इधर कई पत्र-पत्रिकाओं में मेरी रचनाएँ और ड्राइंग प्रकाशित हुई हैं। 'जनसंदेश टाइम्स' अख़बार (28 सितम्बर, 2013) के बाल बाड़ी पेज (सा रे ग म, पृष्ठ संख्या-9) पर मेरी (अक्षिता (पाखी) की) एक बाल -कविता 'नन्ही गौरैया' प्रकाशित हुई हैं। इसे आप भी पढ़ सकते हैं।
पर सबसे अच्छी बात तो यह रही कि इसी पेज पर ममा का भी एक आलेख 'इस होनहार बेटी को सलाम' शीर्षक से प्रकाशित हुआ है , जो कि उनके ब्लॉग 'शब्द-शिखर' से लिया गया है।
इस आलेख को 'शब्द-शिखर' पर 'मजदूर' की बेटी, पर 'मजबूर' नहीं, 7 साल में हाईस्कूल, 13 साल में एमएससी' शीर्षक से देखा-पढ़ा जा सकता है !!
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