आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज कृष्ण जन्माष्टमी है। आज ही तो देर रात माखन चोर श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण जी की बाल- लीलाएं तो मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। वे भी तो हम बच्चों जैसे ही खूब शरारतें करते थे और फिर उनकी मैया यशोदा कित्ता डांटती थी। लेकिन कृष्ण जी भी कम नहीं थे, अंतत: मैया को अपनी तरफ कर ही लेते थे और फिर गोपियाँ देखती ही रह जाती थीं।
वैसे इस बार दही हांडी में 12 साल तक के बाल गोपालों के भाग लेने पर पाबन्दी लगने के बाद कुछ लोग उदास भी हैं। पर मुझे लगता है कि यह सही कदम उठाया गया है। दही हांडी पिरामिड में ऊपर के तीन से चार थर में छोटे छोटे बच्चों को चढ़ाया जाता है और जब थर गिरता है तो बच्चों को गंभीर चोटें आती हैं। इसके चलते कई की मृत्यु हो जाती है तो कई अपंग हो जाते हैं। अब सोचिये कि क्या यह सब बाल कृष्ण को अच्छा लगेगा। जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
!! कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ।
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