लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को मेरा सलाम अर्ज़ है. जी हाँ, एल. के. जी. की एक छोटी सी मासूम बच्ची, जिसके हँसने-खेलने के दिन हो, जिस उम्र के बच्चों को लोग सेंसलेस कहते हैं वही बच्चा अगर अपनी लेखनी, अपने विचारों से, बेस्ट ब्लागर अवार्ड प्राप्त करले, तो बस ख़ुशी से सीना चौड़ा हो जाता है.
अक्षिता (पाखी) का जन्म 25 मार्च, 2007 को हुआ और वर्तमान में वह पोर्टब्लेयर, अंडमान में रह रही हैं. कहते हैं कि अंग्रेजों के ज़माने में यहाँ लोगों को काले पानी की सजा देकर प्रताड़ित किया जाता था और अंडमान-निकोबार केवल इसी सेलुलर जेल के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन आज अंडमान-निकोबार और पोर्टब्लेयर को मासूम पाखी पर भी गर्व होने लगा है और अतर्राष्ट्रीय ब्लागिंग की दुनिया अब अक्षिता उर्फ़ पाखी के नाम से जानी जाने लगी है.
इंडियन ब्लागिंग(indiblogger.in) पर 78 वीं रैंक लेकर ब्लागिंग में प्रमुख स्थान प्राप्त करने वाली अक्षिता (पाखी) एक तेज़ तर्रार लेखिका और वक्ता श्रीमती आकांक्षा यादव के गर्भ में पली और शायद अभिमन्यु की तरह ही उन्होंने गर्भ में उसे ब्लागिंग का पाठ पढ़ डाला. उनके पिता कृष्ण कुमार यादव जो कि एक बेहतरीन ब्लागर हैं और दोनों लोग मिलकर शब्द-शिखर, शब्द सृजन की ओर, डाकिया डाक लाया, बाल दुनिया, सप्तरंगी प्रेम, उत्सव के रंग के साथ-साथ 'पाखी की दुनिया' में पाखी के बचपन के अनुभवों को ब्लागरों से शेयर कर रहे हैं इनके आचार-विचार और सुझाव इस ब्लागिंग की दुनिया को हसीन बना रहे है. अभी केवल एल. के. जी. में पढ़ रही एक छोटी सी मुन्नी सी बच्ची पाखी की ब्लागिंग को देखें तो आँखें चकित रह जाती हैं और मन सोचने लगता है, 'कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का!' पाखी देश का ही नहीं बल्कि विश्व का ऐसा नाम है, जिसके माता-पिता पाखी की भावनाओं, विचारों और उसकी गतिविधियों को ब्लागिंग के माध्यम से शेयर कर रहे हैं और ब्लागिंग की दुनिया इस पाखी से प्रभावित है. अभी पिछले दिनों 30 अप्रैल, 2011 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जब पाखी को सबसे नन्हीं ब्लागर (Best Bay Blooger Award) का अवार्ड दिया, तो पाखी के माता-पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया, लेकिन हम भी पाखी के अंकल हैं उसकी छोटी बहन तन्वी के अंकल हैं, अत: हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हुआ जाता है और मन करता है कि पंख लगाकर उड़ें और पोर्टब्लेयर पहुँच कर बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर, ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लौट आयें और कह दें कि ब्लागिंग की दुनिया की अभिमन्यु 'पाखी' हमारी ब्लागिंग की आन-बान और शान है !!
- अख्तर खान 'अकेला'
कोटा, राजस्थान
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अख्तर खान 'अकेला' : उर्दू, हिन्दी एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर, विधि स्नातक और PGD जर्नलिज्म : सम्प्रति वकालत के पेशे में तल्लीन : ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव : अंतर्जाल पर Akhtar Khan Akela ब्लॉग के माध्यम से सक्रिय.
आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...
शुक्रवार, मई 06, 2011
लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को सलाम
(अख्तर खान 'अकेला' अंकल ने अपने ब्लॉग Akhtar Khan Akela पर आशीर्वचन रूप में मेरे लिए जो कुछ भी लिखा है, बड़ा प्यारा लगा. 'अकेला' अंकल के इस स्नेह और प्यार से अभिभूत हूँ और उनकी यह पोस्ट यहाँ पर साभार आप सभी के साथ शेयर कर रही हूँ)
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16 टिप्पणियां:
वाह पाखी के तो जलवे हैं. आखिर सबकी लाडली ब्लागर जो हैं.मुबारकवाद.
अख्तर जी, आपने सटीक लेखनी चलाई. आपको भी मुबारकवाद.
लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को हमारा भी सलाम अर्ज़ है.
के.के. जी और आकांक्षा जी ने बिटिया पाखी को जो संस्कार और परिवेश दिया है, वाकई अनुकरणीय है. उन्हें श्रद्धावत नमन. .
इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. नन्हीं अक्षिता को बधाई. यूँ ही तरक्की करो आप.
शुभकामनाएं।
मुबारकवाद.
पाखी को बहुत बहुत आशीर्वाद!
अपने जीवन की सारी शुभकामनाएँ।
उन के माता पिता को भी बहुत बहुत बधाइयां, उन्हें छोटी सी उम्र में मिले इस सम्मान में उन के स्वयं के योगदान से कई गुना उन के माता-पिता का योगदान भी सम्मिलित है।
वाह अक्षिता पाखी आप तो बेटा हमारी भी गुरु निकली एक बार फिर बधाई ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
congrats to PAAKHI bitiya.
पाखी बिटिया को बहुत बहुत बधाई।
बिल्कुल सही फ़रमाय
पाखी बिटिया ने तो कमाल ही कर दिया. बस ऐसे ही पाखी जीवन में हर ऊंचाई को छुए, यही दादा-दादी की तमन्ना और आशीर्वाद भी.
पाखी बिटिया ने तो कमाल ही कर दिया. बस ऐसे ही पाखी जीवन में हर ऊंचाई को छुए, यही दादा-दादी की तमन्ना और आशीर्वाद भी.
अत: हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हुआ जाता है और मन करता है कि पंख लगाकर उड़ें और पोर्टब्लेयर पहुँच कर बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर, ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लौट आयें और कह दें कि ब्लागिंग की दुनिया की अभिमन्यु 'पाखी' हमारी ब्लागिंग की आन-बान और शान है !!
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...यह तो हमारे दिल की बात छीन ली अकेला जी ने...
वाकई यह विलक्षण उपलब्धि है. अक्षिता को ढेरों बधाई.
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