हम बच्चों के प्रिय एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को मेघालय में निधन हो गया, जहां पर वह आईआईएम शिलांग के एक कार्यक्रम में गए थे। यहां पर डॉ कलाम जी मंच पर अपने भाषण के बीच में ही गिर पड़े। बाद में अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वाकई सभी के लिए बेहद दुःख भरा दिन रहा। न जाने कितनी बार उनको टीवी पर देखा-सुना था, ऐसा लगता था जैसे वे अपने बीच ही कहीं हैं। उनके बारे में कई बार स्कूल टीचर भी बताया करती । बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए उनकी बातें बेहद प्रेरक लगती थीं। उनकी कही कुछेक बातें वाकई हमेशा यादगार रहेंगी -
1. आपका सपना सच हो, इसके लिए जरूरी है कि आप सपना देखें।
2. उत्कृष्टता एक निरंतर प्रक्रिया है और यह अचानक नहीं होती।
3. जिंदगी कठिन है। आप तभी जीत सकते हैं जब आप मनुष्य होने के अपने जन्मसिद्ध अधिकार के प्रति सजग हैं।
4. व्यक्ति के जीवन में कठिनाई नहीं होगी तो उसे सफलता की खुशी का अहसास नहीं होगा।
5. हमें दुनिया तभी याद रखेगी जब हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और विकसित भारत देंगे जो कि आर्थिक संपन्नता और सांस्कृतिक विरासत से मिला हो।
6. जो अपने दिल से काम नहीं करते जिंदगी में भले ही कुछ पा लें, लेकिन वह खोखली होती है। यह आपके मन में कड़वाहट भरती है।
7. शिक्षाविदों को छात्रों का रोल मॉडल बनना चाहिए और यह प्रयास करना चाहिए कि उनमें खोजने, जांचने, सृजनात्मकता और उद्यमशीलता की क्षमता उभरे।
8. आसमान की ओर देखें। हम अकेले नहीं हैं। पूरा ब्रह्मांड हमारा मित्र है और जो सपना देख रहे हैं और मेहनत कर रहे हैं उन्हें बेहतरीन फल देने प्रयास कर रहा है।
9. अगर देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है और सुंदर मस्तिष्क वालों का देश बनाना है, तो मैं समझता हूं कि समाज के तीन लोग इसमें सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं। इनमें पिता, माता और गुरु सबसे महत्वपूर्ण हैं।
10. मेरा संदेश, खास तौर पर युवा पीढ़ी के लिए यह है कि उनमें हिम्मत हो कि वह कुछ अलग सोच सकें, हिम्मत हो कि वह कुछ खोज सकें, नए रास्तों पर चलने की हिम्मत हो, जो असंभव हो उसे खोज सकें और मुसीबतों को जीत सके और सफलता हासिल कर सके।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब हमारी यादों में सदैव जिन्दा रहेंगे !!