आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शुक्रवार, नवंबर 23, 2012

जाड़े के दिन आए

जाड़े के दिन आरंभ हो गए हैं। सुबह-शाम तो कितनी सारी ठण्ड लगती है। अंडमान में तो जाड़ा बिल्कुल नहीं पड़ता था,हमेशा सम मौसम।

अपूर्वा तो पहली बार जाड़े के दिनों को देख रही है।

धूप होते ही अपूर्वा निकल आती हैं बाहर और फिर मस्ती शुरू।


आप भी देखिये अपूर्वा के फ़ोटोज़।


अब तो दो साल से बड़ी हो गई है।

शुक्रवार, नवंबर 16, 2012

राष्ट्रीय सहारा में 'पाखी की दुनिया'

 (15 नवम्बर, 2012 को सहारा समय (उत्तर प्रदेश) पर सांय 5 : 30 - 6 : 00 बजे तक अक्षिता की लाइव कवरेज हुई. इस दौरान राष्ट्रीय सहारा अख़बार के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे और उन्होंने आज 16 नवम्बर को अक्षिता के ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' को लेकर एक स्टोरी कवर की है, जिसे यहाँ साभार प्रस्तुत किया जा रहा है)
प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं, बशर्ते उसे अनुकूल माहौल और परिवेश हासिल हो सके। कोई साढे़ पांच बरस की अक्षिता उर्फ पाखी ने इस हकीकत को साबित कर भी दिखाया है। इस छोटी सी उम्र में अक्षिता हिन्दी ब्लागिंग में नये कीर्तिमान कायम कर रही है। अपनी काबिलियत के बूते वह पिछले साल आर्ट और ब्लागिंग के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हासिल कर चुकी है। अक्षिता देश की इकलौती ऐसी बालिका है जिसे इतनी कम उम्र में यह सम्मान मिला है। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने पहली बार किसी प्रतिभा को ब्लागिंग विधा के लिए सम्मानित किया है। गौरतलब यह भी कि पिछले ही साल नई दिल्ली में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में भी उसे ’श्रेष्ठ नन्ही ब्लागर’ के सम्मान से नवाजा गया।

अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव और उनकी माँ श्रीमती आकांक्षा यादव खुद हिन्दी ब्लागिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं और इसके लिए उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं। उनके जुनून का ही नतीजा है कि आज ब्लागिंग को आधिकारिक तौर पर विधा के रूप में मान्यता मिलने लगी है। इसी एक नवम्बर को इस दम्पति को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ’न्यू मीडिया एवं ब्लागिंग’ में उत्कृष्टता के लिए ’अवध सम्मान’ से सम्मानित किया। हाल ही में कृष्ण-आकांक्षा को ’दशक के श्रेष्ठ ब्लागर दम्पति’ का भी सम्मान मिल चुका है। कृष्ण कुमार यादव इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक (डाक सेवाएं) हैं और हिन्दी साहित्य में उनकी खासी दिलचस्पी है। उनकी अब तक छह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं ।

’बहरहाल, जिक्र चल रहा है उनकी लाडली बिटिया अक्षिता का। 25 मार्च, 2007 को कानपुर में जन्मीं अक्षिता इन दिनों इलाहाबाद के गल्र्स हाई स्कूल में प्रेप की छात्रा है। बड़ी होकर आई.पी.एस. बनने की ख्वाहिश रखने वाली अक्षिता ब्लागिंग के साथ प्लेयिंग, ड्रांइग, ट्रेवलिंग में दिलचस्पी रखती है। खासतौर पर ड्रांइग में खासी रूचि रखने वाली अक्षिता के मम्मी-पापा ने पहले तो उसकी गतिविधियों पर कोई खास ध्यान नहीं दिया लेकिन बाद में वे गंभीर हुए और उन्होंने उसके बनाए चित्रों को सहेजना शुरू किया। आगे चलकर इन चित्रों और अक्षिता की गतिविधियों से ब्लॉग के जरिये लोगों को रूबरू कराने का विचार बनाया और 24 जून, 2009 को ’पाखी की दुनिया’ नाम से ब्लॉग अस्तित्व में आ गया। देखते ही देखते एक लाख से अधिक ब्लागों में इस ब्लॉग की रेटिंग बढ़ती गयी और आज इस ब्लॉग पर कोई तीन सौ पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं व करीब ढाई सौ लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस तरह से इस ब्लॉग पर अकल्पनीय प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। कोई 98 देशों में इसे देखा-पढ़ा जाता है। इस ब्लॉग का संचालन अक्षिता के मम्मी-पापा द्वारा किया जाता है लेकिन इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाए चित्र, पेटिंग्स, फोटोग्राफ्स और उसकी बातों को पेश किया जाता है, वह इस ब्लॉग को दिलचस्प बनाता है। अक्षिता और उसका ब्लॉग ’पाखी की दुनिया’ फेसबुक पर भी है, जहाँ पाँच सौ से ज्यादा लोग अनुसरण कर रहे हैं।
उन्होंने तो अक्षिता की ड्राइंग पर पूरा गीत ही रच डाला
’पाखी की दुनिया’ ब्लॉग के माध्यम से अक्षिता (पाखी) की सृजनात्मकता को भी पंख लग गए और लोगों ने उसे हाथों-हाथ लिया। इस ब्लॉग पर अंडमान के बारे में काफी जानकारियाँ और फोटोग्राफ हैं, जिन्हें लोग काफी उत्सुकता से पढ़ते और सराहते हैं। राजस्थान के चर्चित बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा अक्षिता की मासूम प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि अपनी पुस्तक ’चूं-चूं’ के कवर पेज पर अक्षिता की फोटो ही लगा दी। सरस-पायस के संपादक रावेन्द्र कुमार ’रवि’ ने अक्षिता की ड्राइंग को लेकर पूरा बाल-गीत ही रच डाला तो तमाम ब्लॉग्ज पर अक्षिता की चर्चा होने लगी। हिन्दी ब्लॉग जगत के सर्वाधिक सक्रिय ब्लागर समीर लाल ने कनाडा से ’पाखी की दुनिया’ के लिए सुन्दर-सुन्दर कविताएँ भी रचीं। तमाम पत्र-पत्रिकाओं में अक्षिता को लेकर फीचर और समाचार लिखे गए वहीं आकाशवानी और तमाम चैनलों पर भी उसके इंटरव्यू प्रकाशित-प्रसारित हो चुके हैं। कृष्ण कुमार यादव, आकांक्षा यादव, अक्षिता को गौरव प्राप्त है कि एक ही परिवार के सभी सदस्य ब्लॉग जगत में बखूबी सक्रिय हैं और सराहे जा रहे हैं।
साभार: राष्ट्रीय सहारा, 16 नवम्बर 2012

