आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

गुरुवार, अक्टूबर 27, 2016

तुम जियो हजारों साल


आज हमारी प्यारी सिस्टर अपूर्वा  का हैप्पी बर्थ-डे है। अपूर्वा आज पूरे 6 साल की हो जाएंगी। 



जैसे-जैसे ये बड़ी हो रही हैं, इनकी शरारतें भी खूब बढ़ती जा रही हैं. ठीक मेरी तरह। 

अपूर्वा हमारे सबसे बेस्ट फ्रेंड भी हैं। 


 प्यारी अपूर्वा  को जन्मदिन पर ढेर सारी शुभकामनायें और बधाई, वो भी ढेर सारी चॉकलेट्स और केक के साथ !!


रविवार, अक्टूबर 02, 2016

गाँधी जयंती पर 'स्वच्छ भारत अभियान'

आज देश के राष्ट्रपिता गाँधी जी की जयंती है और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की भी जयंती है। ये दोनों हमारे देश के महान नेता थे। गाँधी जी ने देश को आजादी दिलाई तो शास्त्री जी ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया।




गाँधी जी की जयंती पर  पूरे देश में 'स्वच्छ भारत अभियान'  भी चलाया जा रहा है। जब  हम सभी अपने आस-पास सफाई का ध्यान रखेंगे, तभी देश सुंदर बनेगा।


स्वच्छता के साथ-साथ इस अवसर पर पौधरोपण करके पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना होगा।  इस अवसर पर मैंने अपने स्कूल  ड्राइंग भी बनाई और घर पर पौधरोपण भी किया।

मंगलवार, सितंबर 13, 2016

राजस्थान में किराडू मंदिर की यात्रा


राजस्थान में किराडू मंदिर के बारे में हमने अख़बारों में पढ़ा था।  संयोगवश 18 अगस्त, 2016 को हम राजस्थान के बाड़मेर जिले में घूमने गए। यहाँ के किराडू मंदिर के बारे में पढ़ा था, सो पापा से वहाँ भी ले जाने को कहा।  वाकई, बहुत सुंदर जगह है ये और प्राचीन मंदिरों को तो देखते ही बनता है। 

किराडू मंदिर के समक्ष अपूर्वा 

कहते हैं कि एक साधु के शाप से यह जगह वीरान हो गई और लोग पत्थरों के बन गए। इस श्राप के बाद अगर शहर में शाम ढलने के पश्चात कोई रहता था तो वह पत्थर का बन जाता था। और यही कारण है कि यह शहर सूरज ढलने के साथ ही वीरान हो जाता है। असलियत क्या है, कोई नहीं जानता पर  ऐसी बातों को सुनना और जानना बेहद रोमांच पैदा करता है।

सोमवार, सितंबर 05, 2016

शिक्षक ही हमारा भविष्य निर्धारित करते हैं


 आज शिक्षक दिवस है।  देश के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को हम सभी शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।  यह इस बात को भी दर्शाता है कि कोई भी पद शिक्षक से बड़ा नहीं होता। हमारे शिक्षक ही हमारा भविष्य निर्धारित करते हैं। माता-पिता के बाद वाकई हमारे शिक्षक  ही हमें सही रास्ता दिखाते हैं। आज शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।




आज शिक्षक दिवस पर आप सभी बड़ों के स्नेह की आकांक्षी हूँ !

गुरुवार, मई 19, 2016

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तक में 'नन्ही ब्लॉगर पाखी की ऊँची उड़ान'


(अक्षिता यादव उर्फ पाखी देश की सबसे छोटी हिन्दी ब्लॉगर के रूप में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से (मात्र चार साल आठ माह की उम्र में) सम्मानित हो चुकी हैं। दिल्ली के हिन्दी भवन में भी अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में जब हिस्सा लेने गयी तो सभी ने उन्हें गोद में उठा लिया। यहाँ उन्हे “बेस्ट बेबी” ब्लॉगर का अवार्ड दिया गया। हिंदुस्तान टाइम्स वुमेन अवार्ड के लिए भी उन्हें नामांकित किया गया । अब तो जहाँ  भी ब्लॉगरों  का सम्मेलन होता है, तो पाखी को जरूर बुलाया जाता है। लखनऊ, काठमांडू और श्रीलंका में भी अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में हो आईं। जब कुछ नया बनाती तो तत्काल अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर देती हैं। पाखी बड़ी होकर आईएएस अफसर बनकर समाज और विशेषकर गरीबों की मदद करना चाहती हैं।) 


