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शुक्रवार, मई 18, 2012

गंगा आरती देखी, पर गंगा जी में बिखरी गन्दगी का क्या ??

इस समय हमारी गर्मी की छुट्टियाँ चल रही हैं. इन छुट्टियों के बहाने खूब घूम-फिर भी रही हूँ. 15 -17 मई मैं बनारस घूमने गई. हमारे परिवार के लिए बनारस का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है. यहीं सारनाथ में ममा-पापा की सगाई और शादी हुई, तो अपूर्वा का जन्म भी यहीं हेरिटेज हास्पिटल में हुआ. एक लम्बे समय बाद आई तो बनारस में खूब घूमी. 5 मई की शाम मैं ममा-पापा और अपूर्वा के साथ गंगा जी घूमने गई. गंगा जी को इतने नजदीक से मैंने पहली बार देखा. वैसे गंगा जी तो इलाहबाद में भी हैं, पर दूर-दूर तक उनका पता भी नहीं चलता. यहाँ मैंने गंगा आरती भी देखी. मुझे तो यह देखकर बहुत अच्छा लगा. कित्ते सारे लोग जमा थे. गंगा-आरती देखने के लिए हम नाव से गए. इसी बहाने नौका-विहार का भी आनन्द लिया. गंगा जी के किनारे ढेर सारे घाट देखे. पर यहाँ का पानी तो बहुत गन्दा हो चुका है. जब हम अंडमान में थे तो पापा बताते थे कि यहीं बंगाल की खाड़ी में आकर गंगा जी मिलती हैं. वहाँ तो समुद्र का पानी कित्ता साफ था. पर बनारस में गंगा जी की दशा देखकर अच्छा नहीं लगा. पता नहीं जब तक मैं बड़ी हूंगी तो गंगा जी होंगी भी या नहीं. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम गंगा जी की आरती के साथ-साथ उनकी साफ-सफाई के बारे में भी सोचें.

9 टिप्‍पणियां:

M VERMA ने कहा…

अरे वाह आप तो हमारे गृहनगर वाराणसी घूम आयीं.
गंदगी और प्रदूषण ने तो गंगा को गंगा न रहने दिया

Shanti Garg ने कहा…

बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

दीनदयाल शर्मा ने कहा…

ye gandgi failane wale ham hi log hain..hme dhyan rakhna chahiye..
www.taabartoli.blogspot.com

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आप सच कह रही हैं, यही तो यहाँ की पवित्रता को कम कर रही है..

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

सच कहा .....बहुत खूब

विकास गुप्ता ने कहा…

शानदार प्रस्तुति

Shyama ने कहा…

वाह अक्षिता, इस उम्र में आपकी सोच देखकर ताज्जुब भी होता है और भविष्य के प्रति आश्वस्ति भी.

S R Bharti ने कहा…

यहाँ कानपुर में तो गंगा जी और भी गन्दी हो गई हैं..कुछ करना होगा हम सबको.

Shahroz ने कहा…

गंगा जी के किनारे ढेर सारे घाट देखे. पर यहाँ का पानी तो बहुत गन्दा हो चुका है. जब हम अंडमान में थे तो पापा बताते थे कि यहीं बंगाल की खाड़ी में आकर गंगा जी मिलती हैं. वहाँ तो समुद्र का पानी कित्ता साफ था. पर बनारस में गंगा जी की दशा देखकर अच्छा नहीं लगा. पता नहीं जब तक मैं बड़ी हूंगी तो गंगा जी होंगी भी या नहीं. क्या ऐसा नहीं हो सकता कि हम गंगा जी की आरती के साथ-साथ उनकी साफ-सफाई के बारे में भी सोचें. ...Bahut khub..apse 100 pratishat sahmat.