आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शनिवार, सितंबर 26, 2009

नवरात्रि की धूम

आप सभी को नवरात्र की बधाइयाँ। आज मैं मम्मी-पापा के साथ माता जी का दर्शन करने मन्दिर गई थी। वहाँ तो बहुत भीड़ थी। जिसे देखो सब माता जी का दर्शन करने आ रहे थे। मैंने तो माता जी की खूब पूजा की और आशीर्वाद भी माँगा। और हाँ, पुजारी जी ने मुझे एक नहीं दो-दो चुनरी ओढाई, गले में माला डाली और ढेर सारा प्रसाद दिया। यह सब लेकर घर आई तो मम्मी ने मेरी एक सुंदर सी फोटो भी खींच ली। अब बताइए कि मैं चुनरी में कैसी लग रही हूँ।

गुरुवार, अगस्त 20, 2009

बाइकिंग विद् पाखी

आप लोग सोच रहे होंगें न कि आपकी पाखी कहाँ चली गई, लीजिये मैं आ गई। अब देखिये मेरी मस्ती एंड धमाल। ओह नो! यहाँ तो बस कार ही दिख रही है पर आज तो मैं बाइकिंग के मूड में हूँ।
अरे ये रही मेरी फेवरेट बाइक, है न मजेदार....अब जरा रेस लगा लूँ..... वंडर..आई लाइक इट।

बाइकिंग तो हो गई, अब जरा यहाँ भी एन्जॉय कर लूँ....वाह इट्स मूविंग राउंड एंड राउंड.

अरे ये क्या है...डिस्को भांगड़ा...फन एंड मस्ती का वन मोर चांस...अभी मम्मी-पापा को बोलती हूँ. चलिए अगली बार फिर मिलते हैं !!



रविवार, अगस्त 09, 2009

इस बार का संडे- मूवी-डे

हिप..हिप ..हुर्रे...आज मैंने मूवी देखी. अब आप कहोगे इसमें नया क्या है. यही तो आपको बताने जा रही हूँ. आज थिएटर में मैंने मूवी "लव आजकल" देखी, वो भी पूरी. वैसे इससे पहले भी मैं मूवी देखने गई हूँ, पर हर बार सो जाती थी. मम्मी बताती हैं कि जब मैं चार माह माह की थी तो पहली बार थिएटर में गई थी. वो मूवी थी-"कृष" व जगह थी-बरेली. पर आज तो मैंने कमाल कर दिया, पूरी मूवी बिना सोये देख गई..पॉपकार्न व पेप्सी के साथ कैसे ढाई घंटे बीत गए, पता ही नहीं चला। मूवी के गाने मुझे अच्छे लगे और सबसे अच्छा लगा दीपिका पादुकोण आंटी का रोल। वैसे भी वो मेरी फेवरेट हैं, तभी तो मैं मूवी देखने गई। सैफ अंकल मेरे फेवरेट नहीं हैं पर उनका भी रोल अच्छा है। आप आप पूछोगे ये मूवी कहाँ देखी मैंने, अरे वहीँ जहाँ मैं रहती हूँ...यानी की कानपुर के रेव-3 मल्टीप्लेक्स थिएटर में, वो भी संडे का फर्स्ट शो-12 से3.तो इस बार का संडे भी मजेदार रहा।.......और आपका संडे कैसा रहा। कुछ धमाल मचाया कि नहीं !!!
(और हाँ ...इस बार तो अपनी फोटोग्राफ लगाना भूल ही गई। लीजिये अब लग गई. आपकी पाखी की यह फोटो "आई-नेक्स्ट" अख़बार के 15 जुलाई, 2009 अंक में प्रकाशित हुयी थी. बताइयेगा मैं कैसी लग रही हूँ !!)

शनिवार, अगस्त 01, 2009

ये रही मेरी बोटिंग-ट्रिप

इस बार मेरी बोट-ट्रिप के बारे में. 24-28 जुलाई तक हम मध्य प्रदेश में रहे और वहाँ उज्जैन से अपनी यात्रा आरंभ की. 25-26 को उज्जैन भ्रमण और महाकालेश्वर के दर्शन बाद, 26की शाम हम इंदौर के लिए रवाना हो गए। देर शाम मैं मम्मी-पापा के साथ इंदौर में खरीददारी करती रही और अगली सुबह 27 को इंदौर से आगे ओंकारेश्वर और ममलेश्वर गई। ये दोनों मंदिर मिलकर ज्योतिर्लिंग का निर्माण करते हैं. सबसे मजेदार है इन दोनों मंदिरों के बीच का बोट द्वारा सफर. चारों तरफ मंदिर और सुन्दर सीनरी...मैंने तो खूब फोटोग्राफ लिए.वाकई इसमें बड़ा मजा आया
पैडल वाली बोट पर तो खूब एन्जॉय किया है पर ऐसी बोट पर कम ही चांस मिलता है। मन्दिर में हमने भगवान जी के दर्शन किए और प्रसाद भी खूब खाया। मेरे गले में मन्दिर के पुजारी ने सुंदर सी माला भी डाल दी.कुछ भी हो मेरी यह बोटिंग-ट्रिप बड़ी मजेदार रही। कई सीन मैंने अपने कैमरे में लिए और पापा ने हेंडी-केम में। इन्हें आपको बाद में दिखाउंगी !!