‘मेरा नाम अक्षिता है। मेरा निक नेम पाखी है। पाखी यानी पक्षी या चिड़िया। मैं भी तो एक चिड़िया हूँ जो दिन भर इधर-उधर फुदकती रहती हूँ। मेरा जन्म 25 मार्च 2007 को कानपुर में हुआ और फिलहाल मैं कक्षा चार  की विद्यार्थी हूँ ।'' . . . यह है “पाखी की दुनिया” की नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव उर्फ पाखी के ब्लॉग की चंद लाइनें। पाखी देश की पहली सबसे कम उम्र की हिन्दी ब्लॉगर के रूप में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (2011) विजेता हैं। उन्हें यह पुरस्कार मात्र चार साल 8 माह की उम्र में महिला व बाल विकास मंत्रालय की तत्कालीन मंत्री कृष्णा तीरथ द्वारा प्रदान किया गया। इसी साल नयी दिल्ली के हिन्दी भवन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में “बेस्ट बेबी ब्लॉगर अवार्ड” से नवाजा गया। हिंदुस्तान टाइम्स वुमेन  अवार्ड (2013) के लिए भी उन्हें  नन्ही ब्लॉगर के रूप में अभिनेत्री शबाना आजमी, सांसद डिंपल यादव व संगीतकार साजिद द्वारा सम्मानित किया गया। लखनऊ में आयोजित द्वितीय अंतराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन (2012) में विशेष रूप से सम्मानित किया गया। काठमांडू में आयोजित तृतीय अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में सबके आकर्षण का केन्द्र रहीं और वहाँ के पूर्व मंत्री व विधानसभा अध्यक्ष अर्जुन नरसिंह ने सम्मानित किया। 

पाखी का जन्म कानपुर में हुआ। उस वक्त भारतीय डाक सेवा में अधिकारी उनके पिता कृष्ण कुमार यादव वहीं पोस्टेड  थे। माँ आकांक्षा और पापा अपने ब्लॉग में कुछ न कुछ पोस्ट किया करते थे। पाखी ने पूछा कि आप लोग मेरी पेंटिंग्स क्यों पोस्ट नहीं करते। पाखी की बात सबको जंच गयी। 24 जून 2009 को शुरू हुआ “पाखी की दुनिया” ब्लॉग। शुरू-शुरू में ड्राइंग अपलोड किया गया। पाखी की सृजनशीलता यहीं तक सीमित नहीं रही। उन्होंने अपने किस्से-कहानी लिखना शुरू किये। फिर कविताएं और विचार भी पोस्ट होने लगे। पिता ने कैमरा लाकर दिया तो पाखी के खींचे बेहतरीन चित्र भी ब्लॉग में जगह पाने लगे। विविधता लिए पाखी का ब्लॉग बेहद पसंद किये जाने लगा। देश की सीमाओ को लांघकर लगभग सौ देशों में 272 लोग नियमित फॉलोवर  बन गये। जब पाखी की पहुँच फेसबुक में हुई तो वहाँ तो 1,600 से ज्यादा लोग उनके पेज पर मित्र बन गये। गूगल प्लस में भी 240 फालोअर पाखी के ब्लॉग के पक्के पाठक बन गये। पाखी की इस सृजनशीलता और लोकप्रियता से प्रभावित होकर राजस्थान के मशहूर बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने अपनी बाल कविता की किताब “चूं-चूं” पर पाखी का चित्र ही लगा लिया। 

