कल शिक्षक दिवस है। चलिए, इस अवसर पर पढ़ते हैं पापा की लिखी एक बाल कविता -
टीचर जी कितनी अच्छी,
सब बच्चों की प्यारी हो।
नई-नई बात बताती,
लगती कितनी न्यारी हो।
हम बच्चें करें पढ़ाई,
चौबीस घंटे तन-मन-धन से।
जब बच्चे मिल करें शरारत,
समझाती हो बड़े जतन से।
पिकनिक पर सबको ले जाती,
ज्ञान का भंडार बढ़ाती।
खेल-खेल में हम सबकोे,
जीवन का सार बताती।
1 टिप्पणी:
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 05 सितम्बर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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