हमने पिछली पोस्ट में अपने काठमांडू जाने की चर्चा की थी। हम 12 सितम्बर को बनारस से काठमांडू निकले। सच कहिये तो यह मेरी पहली विदेश यात्रा हो गई, वैसे लुम्बिनी तक तो हम पहले ही हो आए हैं। एक लम्बे समय बाद एरोप्लेन से यात्रा और काठमांडू के मौसम ने अंडमान की याद दिला दी। तो चलिए, कुछ यादगार पिक्चर आपसे शेयर करते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर, वाराणसी के वीआईपी लाउंज में ममा और अपूर्वा के साथ।
लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर, वाराणसी के वीआईपी लाउंज में एयरपोर्ट मैगज़ीन पढने में तल्लीन पापा।
बोर्डिंग से पहले लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर, वाराणसी पर अक्षिता (पाखी).
बोर्डिंग से पहले लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट, बाबतपुर, वाराणसी पर पापा।
तो अब यात्रा आरंभ हो गई ...वाराणसी से काठमांडू जाने के लिए तैयार : एयर इण्डिया के विमान में अपूर्वा और अक्षिता (पाखी)
एरोप्लेन से कुछ यूँ दिखा बाबतपुर का दृश्य।
बादलों के बीच अद्भुत दृश्य।
अब नीचे काठमांडू दिखने लगा है ...खूबसूरत शहर।
वाह, कितनी सुन्दर घाटियाँ (Vallies). इन घाटियों के बीच ही बसी है नेपाल की राजधानी काठमांडू।
अब तो एरोप्लेन विंडो से काठमांडू पूरा साफ दिखने लगा है। ढेर सारे मकान, गाड़ियाँ और लोग।
यह लीजिये, हम पहुँच गए नेपाल के काठमांडू स्थित त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर।
बाय-बाय एंड थैंक्स एयर इण्डिया।
विमान से उतरकर अब चले हम एयरपोर्ट से बाहर।
...और लीजिये हम पहुँच गए काठमांडू स्थित अपने होटल में।
अब तो हम थक भी गए हैं। कल 13 सितम्बर को हमें 'अंतर्राष्ट्रीय ब्लोगर सम्मलेन' भी तो अटेंड करना है। कल आपको उसकी भी पिक्चर्स दिखायेंगे ...तब तक के लिए गुड-नाईट एंड बाय !!
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