आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

मंगलवार, जून 26, 2012

बुद्ध जी के सानिध्य में..

पिछली पोस्टों में मैंने आपको अपनी कुशीनगर यात्रा के बारे में बताया था. कुशीनगर में ही महात्मा बुद्ध जी का महापरिनिर्वान हुआ था. हम उस पवित्र स्थल को भी देखने गए. यहाँ पर बुद्ध जी की एक आदमकद प्रतिमा लेटी हुई है, जो उनके महापरिनिर्वान का सन्देश देती है. पीले कपड़ों में ताम्र-धातु से निर्मित महात्मा बुद्ध जी की यह मूर्ति काफी विशाल और खूबसूरत है.परिसर में ही एक बड़ा सा घंटा भी लगा हुआ है, इसे भी देखना खूबसूरत लगा.

रविवार, जून 24, 2012

अक्षिता (पाखी) की कुशीनगर यात्रा..

पिछली पोस्टों में मैंने आपको अपनी सारनाथ और लुम्बिनी यात्रा के बारे में बताया था. इसी क्रम में हम कुशीनगर भी घूमने गए. कुशीनगर में ही महात्मा बुद्ध जी का महापरिनिर्वान हुआ था. सर्वप्रथम हम पहुंचे रामाभर स्तूप. रामभार झील के निकट स्थित यह स्तूप भगवान बुद्ध के अंतिम संस्कार का द्योतक है.यहाँ पर महात्मा बुद्ध जी की स्मृति में कई बुद्धिस्ट मंदिर भी बने हुए हैं. एक-से-बढ़कर एक..कुशीनगर स्थित म्यूजियम भी हमने देखा..वाकई खूबसूरत..ढेर सारी चीजें देखने-समझने का अवसर मिला मुझे.अगली पोस्ट में आपको दर्शन करायेंगें महात्मा बुद्ध जी के परिनिर्वाण स्थली का..!!






रविवार, जून 17, 2012

मेरे पापा सबसे प्यारे...

मेरे पापा बहुत प्यारे हैं. उनसे प्यार जताने के लिए किसी खास दिन की जरुरत तो नहीं पड़ती. पर आज फादर्स-डे है, सो आज तो पापा का विशेष ख्याल रखना पड़ेगा. अब तो मैं बड़ी हो गई हूँ, सो यह समझने लगी हूँ कि पापा की क्या जरूरतें और शौक हैं . कई बार जब हमें लगता है कि पापा बहुत बिजी हैं तो कुछ ऐसा कार्यक्रम बनाते हैं कि उनके साथ कहीं बाहर घूम सकें. पापा को घूमना बहुत अच्छा लगता है, सो मना भी नहीं करते. पाप़ा को मैगजींस और बुक्स पढना बहुत अच्छा लगता है, सो आज उनके लिए कोई अच्छी सी बुक लाती हूँ. फादर्स डे पर इससे अच्छा गिफ्ट क्या हो सकता है. पिछले दिनों मेरी फरमाइश पर पापा ने 'राउडी राठौड़' मूवी दिखाई थी, आज उनकी पसंद की मूवी दिखाने की भी सोच रही हूँ. पापा की सबसे अच्छी बात लगती है, उनकी क्रिएटिविटी...कुछ न कुछ हमेशा करते रहते हैं. यह गुण मैंने भी उनसे सीखा है. मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं. वे मेरी हर छोटी-बड़ी जरूरतों का ध्यान रखते हैं. खरीददारी किसी के लिए भी हो, मेरे लिए तो उन्हें कुछ-न-कुछ खरीदना ही है. आखिर पापा की लाडली बिटिया जो हूँ.
अब तो अपूर्वा भी इस प्यार में हाथ बटाने लगी है. हम दोनों की दोस्ती जो खूब हो गई है. पापा हम दोनों को खूब लाड -प्यार करते हैं. हम दोनों की तरफ से पापा को हैपी फादर्स-डे पर ढेर सारा प्यार !!