पाखी के ब्लॉग में उनके पारिवारिक ब्लॉग्ज़ शब्द शिखर, शब्द सृजन की ओर, डाकिया डाक लाया, सतरंगी प्रेम, बाल दुनिया, उत्सव के रंग, अपूर्वा के भी लिंक दिए हुए हैं।  अक्षिता के ब्लॉग में बेहद रोचक जानकारियां, कलाचित्र,फोटोग्राफ,कविताएं,संस्मरण, विचार, पत्र, यात्रा वृतांत, व स्कूल की गतिविधियों के अलावा परिवार में होने वाली छोटी-छोटी घटनाएं भी निरंतर जगह पा रही हैं। पाखी के कुछ पोस्ट यथा “बेटियों को मारो नहीं”, ”ममा का जन्मदिन आया”, ”पाखी माने पंछी या चिड़िया” व अंडमान-निकोबार के 62वें वनमहोत्सव पर “पाखी का गुलाब”आदि पोस्ट सचमूच पठनीय हैं। 

पाखी की मम्मी आकांक्षा यादव बताती हैं कि पाखी बेहद शरारती है लेकिन उससे ज्यादा सृजनात्मक है। उसे पेंटिंग के अलावा फोटोग्राफी, कम्प्यूटर खेल, नृत्य व पढ़ना भाता है। वह हैप्पी ऑवर्स स्कूल, जोधपुर में क्लास चार की छात्रा हैं। शाकाहारी पाखी को पनीर पुलाव, पनीर पराठे,पनीर पकोड़े व आइसक्रीम बेहद पसंद हैं। पाखी की  एक छोटी बहिन अपूर्वा भी हैं, जिनके साथ उनकी खूब छनती है। पाखी अंडमान-निकोबार को काफी याद करती हैं, जहाँ उन्होंने  काफी  मस्ती की और अपने ब्लॉग में शेयर भी किया। पाखी के पिता कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि पाखी जब मात्र तीन साल की थी तभी से मोबाइल, टेबलेट और लैपटॉप से दोस्ती कर ली थी। अगर देखा जाए तो आज बच्चों के खिलौने बदल गये हैं। 

पाखी बड़ी होकर आईएएस अफसर बनना चाहती हैं। पाखी को अपनी किताबें फेंकना या बेचना पसंद नहीं है।  वे अपनी किताबें, खिलौने और कपड़े जरूरतमंद को देना पसंद करती हैं। पाखी अपनी सामग्री अपने ब्लॉग (http://pakhi-akshita.blogspot.in) पर स्वयं अपलोड करती हैं। 

पुस्तक का नाम -   ‘. .और हमने कर दिखाया’ (देश के कुछ प्रतिभावान बच्चों की कहानियाँ )
संपादक - प्रेमेन्द्र श्रीवास्तव
प्रकाशक - उतर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ 

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ  द्वारा प्रकाशित पुस्तक "...और हमने कर दिखाया" (देश के कुछ प्रतिभावान बच्चों की कहानियाँ, सम्पादन-प्रेमेंद्र श्रीवास्तव)  में अक्षिता (पाखी) पर भी 'नन्ही ब्लॉगर पाखी की ऊँची उड़ान" शीर्षक से एक अध्याय ...आभार !!

गुरुवार, अप्रैल 28, 2016

Rose : King Of Flowers :: फूलों का राजा गुलाब

आजकल हमारी छोटी सिस्टर अपूर्वा भी लैपटॉप पर हाथ साफ करने लगी हैं।  जब भी मैं लैपटॉप पर कुछ कार्य करने बैठती हूँ तो ये भी हाजिर हो जाती हैं।  फ़िलहाल, फूलों के राजा गुलाब का ये चित्र और इसका लिंक गूगल के माध्यम से अपूर्वा ने  हमारे सहयोग से क्रिएट किया है। शुरुआत अच्छी है।  आखिर, हमने भी तो ऐसे ही अपनी ब्लॉगिंग का आरम्भ किया था। 

शुक्रवार, अप्रैल 22, 2016

हिंदी ब्लागिंग की 13वीं वर्षगाँठ : नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) की चर्चा

न्यू मीडिया के इस दौर में ब्लाॅगिंग लोगों के लिए अपनी बात कहने का सशक्त माध्यम बन चुका है। राजनीति की दुनिया से लेकर फिल्म जगत, साहित्य से लेकर कला और संस्कृति से जुड़े तमाम नाम ब्लॉगिंग से जुडे हुए हैं।  आज ब्लाॅग सिर्फ जानकारी देने का माध्यम नहीं बल्कि संवाद, प्रतिसंवाद, सूचना विचार और अभिव्यक्ति का भी सशक्त ग्लोबल मंच है। 

