पैडल वाली बोट पर तो खूब एन्जॉय किया है पर ऐसी बोट पर कम ही चांस मिलता है। मन्दिर में हमने भगवान जी के दर्शन किए और प्रसाद भी खूब खाया। मेरे गले में मन्दिर के पुजारी ने सुंदर सी माला भी डाल दी.कुछ भी हो मेरी यह बोटिंग-ट्रिप बड़ी मजेदार रही। कई सीन मैंने अपने कैमरे में लिए और पापा ने हेंडी-केम में। इन्हें आपको बाद में दिखाउंगी !!
आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...
शनिवार, अगस्त 01, 2009
ये रही मेरी बोटिंग-ट्रिप
इस बार मेरी बोट-ट्रिप के बारे में. 24-28 जुलाई तक हम मध्य प्रदेश में रहे और वहाँ उज्जैन से अपनी यात्रा आरंभ की. 25-26 को उज्जैन भ्रमण और महाकालेश्वर के दर्शन बाद, 26की शाम हम इंदौर के लिए रवाना हो गए। देर शाम मैं मम्मी-पापा के साथ इंदौर में खरीददारी करती रही और अगली सुबह 27 को इंदौर से आगे ओंकारेश्वर और ममलेश्वर गई। ये दोनों मंदिर मिलकर ज्योतिर्लिंग का निर्माण करते हैं. सबसे मजेदार है इन दोनों मंदिरों के बीच का बोट द्वारा सफर. चारों तरफ मंदिर और सुन्दर सीनरी...मैंने तो खूब फोटोग्राफ लिए.वाकई इसमें बड़ा मजा आया
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
27 टिप्पणियां:
पाखी,
आपका नाम तो बहुत प्यारा है और आप बहुत ही प्यारी हैं तथा अभी से बहुत सारी बातें करती हैं! आपके ब्लॉग पर मैंने आपके प्यारे-प्यारे चित्र देखे, मध्य प्रदेश के दर्शन किये और मंदिर को प्रणाम भी किया, लेकिन मुझे प्रसाद नहीं मिला! क्यों भला ? खैर, आपके बोटिंग ट्रिप के अन्य चित्र आ जाएँ, तो हमें भी दिखियेगा ज़रूर !
Pakhi looking smart & cute.
अरे पाखी हमें भी अपनी बोट पर बिठाकर थोडा घुमा देती..खैर कोई बात नहीं, अगली बार न भूलना.
अरे पाखी हमें भी अपनी बोट पर बिठाकर थोडा घुमा देती..खैर कोई बात नहीं, अगली बार न भूलना.
पाखी आप तो बहुत प्यारी लग रही हो.पर हमारा प्रसाद कहाँ है.
पिछले साल हम भी यहाँ गए थे, आपकी पोस्ट पढ़कर याद ताजा हो गई....शुभकामनाओं सहित.
पाखी के तो जलवे देखते बनते हैं. मजेदार भ्रमण पर हैं बिटिया रानी.
वाह! खूब बोटिंग करके आ रही हो. प्रसाद तो दो जब दर्शन करके आई हो तो...
रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकानाएं.
वाह पाखी तुमने तो बहुत मज़ेदार भ्रमण किया और वो भी मुझे छोड़कर! मुझे तो बोटिंग बहुत पसंद है चलो अगली बार मैं तुम्हारे साथ जाउंगी! तुम बहुत ही प्यारी लग रही हो!
पाखी ये जान कर खुशी हुई कि तुम मध्यप्रदेश आई हो तुम्हें पता मुझे भी कल ही पता चला कि हमारे पूर्वज भी मध्य प्रदेश से आकर हिमाचल मे बसे थे तब से मेरा भी मन मध्यप्रदेश मे आने का है और तुम्हारी तस्वीरें देख कर तो इन्त्जार करना मुश्किल हो रहा है थैन्क्स यूँ ही सदा खुश रहो आशीर्वाद्
उमर है छोटी,काम है बडे
काम है धुमना,दिल को है टटोलना
सबको बहलाना,उसका नाम है पाखी।
क्या बढिया नाम है, और साथ ही ये जानकर दुख हुआ कि तुम इंदौर आयीं और मिलती तो और मज़ा आता!!(मैं इन्दौर में हूं)
क्या बढिया नाम है, और साथ ही ये जानकर दुख हुआ कि तुम इंदौर आयीं और मिलती तो और मज़ा आता!!(मैं इन्दौर में हूं)
वाह भाई वाह अकेले-अकेले बोट का मजा। आप बहुत सुन्दर हैं।
बहुत सुन्दर.. पर इतना गुस्सा क्यों? देखो तुम्हारी फोटो..
प्यार
हेल्लो पाखी.....तुम्हारी बोटिंग ट्रिप देख कर बहुत मज़ा आया !
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद , तुमने कभी बनारस में बोटिंग की है ?
@ Sangeeta Aunty!
Banaras ke bagal gazipur men mera nanihal hai. Ek bar Banaras men bhi boting ki hai.
@ Dilip Uncle !
Agli bar dhyan rakhungi.
@ Ranjan Uncle!
Ap gussa kyon dila rahe ho mujhe.
वाह पाखी बिटिया आप तो बहुत ही प्यारी प्यारी,नन्ही मुन्नी सी गुडिया लग रही हो।
खूब खेलो,कूदो,घूमो फिरो ओर आनन्द करो! ओर हाँ साथ में पढाई भी:)
Apko Boat-trip to badi majedar hai.
Pyar,
क्या बात है पाखी बेटा...गाजीपुर में तो मेरे भी ननिहाल है.......अब तुम कहाँ रहती हो?
मैं तो अभी दिल्ली में हूँ !
सुन्दर तस्वीरें.. बिलकुल आपके नाम की तरह
वाह पाखी तुमने तो बहुत मज़ेदार भ्रमण किया
एक टिप्पणी भेजें