आज विश्व जनसंख्या दिवस है. 2011 में तो मैं पहली बार जनसंख्या में शामिल हुई. मैं ही नहीं, 2001 के बाद पैदा सभी बच्चे पहली बार इस जनसंख्या में शामिल हुए. यह तो हम सभी के लिए ख़ुशी की बात है !
...पर इक दुःख की बात भी है कि बेटों कि अपेक्षा बेटियों की संख्या घटी है. इसलिए नहीं कि बेटियाँ पैदा ही नहीं हुईं, बल्कि इसलिए कि कई लोग बेटियों को पसंद नहीं करते और उन्हें पेट में ही मार डालते हैं. वे क्यों नहीं सोचते कि आखिर, हम बेटियों के बिना तो दुनिया सूनी है.
..इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर यदि सब लोग यही संकल्प लें कि बेटियों को मारेंगें नहीं, तो ही इस दिन की सार्थकता है !!
18 टिप्पणियां:
जागरूक करती अच्छी पोस्ट. बहुत बढ़िया चिंतनशील प्रस्तुति के लिया आभार
बहुत सही अपील है आपकी।
very good message !!
Keep writing
बहुत सामयिक बात कही है आपने।
आपकी तरह ही बहुत प्यारी अपील!
काश! बेटी को बोझ समझने वाले समझ पाते!
काश !हम यह समझ पाते सार्थक अपील .....
..इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर यदि सब लोग यही संकल्प लें कि बेटियों को मारेंगें नहीं, तो ही इस दिन की सार्थकता है !!
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अक्षिता, आपके ब्लॉग की यही सोच इसे हिट बनाती है. सार्थक ब्लागिंग के लिए बधाई.
..इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर यदि सब लोग यही संकल्प लें कि बेटियों को मारेंगें नहीं, तो ही इस दिन की सार्थकता है !!
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अक्षिता, आपके ब्लॉग की यही सोच इसे हिट बनाती है. सार्थक ब्लागिंग के लिए बधाई.
..इस 'विश्व जनसंख्या दिवस' पर यदि सब लोग यही संकल्प लें कि बेटियों को मारेंगें नहीं, तो ही इस दिन की सार्थकता है !!
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अक्षिता, आपके ब्लॉग की यही सोच इसे हिट बनाती है. सार्थक ब्लागिंग के लिए बधाई.
सार्थक संदेश देती हुई पोस्ट.
बिटिया रानी ने तो बहुत सुन्दर सन्देश दिया. काश हर कोई आप जैसा सोचे.
बिटिया रानी ने तो बहुत सुन्दर सन्देश दिया. काश हर कोई आप जैसा सोचे.
पाखी जी ने तो बड़ा सुन्दर और दूरगामी सन्देश दिया. जागरूक करती पोस्ट..आभार.
आपकी यही बात तो औरों से अलग बनाती है पाखी. कितनी अनुपम सोच है.
काश पाखी की बात सच हो जाये तो दुनिया स्वर्ग हो जाये.
आमीन .........लोग आपकी अपील पर जरूर ध्यान देंगे
आपकी बात पर तो सभी को अमल करना चाहिए..
अति-महत्वपूर्ण पोस्ट...गौर करने लायक बात.
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