यदयपि ब्लागिंग का आरंभ  1999 से माना  जाता है पर हिंदी में ब्लागिंग का आरम्भ वर्ष 2003 में हुआ। आज हिंदी में करीब एक लाख से ज्यादा ब्लॉग हैं और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग बखूबी इसके माध्यम से सक्रिय हैं। इनमें एक परिवार ऐसा भी है, जिसके सभी सदस्य हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़े हुए हैं।  चर्चित हिंदी ब्लॉगर एवं सम्प्रति राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के  निदेशक  डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव बताते हैं कि पूर्णतया हिन्दी में ब्लाॅगिंग आरंभ करने का श्रेय आलोक को जाता है, जिन्होंने 21 अप्रैल 2003 को हिंदी के प्रथम ब्लॉग ’नौ दो ग्यारह’ से इसका आगाज किया। सार्क देशों के सर्वोच्च 'परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान' से सम्मानित एवं नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित तमाम देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी निभाने वाले श्री यादव जहाँ अपने साहित्यिक रचनाधर्मिता हेतु "शब्द-सृजन की ओर" (http://kkyadav.blogspot.in/) ब्लॉग लिखते हैं, वहीं डाक विभाग को लेकर "डाकिया डाक लाया" (http://dakbabu.blogspot.in/) नामक उनका ब्लॉग भी चर्चित है। श्री यादव का पूरा परिवार ही हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ा हुआ है। 

वर्ष 2015 में हिन्दी का सबसे लोकप्रिय ब्लाॅग 'शब्द-शिखर' (http://shabdshikhar.blogspot.com) को चुना गया और इसकी मॉडरेटर आकांक्षा यादव को  हिन्दी में ब्लाॅग लिखने वाली शुरूआती महिलाओं में गिना जाता है। ब्लॉगर दम्पति कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को  'दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति',  'परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान' के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा नवम्बर, 2012 में ”न्यू मीडिया एवं ब्लाॅगिंग” में उत्कृष्टता के लिए ”अवध सम्मान से भी विभूषित किया जा  चुका  है। इस दंपती ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और  विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। नारी सम्बन्धी मुद्दों पर प्रखरता से लिखने वालीं आकांक्षा यादव का मानना है कि न्यू मीडिया के रूप में उभरी ब्लाॅगिंग ने नारी-मन की आकांक्षाओं को मुक्ताकाश दे दिया है। आज एक लाख से भी ज्यादा हिंदी ब्लाॅग में लगभग एक तिहाई ब्लाॅग महिलाओं द्वारा लिखे जा रहे  हैं। 

ब्लॉगर दम्पति यादव की 9 वर्षीया सुपुत्री अक्षिता (पाखी) को भारत की सबसे कम उम्र की ब्लॉगर माना जाता है, जो कि वर्तमान में हैप्पी आवर्स स्कूल, जोधपुर में कक्षा 4 की छात्रा हैं। अक्षिता की प्रतिभा को देखते हुए भारत सरकार ने  वर्ष 2011 में उसे "राष्ट्रीय बाल पुरस्कार" से सम्मानित किया, वहीं पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, श्री लंका में उसे  "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" से भी सम्मानित किया गया। इसके 'पाखी की दुनिया'  (http://pakhi-akshita.blogspot.in/) ब्लॉग को 100 से ज्यादा देशों में देखा-पढा जाता है और लगभग 450 पोस्ट वाले इस ब्लॉग को 260 से ज्यादा लोग नियमित अनुसरण करते हैं। 

