आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

गुरुवार, मई 26, 2011

...पाखी की दो ड्राइंग !!


मेरी ड्राइंग देखे तो आप लोगों को कई दिन हो गए न. इसीलिए इस बार एक की जगह दो ड्राइंग बनाई है. अब जल्दी से बताइयेगा कि इस ड्राइंग में आपने क्या-क्या देखा...!!

बुधवार, मई 18, 2011

नन्ही सी है तन्वी प्यारी

डॉ. नागेश पांडेय "संजय" अंकल ने हमारी सिस्टर अपूर्वा (तन्वी) के लिए इक प्यारी सी कविता लिखी है. इसके लिए नागेश अंकल को ढेर सारा प्यार और आभार. आप भी पढ़िए और बताइयेगा कि यह कविता आपको कैसी लगी....


नन्ही सी है तन्वी प्यारी,
करती है अब शैतानी .
कभी नाचती, कभी कूदती,
कभी खेलती है पानी .
कभी पकड़ कर बाल नोचती,
कभी फाड़ देती पुस्तक .
डाँटो तो सो जाती है पर
उठकर करती है बक-बक .


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डा. नागेश पांडेय 'संजय'/शिक्षा : एम्. ए. {हिंदी, संस्कृत }, एम्. काम. एम्. एड. , पी. एच. डी. [विषय : बाल साहित्य के समीक्षा सिद्धांत }, स्लेट [ हिंदी, शिक्षा शास्त्र ];/१९८६ से बाल साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय,बाल साहित्य के अतिरिक्त बड़ों के लिए भी गीत एवं कविताओं का सृजन./प्रतिष्ठित पत्र- पत्रिकाओं में बच्चों के लिए कहानी , कविता , एकांकी , पहेलियाँ और यात्रावृत्त प्रकाशित./ रचनाओं के अंग्रेजी, पंजाबी , गुजराती , सिंधी , मराठी , नेपाली , कन्नड़ , उर्दू , उड़िया आदि अनेक भाषाओं में अनुवाद ./अनेक रचनाएँ दूरदर्शन तथा आकाशवाणी के नई दिल्ली , लखनऊ , रामपुर केन्द्रों से प्रसारित .

प्रकाशित पुस्तकेंआलोचना ग्रन्थ : बाल साहित्य के प्रतिमान ;
कविता संग्रह : तुम्हारे लिए ;
बाल कहानी संग्रह : १. नेहा ने माफ़ी मांगी २. आधुनिक बाल कहानियां ३. अमरुद खट्टे हैं ४. मोती झरे टप- टप ५. अपमान का बदला ६. भाग गए चूहे ७. दीदी का निर्णय ८. मुझे कुछ नहीं चहिये ९. यस सर नो सर ;
बाल कविता संग्रह : १. चल मेरे घोड़े २. अपलम चपलम ;
बाल एकांकी संग्रह : छोटे मास्टर जी
सम्पादित संकलन : १. न्यारे गीत हमारे २. किशोरों की श्रेष्ठ कहानियां ३. बालिकाओं की श्रेष्ठ कहानियां

सम्प्रति : विभागाद्यक्ष , बी. एड. राजेंद्र प्रसाद पी. जी. कालेज , मीरगंज, बरेली ।
संपर्क : डॉ. नागेश पांडेय "संजय" ,सुभाष नगर , शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश (भारत) - 242001।

अंतर्जाल पर डॉ. नागेश पांडेय 'संजय' एवं अभिनव सृजन के माध्यम से सक्रियता.