बुधवार, नवंबर 14, 2012

बाल-दिवस पर अक्षिता (पाखी) 'जी न्यूज' पर

आज बाल-दिवस है।।चाचा नेहरु का जन्मदिन। वैसे चाचा नेहरु तो इलाहाबाद के थे और आजकल मैं भी यहीं पर हूँ। चाचा नेहरु को बच्चों से बहुत प्यार था, इसीलिए उनका जन्म-दिन 'बाल-दिवस' के रूप में मनाया जाता है। वे भी बचपन में हम बच्चों जैसी ही शरारतें किया करते थे। एक बार तो उन्होंने पिंजरे से तोते हो ही उड़ा दिया और कहा कि सभी को आजादी का हक है। तो ऐसे थे चाचा नेहरु।
मेरे लिए तो यह दिन और भी यादगार है। इसी दिन पिछले साल मुझे आर्ट और ब्लागिंग के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' भी मिला था।
  
  
आज भी आप मुझे जी न्यूज (उ.प्र.-उत्तराखंड) पर बाल-दिवस की स्टोरी में देख सकते हैं। चाचा नेहरु के गृह नगर इलाहाबाद से लिंक कर चलाई जा रही इस स्टोरी में मुझे एक 'नन्हीं ब्लागर' और भारत की सबसे कम उम्र की 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' विजेता रूप में उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए लिखा गया है कि 'यदि आज चाचा नेहरु जिन्दा होते तो अक्षिता पर गर्व करते।''
बाल-दिवस पर आप सभी को ढेर सारी बधाइयाँ। आप सबका आशीर्वाद और प्यार तो आज मिलेगा ही।

रविवार, नवंबर 11, 2012

जगमग दीपावली आ गई

आजकल तो त्यौहारों की धूम है। अभी नवरात्र ख़त्म हुए, अब दीपावली का त्यौहार। दीपावली से पहले धनतेरस और छोटी दीपावली। दीपावली का त्यौहार मुझे बहुत अच्छा लगता है
लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा, ढेर सारी रौशनी, दीयों की जगमग कतार, घर पर जगमगाती लड़ियाँ, फिर आतिशबाजी और मिठाइयाँ भला कैसे भूल सकती हूँ।
मुझे तो घर में दीये सजाना बहुत अच्छा लगता है, पर आतिशबाजी और पटाखे छोड़ना ज्यादा अच्छा नहीं लगता। कित्ता प्रदूषण होता है इससे। लोग हफ्ते भर पहले से ही पटाखे छुड़ाने लगते हैं जो कि मुझे बिलकुल नहीं पसंद है।दीपावली पर रंगोली बनाना भी कितना भाता है....ढेर सारे रंग और कल्पनाएँ । इस धनतेरस पर मैंने अपने लिए एक सोना का सिक्का भी ख़रीदा।
आप अभी लोगों को धनतेरस औए दीपावली पर ढेर सारी शुभकामनायें।
आप सबके आशीर्वाद और स्नेह का इंतजार रहेगा ।

मंगलवार, नवंबर 06, 2012

उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान' पर ममा-पापा को बधाई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 1 नवम्बर, 2012 को हमारे पापा श्री कृष्ण कुमार यादव और मामा श्रीमती आकांक्षा यादव को ‘न्यू मीडिया एवं ब्लागिंग’ में उत्कृष्टता के लिए एक भव्य कार्यक्रम में ‘अवध सम्मान’ से सम्मानित किया. जी न्यूज़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन ताज होटल, लखनऊ में किया गया था, जिसमें विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया। ममा-पापा के साथ सम्मानित होने होने वाले अन्य लोग थे- वरिष्ठ साहित्यकार श्री विश्वनाथ त्रिपाठी, चर्चित लोकगायिका श्रीमती मालिनी अवस्थी, ज्योतिषाचार्य पं. के. ए. दुबे पद्मेश, वरिष्ठ आई.एस. अधिकारी श्री जय शंकर श्रीवास्तव इत्यादि .ममा-पापा के साथ इस कार्यक्रम में मैं भी पहुंची। इस कार्यक्रम का जी न्यूज (उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड) पर लाइव प्रसारण भी हुआ। आप भी इस प्रोग्राम के कुछेक फोटोग्राफ्स देखें-
             (उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ममा-पापा को अवध सम्मान )

                         (उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के साथ ममा-पापा)

                                                 (ममा-पापा का संबोधन)

                                            (सम्मान के बाद ममा-पापा के साथ)

                                    (सम्मान-समारोह में ममा-पापा के साथ)

(सम्मान-समारोह के बाद उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के साथ ग्रुप-फोटोग्राफ)


!! ममा-पापा को इस सम्मान पर ढेर सारी बधाइयाँ और प्यार !!