हिंदी ब्लॉगिंग की दशा और दिशा पर पुस्तक लिख रहे चर्चित ब्लॉगर कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि,  आज हिन्दी ब्लाॅगिंग में हर कुछ उपलब्ध है, जो आप देखना चाहते हैं। हर ब्लॉग का अपना अलग जायका है। यहाँ खबरें हैं, सूचनाएं हैं, विमर्श हैं, आरोप-प्रत्यारोप हैं और हर किसी का अपना सोचने का नजरिया है। तेरह सालों के सफर में हिंदी ब्लागिंग ने एक लम्बा मुकाम तय किया है। आज हर आयु-वर्ग के लोग इसमें सक्रिय हैं, शर्त सिर्फ इतनी है कि की-बोर्ड पर अंगुलियाँ चलाने का हुनर हो ।









बुधवार, अप्रैल 06, 2016

'राजस्थान पत्रिका' की पहल बिटिया @ वर्क में अक्षिता व अपूर्वा

बिटिया आई, ऑफिस में नई रौनक लाई : 'राजस्थान पत्रिका' की पहल बिटिया @ वर्क के तहत 5 अप्रैल, 2016 को हम दोनों सिस्टर्स अक्षिता और अपूर्वा अपने पापा के साथ उनके ऑफिस गए और वहाँ की कार्य प्रणाली को समझा और लोगों से बातचीत कर काफी कुछ सीखा। राजस्थान पत्रिका के जोधपुर संस्करण में फ्रंट पेज पर आज 5 अप्रैल, 2016 को अपनी सम्बंधित फोटोग्राफ और अनुभव देखना अच्छा लगा।   




पापा का काम जानकर मिला सुकून : अक्षिता (9) और अपूर्वा (5) 'राजस्थान पत्रिका' की पहल बिटिया @ वर्क के तहत अपने पापा श्री कृष्ण कुमार यादव के साथ उनके ऑफिस पहुँचीं।  श्री यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित नन्ही ब्लॉगर अक्षिता ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि पापा के ऑफिस जाकर और वहाँ की कार्य प्रणाली देखकर बहुत अच्छा और प्रेरणादायी लगा। मैं भी बड़ी होकर पापा जैसी ही आई.ए.एस. परीक्षा देकर ऑफिसर बनना चाहती हूँ।  पापा के ऑफिस में फाइलों के निपटान से लेकर तमाम प्रोजेक्ट्स की ऑनलाईन मॉनिटरिंग देखी। ऑफिस आकर देखा कि पापा कैसे लोगों की समस्या का समाधान करते हैं।  इस शानदार पहल के लिए पत्रिका का आभार। 







Inspired to see the Papa in official capacity and his working in the office.  I will like to be an dynamic Officer like him. Proud of you Papa. Thanks a lot to Rajasthan Patrika for being part of Daughters at work - Akshitaa (Pakhi)

'भोर की उजास है बिटिया, प्रभात की पहली किरण है बिटिया, सफलता का हर क्षण है बिटिया, जीवन का सार है बिटिया, खुशियों का संसार है बिटिया।' हमारा घर बेटियों से रोशन है। अब एक कदम और आगे बढ़ाएं और इस बार 5 अप्रैल के दिन को सार्थक बनाएं। राजस्थान पत्रिका के अभियान 'बिटिया@ वर्क' के साथ जुड़कर अपने जीवन की अमूल्य निधि अपनी बिटिया को मौका दें आपके संसार को समझने का। इस खास दिन अभियान के साथ कदम से कदम मिलाते हुए आप अपने कार्यस्थल पर 8 से 19 वर्ष तक की बेटी को जरूर लाएं। यह कार्यस्थल आपका दफ्तर, खेत-खलिहान, व्यापारिक प्रतिष्ठान, कारखाना, दुकान कोई भी हो, लेकिन बेटी को इस कर्मक्षेत्र से परिचित कराएं। आपके काम का मर्म समझाएं, आपकी सीट पर बैठाएं और आपकी तरह ही काम करने का मौका दें। खास दिन का यह अनुभव आपकी बिटिया को नई ऊंचाई देगा और आपके स्नेह की मिठास को और बढ़ा देगा। इन खास पलों के फोटो आप हमारे साथ शेयर करें। हम इसे करोड़ों पाठकों तक पहुंचाएंगे।  (राजस्थान पत्रिका की अपील)


मंगलवार, अप्रैल 05, 2016

Akshitaa (Pakhi) promoted in Class 4 now...