गुरुवार, मई 12, 2011

आकाशवाणी पर भी गूंजेगी पाखी की मासूम बातें


आज मैं पहली बार रेडियो-रिकार्डिंग के लिए गई, आकाशवाणी पोर्टब्लेयर में. यह पोर्टब्लेयर रेडियो स्टेशन में दोपहर में 12 बजे से स्टार्ट हुई और 12:20बजे तक चली. पहले तो मुझे समझ में ही नहीं आ रहा था कि यह कैसे होगा, पर जब वहाँ गई तो खूब मजा आया. ललिता डिग्गा आंटी ने मुझे ढेर सारे सवाल पूछे और मैंने बता दिए- मेरे स्कूल का नाम, मेरी क्लास, ममा-पापा और तन्वी की बातें, मेरी हाबी, मेरा ब्लॉग ..और अपनी प्यारी राइम भी तो मैंने सुनाई...के. जी. -I से हम लोगों को हिंदी भी पढाई-सिखाई जा रही है. अभी एक महीने क्लास चला तो खूब सारी हिंदी राइम टीचर जी ने सुनाई. यह वाली राइम तो मैंने रेडियो पर भी रिकार्ड कराई-

सा-रे-गा-मा गाएंगें
गाँधी पार्क जायेंगें.
चिड़ियाघर में भालू है
हम उससे डर जायेंगें.

ABCD भूले हैं
मरीना-पार्क में झूले हैं.
अंकल के संग जायेंगें
भेल-पूरी खायेंगें.


खूब देर तक वो मेरे से सवाल पूछतीं, मेरी छुट्टियों के बारे में, घूमने के बारे में, बीच पर मस्ती के बारे में, मेरी फेवरेट चीजें..और भी बहुत कुछ. मेरी यह रिकार्डिंग 'बाल-जगत' के तहत 15 मई, 2011, संडे को सुबह 8:45 पर पोर्टब्लेयर रेडियो स्टेशन पर सुनाई जाएगी, फिर तो मैं भी अपनी आवाज़ रेडियो पर सुनूगी...मैं तो उस दिन के लिए सोच कर अभी से बहुत एक्साइटेड हूँ.






रविवार, मई 08, 2011

मेरी ममा सबसे प्यारी...

आपको पता है आज मदर्स डे है. हर साल मई माह के दूसरे रविवार को यह सेलिब्रेट किया जाता है. मैं तो अपनी ममा से बहुत प्यार करती हूँ. ममा के बिना कोई काम तक नहीं करती.

आज मदर्स डे पर मैंने सुबह जगते ही ममा को विश किया और उन्हें एक प्यारा सा कार्ड और चाकलेट दिया. साथ में प्यारे-प्यारे गुलाब के फूल भी दिया और अपनी एक ड्राइंग भी दी. आज संडे भी है, सो पापा भी घर पर रहेंगे. शाम को हम लोग मरीना पार्क घूमने जायेंगे, जहाँ मैं खूब झूले झूलूँगी, स्लैडिंग करुँगी, सी-सा पर मस्ती करुँगी, हैंगिंग राड और स्प्रिंगी हार्स इंजॉय करुँगी. समुद्र के किनारे दूर तक घुमूंगी और बोटिंग भी करुँगी. और जब थक जायेंगे तो पापा हम लोगों को किसी रेस्तरां में शानदार डिनर कराएँगे.

मेरी ममा बहुत बढ़िया है। मुझे पता है कई बार मैं उन्हें बहुत परेशान करती हूँ पर ममा कभी बुरा नहीं मानती. मुझे ढेर सारा प्यार-दुलार देती हैं. मेरी ममा सबसे प्यारी हैं.




मम्मी मेरी सबसे प्यारी,
मैं मम्मी की राजदुलारी।
मम्मी प्यार खूब जताती,
अच्छी-अच्छी चीजें लाती।
करती जब मैं खूब धमाल,
तब मम्मी खींचे मेरे कान।
मम्मी से हो जाती गुस्सा,
पहुँच जाती पापा के पास।
पीछे-पीछे तब मम्मी आती,
चाॅकलेट देकर मुझे मनाती।
थपकी देकर लोरी सुनाती,
मम्मी की गोद में मैं सो जाती।















