यह देखिये, मैंने बनाई एक प्यारी सी चिड़िया का चित्र. जब मैं सुबह स्कूल जाती हूँ तो मेरे लॉन में ढेर सारी चिड़िया दिखती हैं. कोई फुदकती है, कोई चहचहाती है, कोई आराम से बैठी होती है तो कोई कभी यहाँ-कभी वहाँ उड़ती नजर आती है.
मैं सोचती हूँ कि काश मैं भी चिड़िया होती तो दूर आसमान तक घूम कर आती !!
4 टिप्पणियां:
पंख लगा लो, उड़ा करो..
ARE TUM BHI TO PYAARI TITALI JAISI HO PANKHURI,ABHI KHOB MAJE KARO .PADH LIKH KAR SAARI DUNIYA ME GHOOMO YAHI ASHISH HAI .
सोचती हूँ कि काश मैं भी चिड़िया होती तो दूर आसमान तक घूम कर आती !!
++++++++++++++++++++
मैं भी तो ऐसा ही सोचती हूँ...
खूबसूरत चित्र के लिए पाखी जी को बधाइयाँ.
एक टिप्पणी भेजें