अब  हम क्लास 4 में आ गए। कल यानी 4 अप्रैल को इस क्लास में पहला दिन था। हमारी पुरानी क्लास के सभी स्टूडेंट्स का सेक्शन बदल गया है, इसलिए नए सेक्शन में पुरानी क्लास के कुछेक फ्रैंड्स ही हैं। अधिकतर चेहरे तो नए ही हैं । पापा हमेशा कहते हैं कि एक ही जगह से नहीं दिल लगाना, क्योंकि ट्रांसफ़रेबल जॉब में अभी तमाम नए शहर और स्टेट्स देखने हैं । हमारी सिस्टर अपूर्वा भी अब  प्रेप में प्रमोट हो गई हैं।

क्लास 3से 4 में एक नया परिवर्तन यह आया है कि अब हमें इंग्लिश 4 लाईन में नहीं बल्कि दो लाईन में लिखनी है। इसके अलावा अब हर पीरियड  की नई टीचर होंगी।

नई क्लास, नया सेक्शन, नए दोस्त, नई टीचर्स और ढेर सारी नई बुक्स ......................!!





सोमवार, अप्रैल 04, 2016

Akshitaa (Pakhi) in International Olympiad of Science

स्कूल की पढाई के साथ-साथ आजकल प्राय: अन्य गतिविधियों में भी मैं खूब भाग ले रही हूँ।  इसी क्रम में मैंने इंटरनेशनल ओलम्पियाड ऑफ़ साइंस-2015 में भी भाग लिया।  इसमें तो कई विषय वस्तु ऐसी थी, जिनसे मैं पहली बार रूबरू हुई, पर जब तक हम पार्टिसिपेट नहीं करेंगें, उन्हें सीखेंगे कैसे !  


Akshitaa Yadav has participated and acquired 4th position in the Class, secured 32 state rank and achieved 2,842 international rank in International Olympiad of Science-2015.


मुगल बादशाहों के अक्षिता (पाखी) द्वारा बनाए गए चित्र

इतिहास की किताबें सभी को प्रभावित करती हैं। राजा-रानियों के किस्से, संघर्ष और लड़ाईयाँ और भी न जाने कितनी दस्तानें। इतिहास की किताबों से निकलकर कई बार ये चरित्र हमारी लेखनी या कला का हिस्सा बन जाते हैं और फिर पन्नों पर हम उन्हें अपने अनुसार चित्रित करते हैं।  ऐसा ही एक प्रयास किया, अक्षिता (पाखी) ने और मुगल बादशाह अकबर, शाहज़हां और जहांगीर को पन्नों पर उकेर डाला।  आप सभी के अवलोकनार्थ यहाँ प्रस्तुत हैं, मुगल बादशाहों के अक्षिता द्वारा बनाए गए चित्र -
मुगल बादशाह अकबर


मुगल बादशाह शाहज़हां 
मुगल बादशाह  जहांगीर 

शुक्रवार, अप्रैल 01, 2016

विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा में अक्षिता (पाखी) को मिला गोल्ड मेडल

 

अक्षिता (पाखी) ने राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा में अपने स्कूल हैप्पी ऑवर्स स्कूल, जोधपुर-राजस्थान में गोल्ड मेडल के साथ द्वितीय स्थान प्राप्त किया। 
Akshitaa (Pakhi) participated in National Level Science Talent Search Examination (NSTSE -2016) and got 2nd Rank with Gold Medal in 
her school Happy Hours School, Jodhpur, Rajasthan.




Certificate of appreciation : This Certificate has been awarded to Akshitaa, a student of Happy Hours School, by Unified Council, Foundation for success in appreciation of her excellent performance in the  National Level Science Talent Search Examination (NSTSE -2016) held on 4th December, 2015. She secured 10625 Rank at the National level. She is the 2nd ranker in her school, in the NSTSE -2016



शनिवार, मार्च 26, 2016

Happy Birthday to Akshitaa (Pakhi) : Sweet Memories


हमने अपना हैप्पी बर्थ-डे जोधपुर में सेलिब्रेट किया और केक काटने की सेरेमनी घर में ही की।  इस पल की कुछेक यादगर तस्वीरें।