आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शुक्रवार, फ़रवरी 24, 2012

अंडमान को बाय-बाय..


पता ही नहीं चला कि अंडमान में कैसे दिन गुजर गए. .पूरे दो साल.. अब पापा का इलाहाबाद के लिए ट्रांसफर हो गया है. हम सब बहुत खुश हैं. खूब मस्ती से पैकिंग कर रहे हैं. अगले हफ्ते हम इलाहाबाद में होंगे. अंडमान में तो हमने खूब मस्ती की, खूब घूमे-फिरे.. अब इलाहाबाद की सैर करेंगें. अंडमान को बाय-बाय !!

गुरुवार, फ़रवरी 23, 2012

अक्षिता (पाखी) का एक और मिल्की टूथ गया..

आजकल मेरे मिल्की टीथ टूटने शुरू हो गए हैं. आज सुबह मेरा दूसरा मिल्की टूथ भी टूट गया. जब मैं सोकर जगी और उस टूथ को हाथ लगाकर चेक किया तो टूटकर बाहर आ गया. यह वाला मिल्की टूथ तो कई दिनों से हिल रहा था. इस बार तो मैंने अपने टूथ को देखा भी कि वह कैसा होता है. पिछली बार तो वह टूटकर स्कूल में कहीं गुम हो गया था...यह है मेरा टूटा हुआ मिल्की टूथ.
इस मिल्की टूथ को ममा ने लान में जमीन के अन्दर डाल दिया. अब मुझे इंतजार है कि मेरा यह वाला मिल्की टूथ कब नया होकर आएगा. वैसे मेरे पहले टूटे हुए टूथ की जगह नया टूथ आ रहा है. उसे देखना बड़ा अच्छा लगता है.

..अब आप भी भगवन जी से मनाइए कि मेरा नया टूथ जल्दी से आ जाए !!

गुरुवार, फ़रवरी 16, 2012

अक्षिता की ड्राइंग..


आज देखिये मेरी तीन ड्राइंग.

इसमें कई सारी चीजें मैंने बनाई हैं.

जल्दी से बताइयेगा कि आपने क्या-क्या देखा !!

सोमवार, फ़रवरी 13, 2012

मिलिए अपूर्वा से...

आज मिलिए मेरी छोटी सिस्टर अपूर्वा (तान्या) से. एक लम्बे समय बाद इनकी फोटो आप सबसे शेयर कर रही हूँ. अपूर्वा अब तो एक साल तीन माह से भी बड़ी हो गई हैं.अब तो अपूर्वा खूब मस्ती करती है. अंडमान में समुद्र किनारे बीच पर खूब दौड़ती है.














यह सारी फोटो हमारी नील द्वीप की यात्रा के दौरान की है !!


गुरुवार, फ़रवरी 09, 2012

अंडमान में आम खाने के दिन आए..


आजकल अंडमान में आम की बहार है. जहाँ देखिये, वहीँ पेड़ों पर पीले-पीले आम नजर आते हैं.

यहाँ तो कई पेड़ों पर साल भर में तीन बार आम होते हैं. ये आम स्वाद में बड़े मीठे होते हैं.

मैं तो खूब आ खा रही हूँ और मैंगो-शेक का भी मजा ले रही हूँ.

बुधवार, फ़रवरी 08, 2012

वाह..कितना सुन्दर नेचुरल ब्रिज है !!

पिछले दिनों मैं ममा-पापा और अपूर्वा के साथ नील आइलैंड घूमने गई. वहाँ पर एक बीच है-लक्ष्मणपुर बीच. यहाँ पर तो एक बहुत सुन्दर नेचुरल ब्रिज बना हुआ है. इसे देखकर तो मैं बहुत ही प्रसन्न हुई.

यहाँ पर चारों तरफ खूब टूटे हुए कोरल्स बिखरे हुए हैं. लोग बता रहे थे कि सुनामी में यहाँ बहुत नुकसान हुआ.

कुछ कोरल्स और जलीय पौधे तो अभी भी देखे जा सकते हैं.

वाकई यहाँ आकर बहुत अच्छा लगा. आप भी जब कभी अंडमान आयें तो नील आइलैंड जरुर आयें..बहुत मजा आयेगा.