शुक्रवार, मई 06, 2011

लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को सलाम

(अख्तर खान 'अकेला' अंकल ने अपने ब्लॉग Akhtar Khan Akela पर आशीर्वचन रूप में मेरे लिए जो कुछ भी लिखा है, बड़ा प्यारा लगा. 'अकेला' अंकल के इस स्नेह और प्यार से अभिभूत हूँ और उनकी यह पोस्ट यहाँ पर साभार आप सभी के साथ शेयर कर रही हूँ)


लेखन की अभिमन्यु अक्षिता उर्फ़ पाखी को मेरा सलाम अर्ज़ है. जी हाँ, एल. के. जी. की एक छोटी सी मासूम बच्ची, जिसके हँसने-खेलने के दिन हो, जिस उम्र के बच्चों को लोग सेंसलेस कहते हैं वही बच्चा अगर अपनी लेखनी, अपने विचारों से, बेस्ट ब्लागर अवार्ड प्राप्त करले, तो बस ख़ुशी से सीना चौड़ा हो जाता है.

अक्षिता (पाखी) का जन्म 25 मार्च, 2007 को हुआ और वर्तमान में वह पोर्टब्लेयर, अंडमान में रह रही हैं. कहते हैं कि अंग्रेजों के ज़माने में यहाँ लोगों को काले पानी की सजा देकर प्रताड़ित किया जाता था और अंडमान-निकोबार केवल इसी सेलुलर जेल के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन आज अंडमान-निकोबार और पोर्टब्लेयर को मासूम पाखी पर भी गर्व होने लगा है और अतर्राष्ट्रीय ब्लागिंग की दुनिया अब अक्षिता उर्फ़ पाखी के नाम से जानी जाने लगी है.

इंडियन ब्लागिंग(indiblogger.in) पर 78 वीं रैंक लेकर ब्लागिंग में प्रमुख स्थान प्राप्त करने वाली अक्षिता (पाखी) एक तेज़ तर्रार लेखिका और वक्ता श्रीमती आकांक्षा यादव के गर्भ में पली और शायद अभिमन्यु की तरह ही उन्होंने गर्भ में उसे ब्लागिंग का पाठ पढ़ डाला. उनके पिता कृष्ण कुमार यादव जो कि एक बेहतरीन ब्लागर हैं और दोनों लोग मिलकर शब्द-शिखर, शब्द सृजन की ओर, डाकिया डाक लाया, बाल दुनिया, सप्तरंगी प्रेम, उत्सव के रंग के साथ-साथ 'पाखी की दुनिया' में पाखी के बचपन के अनुभवों को ब्लागरों से शेयर कर रहे हैं इनके आचार-विचार और सुझाव इस ब्लागिंग की दुनिया को हसीन बना रहे है. अभी केवल एल. के. जी. में पढ़ रही एक छोटी सी मुन्नी सी बच्ची पाखी की ब्लागिंग को देखें तो आँखें चकित रह जाती हैं और मन सोचने लगता है, 'कोई काम नहीं है मुश्किल जब किया इरादा पक्का!' पाखी देश का ही नहीं बल्कि विश्व का ऐसा नाम है, जिसके माता-पिता पाखी की भावनाओं, विचारों और उसकी गतिविधियों को ब्लागिंग के माध्यम से शेयर कर रहे हैं और ब्लागिंग की दुनिया इस पाखी से प्रभावित है. अभी पिछले दिनों 30 अप्रैल, 2011 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने जब पाखी को सबसे नन्हीं ब्लागर (Best Bay Blooger Award) का अवार्ड दिया, तो पाखी के माता-पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया, लेकिन हम भी पाखी के अंकल हैं उसकी छोटी बहन तन्वी के अंकल हैं, अत: हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हुआ जाता है और मन करता है कि पंख लगाकर उड़ें और पोर्टब्लेयर पहुँच कर बिटिया पाखी को गोद में लेकर ढेर सारा प्यार कर, ढेर सारा आशीर्वाद देकर वापस लौट आयें और कह दें कि ब्लागिंग की दुनिया की अभिमन्यु 'पाखी' हमारी ब्लागिंग की आन-बान और शान है !!