शुक्रवार, जून 15, 2012

लुम्बिनी-नेपाल पहुँची अक्षिता (पाखी)

गर्मी की छुट्टियों में मैं खूब मस्ती कर रही हूँ. ढेर सारी जगहें घूमी हूँ. पिछले दिनों सारनाथ और बनारस गई तो इस बार गोरखपुर, लुम्बिनी (नेपाल) और कुशीनगर. लुम्बिनी में बुद्ध जी का जन्म हुआ था, सारनाथ में उन्होंने धर्मोपदेश दिया था और कुशीनगर में वे सदा के लिए सो गए थे. लुम्बिनी (नेपाल ) के बहाने तो मेरी पहली विदेश यात्रा भी हो गई..है न मजेदार.तो चलिए, आपको भी अपने साथ लुम्बिनी की यात्रा कराती हूँ.लीजिये, हम पहुँच गए लुम्बिनी विश्व-शांति के मुख्य द्वार पर. यहाँ अन्दर जाकर बुद्ध जी के जन्म-स्थल के दर्शन होंगें. कड़ी धूप में अन्दर पहुँचाना इतना आसान नहीं है, सो रिक्शा की यात्रा. अपने जीवन में पहली बार मैंने रिक्शे की सवारी की..बहुत मजेदार.यहीं पर बुद्ध जी का जन्म 623 ईसा पूर्व में हुआ था. उनकी माता जी का नाम था- माया. बुद्ध जी का बचपन का नाम था-सिद्धार्थ. अन्दर उस जगह को चिन्हित किया गया है, जहाँ बुद्ध जी का जन्म हुआ था. वहां पर फोटो खींचना मना है.बुद्ध जी के जन्म-स्थल के बाहर सम्राट अशोक द्वारा एक स्तम्भ भी बनवाया गया है.बुद्ध जी के जन्म-स्थल के आसपास हुई खुदाई और प्राप्त अवशेषों के दृश्य.बुद्ध जी को चाहने वाले पूरी दुनिया में हैं. उनके जन्म-स्थल लुम्बिनी में विभिन्न देशों द्वारा तमाम बुद्धिस्ट मंदिर बनवाये गए हैं. इनकी संख्या तीस से ऊपर होगी.मुझे तो सबसे खूबसूरत थाईलैंड द्वारा बनवाया गया मंदिर लगा.थाई मंदिर के अन्दर बुद्ध जी की प्रतिमा भी काफी खूबसूरत है.जर्मनी द्वारा बनाये गए बुद्ध मंदिर पर बहुत सुन्दर दृश्य चित्रित किये गए हैं.
जर्मन बुद्ध मंदिर के सामने खूबसूरत तालाब है और सामने लुम्बिनी उद्यान महाचैत्य...वाकई अनुपम दृश्य.
तो कैसी लगी आपको मेरी यह लुम्बिनी-यात्रा. अप भी जल्द से वहां घूम आइये. मेरा अगला पड़ाव है- कुशीनगर. शीघ्र ही आपको वहां की भी यात्रा कराउंगी.







रविवार, जून 10, 2012

कैसे लगे ये चित्र..

यह देखिये, मैंने बनाये नए चित्र.
आप को कैसे लगे ये!..जरुर बताइयेगा !!

गुरुवार, जून 07, 2012

गर्मी की छुट्टियाँ और अक्षिता की स्केच

आजकल गर्मी की छुट्टियों में मैंने कुछेक स्केच बनाई हैं.
आप भी इन्हें देखिएगा और बताइयेगा कि कैसी लगीं मेरे द्वारा बनाई गईं ये स्केच !!

सोमवार, जून 04, 2012

पर्यावरण दिवस पर लें संकल्प

इस साल पर्यावरण दिवस पर मैंने संकल्प लिया है कि हर साल एक नया पौधा लगाकर उसकी देख-रेख करूँगीं.पेड़-पौधों को नियमित पानी भी दूंगीं, तभी तो वे हरे-भरे रहेंगें.और यदि पेड़-पौधे हरे-भरे रहेंगें तो हमारा जीवन भी हरा-भरा रहेगा. मैंने यह भी सोचा है कि पेड़-पौधों से अनावश्यक पत्तियाँ या फूल नहीं तोडूंगी और अपने दोस्तों को भी इस ओर प्रेरित करूँगीं...तो अब आप लोगों से भी अनुरोध करुँगी कि, आप भी ऐसा कीजियेगा.

शनिवार, जून 02, 2012

अक्षिता (पाखी) का एक और प्रयास...

आजकल स्कूल की छुट्टियाँ हैं, सो मस्ती ही मस्ती है. इसीलिए मेरे ब्लॉग पर बहुत कुछ नहीं हो पा रहा है. इस बीच एक अच्छी चीज यह हुई है मैं हिंदी और अंग्रेजी के अक्षरों को मिलाकर लिखने लगी हूँ. सिर्फ लिखती ही नहीं हूँ, बल्कि उनका चित्र भी बनाती हूँ।




मुझे तो इंतजार है, कब मैं जल्दी से जो चाहूँ, वह लिख सकूँ।

मेरे इस पेज पर पानी गिराने का कार्य किया है मेरी प्यारी सी बहन अपूर्वा ने..आखिर उसका भी तो कुछ योगदान होना चाहिए !!