बुधवार, जुलाई 29, 2009

उज्जैन की यात्रा

इस बार 24-28 जुलाई तक मैं मम्मी-पापा के साथ मध्य प्रदेश घूमने गई। सबसे पहले हम 25 की सुबह महाकालेश्वर के दर्शन किये, फिर दिन-भर ढेर सारे मंदिर घूमी. बड़ा मजा आया, धीमी-धीमी बारिश के बीच घूमने में. उज्जैन में ढेर सारे मंदिर हैं। एक मंदिर में तो लोग देवता को शराब तक पिलाते हैं। यह देखकर मुझे अजीब सा लगा। उज्जैन में मैंने काफी इन्ज्वाय किया। मम्मी-पापा के साथ मैं 9 मंदिरों में घूमने के लिए गई। उज्जैन मुझे बहुत सुन्दर लगा. यदि आपको भी मौका मिले तो उज्जैन जरूर जाइयेगा। (चित्र में-महाकालेश्वर मंदिर के सामने खड़ी पाखी)

रविवार, जुलाई 19, 2009

आइसक्रीम डे


आइसक्रीम खाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। कोई भी सीजन हो आइसक्रीम के बिना मेरा दिन पूरा नहीं होता। स्ट्राबेरी मेरा सबसे फेवरेट है. पर मैं बटर स्काच, चाकलेट, केसर पिस्ता, ब्लेक करेंट भी खा लेती हूँ। वेनिला तो मुझे अच्छी नहीं लगती है. मेरी टीचर बता रही थीं कि आज "नेशनल आइसक्रीम डे" है। यह हमेशा जुलाई मंथ के थर्ड संडे को सेलिब्रेट किया जाता है. यू.एस.ए. के प्रेसिडेंट रोनाल्ड रीगन को आइसक्रीम इतनी अच्छी लगती थी कि उन्होंने जुलाई को आइसक्रीम मंथ ही डिक्लेयर कर दिया, देखा न आइसक्रीम का कमाल. अब आप भी खूब आइसक्रीम खाओ। मैं तो चली एक और आइसक्रीम खाने कहीं मेल्ट न हो जाए ...हा..हा..हा...!!

बुधवार, जुलाई 15, 2009

पाखी का गिटार

मुझे गिटार बजाना बहुत अच्छा लगता है। साथ में माइक पर ट्विंकल -ट्विंकल गाना भी अच्छा लगता है। तो इस बार पापा ने मुझे मेरा प्यारा गिटार गिफ्ट किया है। साथ में माइक भी लगा है। अब तो मैं खूब गा सकती हूँ। आपको भी सुनना है !!

शनिवार, जुलाई 11, 2009

बारिश के दिन

बारिश का मौसम हो तो घूमने का मजा ही कुछ अलग है. मुझे बारिश में भीगने का मन करता है, पर मम्मी-पापा ऐसा नहीं करने देते. जब भी बाहर निकलो हाथ में अम्ब्रेला थमा देते हैं. अब ये भी कोई बात हुई. बस सोच रही हूँ, कहाँ मम्मी-पापा इधर-उधर हों और मैं उनकी निगाहों से बचकर बारिश में भीगने का मजा लूं !!

गुरुवार, जुलाई 02, 2009

पाखी का पार्टी-डे

कल मैं एक पार्टी में गई थी. पहली बार मैंने लहँगा-चुनरी पहना. सभी लोग कह रहे थे कि पाखी आज बहुत सुन्दर लग रही है. फिर मैंने सोचा कि अपनी ये फोटो अपने ब्लॉग पर क्यों न लोड कर दूँ. ये हुयी न स्मार्ट वाली बात !!

रविवार, जून 28, 2009

आज संडे है...

मैं कैसी लग रही हूँ...

शनिवार, जून 27, 2009

अपनी गाड़ी चली

अपनी तो गाड़ी चली ...साथ में टेडी-बीयर और बाल-हनुमान को लेकर

गुरुवार, जून 25, 2009

हैप्पी बर्थ-डे टू पाखी

आज मैं पूरे 3 साल 3 माह की हो गई. आपको एक मजेदार बात बताऊँ मैं हर 25 तारीख को अपना बर्थ-डे सेलिब्रेट करती हूँ. फिर करती हूँ खूब धमाल. आप मेरा साथ देंगे तो बताना, पर मम्मी-पापा को नहीं बताना !!

बुधवार, जून 24, 2009

मैं हूँ पाखी

मेरा नाम अक्षिता है। मम्मी-पापा मुझे प्यार से पाखी नाम से बुलाते हैं. मुझे भी अपना ये निक-नेम अच्छा लगता है। आप भी मुझे मेरे निक-नेम 'पाखी' से बुला/लिख सकते हैं. पाखी माने पक्षी या चिड़िया. मैं भी तो एक चिड़िया ही हूँ, जो दिन भर इधर-उधर फुदकती रहती हूँ. मौसी मुझे लिली नाम से बुलाती है. अब थोड़ा सा मेरे बारे में भी जान लीजिये। मेरा जन्म 25 मार्च को हुआ. अब इसे अपने दिमाग की डायरी में नोट कर लीजिये तभी तो आप मुझे जन्मदिन की बधाई देंगे और ढेर सारे गिफ्ट भी. और हाँ ... खूब सारा प्यार और आशीर्वाद भी। मैं पढ़ती भी हूँ- कंगारू किड्स स्कूल, कानपुर में। अब प्ले-ग्रुप से नर्सरी में जाऊँगी। मुझे अच्छा लगता है- प्लेयिंग, डांसिंग, ड्राइंग बनाना, आइसक्रीम खाना और ढेर सारी शरारतें करना. अब तो यहाँ भी खूब फुदक-फुदक करुँगी. पर अभी छोटी हूँ, इसलिए ममा-पापा के माध्यम से मेरी भावनाएं यहाँ व्यक्त होंगीं . कई बार तो टीचर भी मेरी सहायता कर देंगीं. अरे इतना कुछ मैंने बता तो दिया पर अपनी फोटोग्राफ भी तो आपको दिखा दूं. सबसे पहले स्कूल-ड्रेस वाली फोटो देखें और बताएं कि मैं कैसी लग रही हूँ !!