अंडमान क्लब के सामने व नेताजी स्टेडियम परिसर में 30 दिसम्बर स्मारक भी स्थापित किया गया है, जो द्वीपों में नेताजी के आगमन तथा तिरंगा फहराए जाने के ऐतिहासिक क्षण का मूक साक्षी है। गौरतलब है कि नेता जी ने अंडमान-निकोबार को स्वराज और शहीद द्वीपों का नया नाम भी दिया था.)
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(इन्हें तो आप पहचानते ही होंगे. कैप्टन लक्ष्मी सहगल, जो कि नेता जी की अनन्य सहयोगी थीं. कादम्बिनी पत्रिका के लिए कानपुर में उनका साक्षात्कार लेते पापा)
...तो देखा, मैंने आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी से उनके जन्मदिन पर आपकी मुलाकात कराई. अब जोर से बोलियेगा- जय हिंद. आखिर यही तो उनका सबसे प्यारा नारा था.
!! जय हिंद !!
(मरीना पार्क में नेताजी की प्रतिमा)
(सेलुलर जेल की पिक्चर गैलरी में नेता जी)
(मरीना पार्क में एक सुबह पाखी और नेताजी)
(मेरे स्कूल में भी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस)
(एक जानकारी पापा की तरफ से भी : नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने सर्वप्रथम पोर्टब्लेयर में ही तिरंगा फहराकर अंग्रेजों की गुलामी से भारत के इस प्रदेश को सबसे पहले आजाद किए जाने का ऐलान किया था। वह तिथि थी 30 दिसम्बर 1943 . इस दिवस की स्मृति में अंडमान क्लब के सामने व नेताजी स्टेडियम परिसर में 30 दिसम्बर स्मारक भी स्थापित किया गया है, जो द्वीपों में नेताजी के आगमन तथा तिरंगा फहराए जाने के ऐतिहासिक क्षण का मूक साक्षी है। गौरतलब है कि नेता जी ने अंडमान-निकोबार को स्वराज और शहीद द्वीपों का नया नाम भी दिया था.)
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(इन्हें तो आप पहचानते ही होंगे. कैप्टन लक्ष्मी सहगल, जो कि नेता जी की अनन्य सहयोगी थीं. कादम्बिनी पत्रिका के लिए कानपुर में उनका साक्षात्कार लेते पापा)
...तो देखा, मैंने आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी से उनके जन्मदिन पर आपकी मुलाकात कराई. अब जोर से बोलियेगा- जय हिंद. आखिर यही तो उनका सबसे प्यारा नारा था.
!! जय हिंद !!
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अंडमान-निकोबार की दुनिया,
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शनिवार, जनवरी 22, 2011
अंडमान में एक साल...
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अभी तो यहाँ सी-प्लेन भी आ गया है. अब उससे भी घूमना है. सोचिये, यह सीधे समुद्र से टेक-ऑफ करेगा और समुद्र में ही लैंड करेगा...मैं तो सोचकर ही कित्ता रोमांचित हो जाती हूँ। 
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इस एक साल में न जाने कित्ता कुछ हुआ...और हाँ, इसी एक साल में तो मैं दीदी भी बनी...न जाने कित्ती प्यारी-प्यारी यादें जुडी हैं इस एक साल से. मैं तो चली इस एक साल को सेलिब्रेट करने...आप लोग भी अपना प्यार और आशीष हमें देते रहिएगा !!
(चित्र में पापा के साथ चिड़िया टापू में और सी-प्लेन)
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शुक्रवार, जनवरी 21, 2011
ये कलर किया मैंगो को...
आजकल स्कूल में खूब तेजी से पढाई हो रही है. मार्च में हम लोगों के एक्जाम्स भी तो होने हैं, फिर नर्सरी से के.जी.-1 में जाउंगी. स्कूल की ड्राइंग बुक में हम लोग रोज कोई न कोई नई पिक्चर को कलर करते हैं. आज तो हम लोगों ने आम (Mango) को कलर किया...देखिये कित्ता प्यारा कलर किया है मैंने.
