आपको आम अच्छे लगते हैं...आखिर किसे अच्छे नहीं लगेंगें. फलों का रजा आम तो मुझे बहुत पसंद है. अंडमान में तो साल भर में तीन बार आम की फसल होती थी, खूब आम खाती थी. यहाँ इलाहाबाद में भी खूब आम खा रही हूँ. दो आम के पेड़ तो हमारे लान में ही लगे हुए हैं. उनके सारे आम तोड़कर हजम कर चुकी हूँ. आम को बौर से लेकर अमिया और फिर पीले-पीले पकना देखना बड़ा अच्छा लगा. इसी बहाने मैंने यह भी जाना कि आम की फसल पैदा कैसे होती है.
आपको पता है कि आज 'मैंगो-डे' है. लेकिन इसका मतलब यह थोड़े ही है कि इसे सिर्फ आज के दिन ही खाना है. जब भी मन में आए, खूब आम खाइए..मैं तो चली आम खाने ...!!
7 टिप्पणियां:
मीठे मीठे आमों का दिन..
bahut khoob pakhi..sangrahniy v sarthak prastuti.धिक्कार तुम्हे है तब मानव ||
मैं भी चला आम खाने ...
sweet mango,cute pakhi....
:-)
muh me paani aa gya..
Fir to hamen bhi Mango khilayen.
Cute Photos..
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