आज बाल-दिवस है।।चाचा नेहरु का जन्मदिन। वैसे चाचा नेहरु तो इलाहाबाद के थे और आजकल मैं भी यहीं पर हूँ। चाचा नेहरु को बच्चों से बहुत प्यार था, इसीलिए उनका जन्म-दिन 'बाल-दिवस' के रूप में मनाया जाता है। वे भी बचपन में हम बच्चों जैसी ही शरारतें किया करते थे। एक बार तो उन्होंने पिंजरे से तोते हो ही उड़ा दिया और कहा कि सभी को आजादी का हक है। तो ऐसे थे चाचा नेहरु।
मेरे लिए तो यह दिन और भी यादगार है। इसी दिन पिछले साल मुझे आर्ट और ब्लागिंग के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' भी मिला था।
आज भी आप मुझे जी न्यूज (उ.प्र.-उत्तराखंड) पर बाल-दिवस की स्टोरी में देख सकते हैं। चाचा नेहरु के गृह नगर इलाहाबाद से लिंक कर चलाई जा रही इस स्टोरी में मुझे एक 'नन्हीं ब्लागर' और भारत की सबसे कम उम्र की 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' विजेता रूप में उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए लिखा गया है कि 'यदि आज चाचा नेहरु जिन्दा होते तो अक्षिता पर गर्व करते।''
बाल-दिवस पर आप सभी को ढेर सारी बधाइयाँ। आप सबका आशीर्वाद और प्यार तो आज मिलेगा ही।
5 टिप्पणियां:
पाखी को बहुत बधाई..
पाखी बिटिया को बहुत बहुत बधाई!
अक्षिता, आपको 14 नवम्बर को जी-न्यूज पर देखना बहुत अच्छा लगा. पूरे दिन भर बाल-दिवस पर आपकी खबर चली. कभी चाचा नेहरु के साथ तो कभी सोनिया गाँधी और प्रधानमंत्री मनमोहन जी के साथ..अप बहुत भाग्यशाली हैं..बहुत-बहुत बधाइयाँ स्वीकार करें !!
पाखी आपकों बहुत बहुत बधाइ ।
हम सभी लोगों को आप पर गर्व है ।
ham to ise nahin dekh paye, par khushi kafi hui. GOd bless u pakhi.
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