10 अगस्त को पापा का जन्मदिन भी था और रक्षाबंधन भी। इस शुभ दिन पर हमने खूब सारे पौधे लगाए। ममा-पापा ने पूरे परिवारजनों से पौधे लगवाए। पापा ने तो बड़ी अच्छी बात कही, ''जब ये पौधे बड़े होकर लहलहाएंगे, उन पर फूल खिलेंगे, फल उगेंगे तो चिड़ियों की चहचहाहट के बीच प्रकृति भी हमें दिल से आशीष देगी !! ''
मुझे तो प्रकृति से बहुत प्यार है। कई बार सोचती हूँ कि इसके लिए कुछ करूँ। वाकई पौधरोपण से अच्छा कोई आइडिया नहीं हो सकता। इस समय तो बारिश का मौसम है, पर इसके बाद मैं और अपूर्वा सभी पौधों को प्रतिदिन पानी देंगे और देखेंगे कि ये कैसे बड़े होते हैं !!
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