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पेंटिंग/ चित्र,
स्कूल की बातें
सोमवार, जनवरी 17, 2011
पाखी की सीख (बाल गीत : दीनदयाल शर्मा)
दीनदयाल शर्मा अंकल जी के नाम से तो आप सभी परिचित ही होंगे. वह हम बच्चों के लिए ढेर सारी प्यारी-प्यारी कवितायेँ लिखते हैं. बच्चों के लिए उनका इक प्यारा सा अख़बार भी है-'टाबर टोली'. मेरी तो उन्होंने ढेर सारी ड्राइंग भी प्रकाशित की है....इक जरुरी बात तो बताना भूल ही गई कि दीनदयाल शर्मा अंकल जी ने शिशु-गीतों की अपनी पुस्तक 'चूं-चूं' के कवर-पेज पर मेरी फोटो भी लगाई है. उनका ब्लॉग भी तो है- बचपन, दीनदयाल शर्मा, टाबर टोली. ..आपने बचपन ब्लॉग पर उन्होंने मेरे लिए इक प्यारी सी बाल-कविता भी लिखी है. आप भी पढ़िए न और बताइयेगा कि कैसी लगी ये कविता....
पाखी सबके मन को भाती,
छोटी बहना को समझाती.
दीदी की बातें सुन - सुन के,
मानो तन्वी ध्यान लगाती.
छोटी बहना को समझाती.
दीदी की बातें सुन - सुन के,
मानो तन्वी ध्यान लगाती.
पाखी बिटिया हँसती है जब,
दुनिया भी हँसने लग जाती.
फूलों की बरखा हो जाती.
धरती खुशियों से भर जाती.
दुनिया भी हँसने लग जाती.
फूलों की बरखा हो जाती.
धरती खुशियों से भर जाती.
रोना - हँसना जीवन अपना.
पाखी हम सबको बतलाती.__
________________________________________________________________________ 
नाम : दीनदयाल शर्मा
जन्म: 15 जुलाई 1956 (प्रमाण पत्र के अनुसार)
जन्म स्थान: गांव- जसाना, तहसील- नोहर, जिला- हनुमानगढ़ (राज.)
शिक्षा: एम. कॉम. (व्यावसायिक प्रशासन, 1981), पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर 1985)
लेखन: हिन्दी व राजस्थानी दोनों भाषाओं में 1975 से सतत सृजन।
मूल विधा: बाल साहित्य
अन्य: व्यंग्य, हास्य व्यंग्य, कथा, कविता, नाटक, एकांकी, रूपक, सामयिक वार्ता आदि।
विशेष:
हिन्दी व राजस्थानी में दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।
महामहिम राष्ट्रपति डॉ. कलाम द्वारा अंग्रेजी में अनुदित बाल नाट्य कृति द ड्रीम्स का 17 नवम्बर 2005 को लोकार्पण।
आकाशवाणी से हास्य व्यंग्य, कहानी, कविता, रूपक, नाटक आदि प्रसारित।
दूरदर्शन से साक्षात्कार एवं कविताएं प्रसारित।
काव्य गोष्ठियों एवं कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ।
संस्थापक/अध्यक्ष: राजस्थान बाल कल्याण परिषद्, हनुमानगढ़, राज.
संस्थापक/अध्यक्ष: राजस्थान साहित्य परिषद, हनुमानगढ़, राज.
साहित्य सम्पादक (मानद): टाबर टोल़ी पाक्षिक (बच्चों का हिन्दी अखबार)
सम्पादक (मानद): कानिया मानिया कुर्र (बच्चों का राजस्थानी अखबार)
डॉ. प्रभाकर माचवे: सौ दृष्टिकोण में एक आलेख संकलित।
शिक्षा विभाग राजस्थान के शिक्षक दिवस प्रकाशनों में रचनाएं प्रकाशित।
स्कूल एवं कॉलेज की अनेक स्मारिकाओं का सम्पादन।
