आज होली का त्यौहार है. इस बार होली हम इलाहाबाद में मना रहे हैं. खूब रंग खेलेंगें और फिर ढेर सारी गुझिया और कचौरी भी तो खानी है. होली पर पापा ने हमारे लिए यह सुन्दर सी कविता भी रची है-
होली आई, होली आई,
रंग-रंगीली होली आई।
आओ पाखी, आओ तन्वी,
मिलजुल सभी मनाएं होली।
पाखी ने भर ली पिचकारी,
अब देखो किसकी है बारी।
उसने सबको ही रँग डाला,
लाल, गुलाबी, नीला, काला।
अब आई गुलाल की बारी,
संग में गुझिया की तैयारी।
सब मिलकर के गुझिया खाएं,
पाठ प्यार का रोज पढ़ाएं।
होली-पर्व पर अप सभो को रंग भरी बधाइयाँ और आपका प्यार और स्नेह तो मिलेगा ही !!
12 टिप्पणियां:
बहुत ही बढ़िया
आपको महिला दिवस और होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
बहुत सुन्दर पाखी ..होली की ढेर सारी शुभकामनाएं
इलाहाबाद की पहली होली की बहुत -बहुत बधाई
आपको होली की रंगारंग शुभकामनायें..
bahuta acchi kavita.
holi aur mahila diwas ki shubhakamanayen
होली की ढेर सारी शुभकामनाएं...ईश्वर इस होली पर आपके परिवार में खुशियों के नये नये रंग भरे ।
होली की ढेरों शुभकामनाएँ!
wah re rachna...
holi ki shubhkamna pakhi....
पाखी ने भर ली पिचकारी,
अब देखो किसकी है बारी।
उसने सबको ही रँग डाला,
लाल, गुलाबी, नीला, काला।
...Wao Pakhi..Its great.
Belated Happy Holi & Happy Womens day.
होली / दीनदयाल शर्मा
रंगों का त्यौंहार जब आए
टाबर टोल़ी के मन भाए।
नीला पीला लाल गुलाबी
रंग आपस में खूब रचाए।
रंग की भर मारें पिचकारी
'होली है' का शोर मचाए।
सूरत सबकी एक-सी लगती
इक दूजा पहचान न पाए।
बुरा न माने इस दिन कोई
सारा ही रंग में रच जाए।।
Allahabadi Holi mubarak ho Pakhi.
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