कल जून माह का तीसरा रविवार था और इस दिन होता है फादर्स-डे. कल तो मैं अपने ममा-पापा और तन्वी के साथ अंडमान के सबसे दक्षिणी भाग डिगलीपुर में थी. एक हफ्ते के इस घुमाई में मैंने बहुत कुछ देखा, पर पहले पापा की बातें.
इस बार मैंने कैमरे का प्रयोग खूब अच्छी तरह करना सीख लिया है. मैंने रास्ते भर खूब फोटोग्राफ खींची. अब तो फोटोग्राफ मुझसे शेक भी नहीं होते हैं. कल तो डिगलीपुर के गेस्ट-हॉउस में पापा की ढेर सारी पिक्चर्स लीं. अब आप भी देखिये और बताइए कि अब मेरी फोटोग्राफी कैसी है...
कुछ गेस्ट हॉउस के लान में, कुछ अंदर.
चलते-चलते यह फेमिली फोटोग्राफ भी. इसे पापा के एक स्टाफ ने स्नैप किया है.
15 टिप्पणियां:
देखते देखते पाखी बडी भी हो गयी .. बहुत अच्छी फोटो ली है तुमने .. शुभकामनाएं बेटे !!
शुभकामनाएं
सारी तस्वीरे अच्छी है
वाह ..पाखी ने तो खूब अच्छी फोटो ली है...शाबाश
बड़े ही सुन्दर चित्र खींचे हैं आपने।
अरे वाह!! पापा की तो बड़ी सुनदर सुन्दर फोटो ले ली आपने....मेरी भी इत्ती सुन्दर खींच दोगी क्या?? :)
अच्छे फोटो लिए पाखी ..... हैप्पी फादर्स डे.....
वाह! क्या बात है! आपने पापा की फोटो तो बहुत बढ़िया खींचीं हैं, बेटे! पर दिगलीपुर अंडमान का सबसे दक्षिणी भाग नहीं, बल्कि उत्तरी भाग है, बेटे! आशीर्वाद! :-))
bahut achchhe photo liye hain pakhi.badhai aapko aapke papa ko.
इस बार मैंने कैमरे का प्रयोग खूब अच्छी तरह करना सीख लिया है. मैंने रास्ते भर खूब फोटोग्राफ खींची.....वाह पाखी, बहुत-बहुत बधाई.
पापा की तो बड़ी स्मार्ट-स्मार्ट फोटुएँ ली हैं, अब मेरी बारी है.
आपने तो बहुत ही अच्छे चित्र अपने पापा के लिये है
wow पाखी दीदी, आपके सारे फ़ोटोज़ बहुत सुन्दर हैं.मैं भी ऐसे ही फ़ोटोज़ खींचना चाहती हूँ लेकिन अभी उसके लिये कुछ वेट करना पडेगा. अभी तो पापा डर के मारे मुझे कैमरा देते ही नहीं कि कहीं मैं उसे पटक न दूँ ही-ही-ही...
Wow ! Dashing Papa...Beautifull Daughter !
बंधुवर! बिटिया के नाम से ब्लॉग लिखने के साथ ही टिप्पणियों के उत्तर देने का भी ख्याल रखें, तो आपके पाठकों को ज्यादा संतोष एवं प्रसन्नता प्राप्त होगी! शुभकामनायें! :-)
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