जिला साक्षरता समिति हनुमानगढ़ की ओर से प्रकाशित मासिक मुख पत्र आखर भटनेर का सम्पादन।
जिला साक्षरता समिति हनुमानगढ़ की ओर से नवसाक्षर पाठ्य पुस्तक आखर मेड़ी पोथियों का सम्पादन।
प्रकाशित कृतियां:
(हिन्दी में)चिंटू-पिंटू की सूझ (बाल कहानियां चार संस्करण)
चमत्कारी चूर्ण (बाल कहानियां)
पापा झूठ नहीं बोलते (बाल कहानियां)
कर दो बस्ता हल्का (बाल काव्य)
सूरज एक सितारा है (बाल काव्य)
सपने (बाल एकांकी)
बड़ों के बचपन की कहानियां (महापुरुषों की प्रेरणाप्रद घटनाएं)
इक्यावन बाल पहेलियाँ (बाल पहेलियां)
फैसला (बाल नाटक)
नानी तू है कैसी नानी
चूं-चूं (शिशु कविताएँ)
राजस्थानी बाल साहित्य: एक दृष्टि
फैसला बदल गया (नवसाक्षर साहित्य)
मैं उल्लू हूं (हास्य व्यंग्य दो संस्करण 1987,1993)
सारी खुदाई एक तरफ (हास्य व्यंग्य संग्रह)
(अंग्रेजी में)
द ड्रीम्स
राजस्थानी साहित्य:चन्दर री चतराई (बाल कहानियां)
टाबर टोल़ी (बाल कहानियां)
शंखेसर रा सींग (बाल नाटक)
तूं कांईं बणसी (बाल एकांकी)
म्हारा गुरुजी (बाल एकांकी)
डुक पच्चीसी (हास्य काव्य)
गिदगिदी (हास्य काव्य)
सुणौ के स्याणौ (हास्य काव्य)
स्यांति (कथा)
घर बिगाड़ै गुस्सौ (हास्य)
घणी स्याणप (हास्य)
बात रा दाम (तीन बाल नाटक)
बाळपणे री बातां
प्रसारित रेडियो नाटक:मेरा कसूर क्या है
रिश्तों का मोल
अंधेरे की तस्वीर
पगली
और थाली बज उठी
अपने-अपने सुख
जंग जारी है
उसकी सजा
छोटी-छोटी बातें
और सब कहते रहे
पगड़ी की लाज
मुझे माफ कर दो
प्रसारित झलकी:मास्टर फकीरचंद
चक्कर
गोलमाल
प्रसारित बाल नाटक:फैसला
शंखेश्वर के सींग
परीक्षा
बिगड़ग्यौ बबलू
प्रसारित रूपक:सिंधु घाटी की समकालीन सभ्यता: कालीबंगा
पता- सैक्टर-10, मकान नं. 22, आरएचबी कॉलोनी, डी रोड,
हनुमानगढ़ जं., पिन कोड- 335512, राजस्थान, भारत
मोबाइल - 094145 14666
नाम : दीनदयाल शर्मा
जन्म: 15 जुलाई 1956 (प्रमाण पत्र के अनुसार)
जन्म स्थान: गांव- जसाना, तहसील- नोहर, जिला- हनुमानगढ़ (राज.)
शिक्षा: एम. कॉम. (व्यावसायिक प्रशासन, 1981), पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर 1985)
लेखन: हिन्दी व राजस्थानी दोनों भाषाओं में 1975 से सतत सृजन।
मूल विधा: बाल साहित्य
अन्य: व्यंग्य, हास्य व्यंग्य, कथा, कविता, नाटक, एकांकी, रूपक, सामयिक वार्ता आदि।
विशेष:
हिन्दी व राजस्थानी में दो दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।
महामहिम राष्ट्रपति डॉ. कलाम द्वारा अंग्रेजी में अनुदित बाल नाट्य कृति द ड्रीम्स का 17 नवम्बर 2005 को लोकार्पण।
आकाशवाणी से हास्य व्यंग्य, कहानी, कविता, रूपक, नाटक आदि प्रसारित।
दूरदर्शन से साक्षात्कार एवं कविताएं प्रसारित।
काव्य गोष्ठियों एवं कवि सम्मेलनों में काव्य पाठ।
संस्थापक/अध्यक्ष: राजस्थान बाल कल्याण परिषद्, हनुमानगढ़, राज.
संस्थापक/अध्यक्ष: राजस्थान साहित्य परिषद, हनुमानगढ़, राज.
