बारिश के दिनों में कल शाम को माली जब हमारे लान में स्थित गुड़हल के पेड़ की छंटाई कर था तो उसे वहां एक चिड़िया का घोंसला दिखा। फिर उसने यह बात को बताई और जब हमने जाकर देखा तो उस घोंसले में एक चिड़िया का बच्चा था।
नन्हा सा, मासूम सा, सकुचाया और शरमाया सा ...
नन्हा सा, मासूम सा ...हमें देखते ही अपनी चोंच ऐसे खोलता मानो भूखा हो।
एक बारगी हमने सोचा कि इसे किसी सुरक्षित जगह पर रख दें, पर फिर लगा कि इसकी मां इसे यहाँ न पाकर बहुत परेशान होगी। हमने उसके चारों तरफ़ पत्तियों का घेरा बनाया, ताकि वह सुरक्षित रहे। कोई पक्षी या जानवर उसे नुकसान न पहुंचा सके। हमने उसके घोंसले में कुछ खाने की चीजें भी रखवा दी हैं।
सुबह हमने उसे फिर देखा तो वह अपलक हमें देख रहा था, मानो कुछ कहना चाहता हो।
1 टिप्पणी:
प्यारी सी, कोमल सी चिड़िया।
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