(दीपावली का त्यौहार नजदीक है। हम सभी इसे खूब इंजॉय करते हैं। पर कुछ बातों का ध्यान भी रखना होगा, ताकि इस ख़ुशी में और लोग भी शामिल हो सकें। इस पर दैनिक जागरण, इलाहाबाद संस्करण, 18 अक्टूबर 2014 में प्रकाशित हमारे विचार आप भी पढ़ सकते हैं।)
- अक्षिता (पाखी)
(राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता)
इलाहाबाद.
दीपावली रोशनी का त्यौहार है, न कि पटाखों का। इस मौके पर हम खूब दीये जलाएंगे और परिवार के साथ इसे इंजॉय करेंगे। पटाखों से तो बिलकुल दूर रहूँगी।
पटाखों से निकली चिंगारी से तो कई बार लोगों की आँखों की रोशनी भी चली जाती है। इससे प्रदूषण भी बहुत फैलता है।
ऐसे में मैंने संकल्प लिया है कि इस दीपावली पर पटाखों से दूर रहूँगी। जो पैसे हम पटाखों पर खर्च करते हैं, उनसे किसी गरीब या जरूरतमंद की सहायता कर उनके जीवन में रोशनी फैलाएंगे।
- अक्षिता (पाखी)
(राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता)
इलाहाबाद.
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