साहित्य सम्पादक (मानद): टाबर टोल़ी पाक्षिक (बच्चों का हिन्दी अखबार)
सम्पादक (मानद): कानिया मानिया कुर्र (बच्चों का राजस्थानी अखबार)
डॉ. प्रभाकर माचवे: सौ दृष्टिकोण में एक आलेख संकलित।
शिक्षा विभाग राजस्थान के शिक्षक दिवस प्रकाशनों में रचनाएं प्रकाशित।
स्कूल एवं कॉलेज की अनेक स्मारिकाओं का सम्पादन।
जिला साक्षरता समिति हनुमानगढ़ की ओर से प्रकाशित मासिक मुख पत्र आखर भटनेर का सम्पादन।
जिला साक्षरता समिति हनुमानगढ़ की ओर से नवसाक्षर पाठ्य पुस्तक आखर मेड़ी पोथियों का सम्पादन।
प्रकाशित कृतियां:
(हिन्दी में)चिंटू-पिंटू की सूझ (बाल कहानियां चार संस्करण)
चमत्कारी चूर्ण (बाल कहानियां)
पापा झूठ नहीं बोलते (बाल कहानियां)
कर दो बस्ता हल्का (बाल काव्य)
सूरज एक सितारा है (बाल काव्य)
सपने (बाल एकांकी)
बड़ों के बचपन की कहानियां (महापुरुषों की प्रेरणाप्रद घटनाएं)
इक्यावन बाल पहेलियाँ (बाल पहेलियां)
फैसला (बाल नाटक)
नानी तू है कैसी नानी
चूं-चूं (शिशु कविताएँ)
राजस्थानी बाल साहित्य: एक दृष्टि
फैसला बदल गया (नवसाक्षर साहित्य)
मैं उल्लू हूं (हास्य व्यंग्य दो संस्करण 1987,1993)
सारी खुदाई एक तरफ (हास्य व्यंग्य संग्रह)
(अंग्रेजी में)
द ड्रीम्स
राजस्थानी साहित्य:चन्दर री चतराई (बाल कहानियां)
टाबर टोल़ी (बाल कहानियां)
शंखेसर रा सींग (बाल नाटक)
तूं कांईं बणसी (बाल एकांकी)
म्हारा गुरुजी (बाल एकांकी)
डुक पच्चीसी (हास्य काव्य)
गिदगिदी (हास्य काव्य)
सुणौ के स्याणौ (हास्य काव्य)
स्यांति (कथा)
घर बिगाड़ै गुस्सौ (हास्य)
घणी स्याणप (हास्य)
बात रा दाम (तीन बाल नाटक)
बाळपणे री बातां
प्रसारित रेडियो नाटक:मेरा कसूर क्या है
रिश्तों का मोल
अंधेरे की तस्वीर
पगली
और थाली बज उठी
अपने-अपने सुख
जंग जारी है
उसकी सजा
छोटी-छोटी बातें
और सब कहते रहे
पगड़ी की लाज
मुझे माफ कर दो
प्रसारित झलकी:मास्टर फकीरचंद
चक्कर
गोलमाल
प्रसारित बाल नाटक:फैसला
शंखेश्वर के सींग
परीक्षा
बिगड़ग्यौ बबलू
प्रसारित रूपक:सिंधु घाटी की समकालीन सभ्यता: कालीबंगा
पता- सैक्टर-10, मकान नं. 22, आरएचबी कॉलोनी, डी रोड,
हनुमानगढ़ जं., पिन कोड- 335512, राजस्थान, भारत
मोबाइल - 094145 14666
गुरुवार, जनवरी 13, 2011
पाखी बिटिया के क्या कहने : डा. नागेश पांडेय 'संजय'
डॉ. नागेश पांडेय "संजय" अंकल ने मेरे लिए इक प्यारी सी कविता लिखी है. इसके लिए नागेश अंकल को ढेर सारा प्यार और आभार. आप भी पढ़िए और बताइयेगा कि यह कविता आपको कैसी लगी....
पाखी बिटिया के क्या कहने,
पाखी बिटिया हैं दो बहनें।
पाखी बिटिया हैं दो बहनें।
पाखी का ब्लाग बड़ा सुंदर,
सबको ही लगता है रुचिकर।
सबको ही लगता है रुचिकर।
पाखी के चित्र बहुत प्यारे,
कितने मनहर-कितने न्यारे!
कितने मनहर-कितने न्यारे!