- अख्तर खान 'अकेला'
कोटा, राजस्थान
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अख्तर खान 'अकेला' : उर्दू, हिन्दी एवं पत्रकारिता में स्नातकोत्तर, विधि स्नातक और PGD जर्नलिज्म : सम्प्रति वकालत के पेशे में तल्लीन : ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव : अंतर्जाल पर Akhtar Khan Akela ब्लॉग के माध्यम से सक्रिय.

गुरुवार, मई 05, 2011

4 साल की उम्र में इतना बड़ा इनाम सुन हैरान हो जाएंगे आप


4 साल की उम्र में इतना बड़ा इनाम सुन हैरान हो जाएंगे आप...यह मैं नहीं कह रही हूँ, बल्कि आज 5 मई, 2011 के 'दैनिक भास्कर'' अख़बार में प्रकाशित एक रिपोर्ट है. आप भी इसे पूरा पढ़िए.

पोर्ट ब्लेयर. अंडेमान निकोबार द्वीप समूह की चार वर्षीय अक्षिता यादव को हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना ने बेस्ट बेबी ब्लॉगर अवॉर्ड 2011 से नवाजा है। नई दिल्ली के हिंदी भवन में आयोजित इंटरनेशनल ब्लॉगर कॉन्फ्रेंस में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अक्षिता को यह अवॉर्ड दिया।

अक्षिता के पिता कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम में 51 ब्लॉगर्स ने हिस्सा लिया। ‘पाखी की दुनिया’ केजी 1 की छात्रा अक्षिता को नकद इनामी राशि के अलावा प्रमाणपत्र और मोमेंटो दिया गया। कृष्ण कुमार ने बताया अक्षिता को ड्रॉइंग और पेंटिंग में बहुत रुचि है।

जब हमने देखा कि उसकी पेंटिंग में कुछ खास है तो हमने जून 2009 से इन्हें पाखी की दुनिया ब्लॉग पर पोस्ट करना शुरू कर दिया। इस ब्लॉग की लोकप्रियता का पता इसी से लगता है कि यह 100 प्रमुख हिंदी ब्लॉग में से एक है। इसे 140 ब्लॉगर फॉलो कर रहे हैं। राजस्थान के जाने-माने लेखक दीनदयाल शर्मा अक्षिता की प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी किताब छुन-छुन के कवर पेज पर उसका फोटो लिया है।

(इसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

रविवार, मई 01, 2011

अक्षिता (पाखी) को बेस्ट बेबी ब्लागर अवार्ड





कल देर शाम हिंदी भवन, दिल्ली में 'हिंदी साहित्य निकेतन', परिकल्पना डाट काम, और नुक्कड़ डाट काम द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लॉगर सम्मलेन में मुझे 'बेस्ट बेबी ब्लागर अवार्ड' का ख़िताब मिला. यह पुरस्कार उत्तरांचल के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' जी द्वारा दिया गया. मेरा मन तो कार्यक्रम में जाने का था, पर पायलट लोगों की हड़ताल के चलते ऐनवक्त पर फ्लाईट कैंसिल हो जाने के चलते मैं वहाँ जा न सकी. मेरा सम्मान वहाँ चाचू अमित कुमार यादव जी ने ग्रहण किया.

इसके लिए 'हिंदी साहित्य निकेतन'के डा. गिरिजाशरण अग्रवाल दादा जी, परिकल्पना डाट काम के श्री रवीन्द्र प्रभात अंकल जी और नुक्कड़ डाट काम के श्री अविनाश वाचस्पति अंकल जी के साथ-साथ आप सभी के आशीर्वाद और स्नेह के लिए ढेर सारा प्यार और आभार !!

उन सभी अंकल और आंटी जी लोगों को भी बधाई, जिन्हें इस सम्मलेन में अवार्ड मिले !!

(अन्य फोटोग्राफ का नजारा यहाँ लें)