पाखी दिन- दूनी प्रगति करे,
यों ही सबका मन खूब हरे।
यों ही सबका मन खूब हरे।
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
प्रकाशित पुस्तकें आलोचना ग्रन्थ : बाल साहित्य के प्रतिमान ;
कविता संग्रह : तुम्हारे लिए ;
बाल कहानी संग्रह : १. नेहा ने माफ़ी मांगी २. आधुनिक बाल कहानियां ३. अमरुद खट्टे हैं ४. मोती झरे टप- टप ५. अपमान का बदला ६. भाग गए चूहे ७. दीदी का निर्णय ८. मुझे कुछ नहीं चहिये ९. यस सर नो सर ;
बाल कविता संग्रह : १. चल मेरे घोड़े २. अपलम चपलम ;
बाल एकांकी संग्रह : छोटे मास्टर जी
सम्पादित संकलन : १. न्यारे गीत हमारे २. किशोरों की श्रेष्ठ कहानियां ३. बालिकाओं की श्रेष्ठ कहानियां
सम्प्रति : विभागाद्यक्ष , बी. एड. राजेंद्र प्रसाद पी. जी. कालेज , मीरगंज, बरेली ।
संपर्क : डॉ. नागेश पांडेय "संजय" ,सुभाष नगर , शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश (भारत) - 242001।
अंतर्जाल पर डॉ. नागेश पांडेय 'संजय' एवं अभिनव सृजन के माध्यम से सक्रियता.
मंगलवार, जनवरी 11, 2011
11.1.11....कुछ तो खास है
शुक्रवार, जनवरी 07, 2011
अपूर्वा (तन्वी) के आगमन में रखी गई पार्टी की झलकियाँ
27 दिसंबर, 2010 को अपूर्वा (तन्वी) दो माह की हो गई. इस ख़ुशी में पापा ने एक प्यारी सी पार्टी भी दी. उसकी कुछ झलकियाँ देखें-
ये रही हमारी सिस्टर अपूर्वा (तन्वी). वैसे पापा तान्या बुलाते हैं.
ये रही मैं..
ये रही मैं..ममा-पापा के साथ.
गिफ्ट भी तो मुझे ही लेने पड़ेंगे, आखिर बड़ी दी जो हूँ. इस तस्वीर में हँसते हुए दिख रहे हैं डा0 व्यासमणि त्रिपाठी ( अंडमान से प्रकाशित एकमात्र साहित्यिक पत्रिका 'द्वीप-लहरी' के संपादक) और उनके परिवारीजन एवं हिंदी साहित्य कला परिषद् के सचिव जे.बी. शर्मा.
इस तस्वीर में हैं मेरी क्लास टीचर रोमा मिस. मैं उनकी गोद में बैठी हूँ. साथ में ममा-पापा और रोमा मिस का पूरा परिवार.
इस तस्वीर में पापा खड़े होकर कुछ कह रहे हैं. उनके बगल में नेवी कमांडर बी. के. यादव, आर.के झा (RAW), नेवी कमांडर भास्कर राव, कोस्टगार्ड कमांडर कुलप्रीत यादव, वी. के. संजीवी (CGM, BSNL), अशोक कुमार (जिलाधिकारी, दक्षिण अंडमान), प्रो0 एस. सी. चतुर्वेदी ( भूगोल विभाग, JNRM डिग्री कालेज), सत्यजीत कुमार (IB)
कुछ ड्रिंक हो जाये.. अशोक कुमार (जिलाधिकारी, दक्षिण अंडमान), पापा, कोस्टगार्ड कमांडर कुलप्रीत यादव, नेवी कमांडर भास्कर राव, आर.के झा (RAW) और उनका परिवार.
चलते-चलते एक फोटोग्राफ और हो जाय...
तो कैसी लगी आप सभी को मेरी सिस्टर अपूर्वा (तन्वी) के आगमन में रखी गई इस पार्टी की झलकियाँ. आप अंडमान में रहते तो आप भी इसका मजा लेते. पर चिंता की कोई बात नहीं है, 25 मार्च को मेरा बर्थ-डे है. उस दिन आप सभी आमंत्रित हैं !!
लेबल:
पार्टी-डे,
फन एंड मस्ती,
माई फेमिली,
हैप्पी बर्थ-डे,
Apurva
बुधवार, जनवरी 05, 2011
जाड़ा भागे अंडमान से...
लेबल:
अंडमान-निकोबार की दुनिया
रविवार, जनवरी 02, 2011
नए साल का पहला दिन...
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नए साल के पहले दिन देखिये सूरज दादा कैसे मुस्कुरा रहे थे.
नए साल पर देश प्रेम का भी जज्बा तो देखिये.
ये देखिये नए साल की सुबह पर मरीना पार्क में खड़े सुभाष चन्द्र बोस जी भी कुछ सन्देश दे रहे हैं.
हवा में उड़ता यह हेलीकाप्टर नए साल पर कित्ता खुश दिखाई दे रहा है।
अब आप भी बताइयेगा कि आपका नए साल का पहला दिन कैसा बीता.
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