आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...
शनिवार, दिसंबर 31, 2011
शुक्रवार, दिसंबर 30, 2011
आज ही के दिन नेता जी ने फहराया था अंडमान में राष्ट्रीय ध्वज
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फिर पापा ने बताया कि आज ही के दिन अर्थात 30 दिसंबर को 1943 में आजाद हिंद फ़ौज (Indian National Army) के सुप्रीम कमांडर के रूप में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने सर्वप्रथम अंडमान में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था. तब हमारा देश अंग्रेजों का पराधीन था और अंडमान में जापान का कब्ज़ा था.
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30th December is a significant day in the history of India in general and the Andamans in particular. On this day in the year 1943, Netaji Subhash Chandra Bose hoisted the National Flag for the first time at Port Blair declaring the islands, the first Indian Territory to be liberated from the British rule, renamed them “Saheed” and “Swaraj”. Today the day is celebrated as “Andaman Day”, the day marks the anniversary of the unfurling of the first Indian Tricolour.
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बुधवार, दिसंबर 28, 2011
अब बताइए, पाखी की ड्राइंग में क्या-क्या छुपा है..
सोमवार, दिसंबर 26, 2011
सुनामी की याद और निकोबार की यात्रा
अंडमान में पिछले तीन दिनों से खूब बारिश और तूफानी हवाएं चल रही हैं. सभी द्वीपों पर जाने के लिए अधिकतर बोट, हेलीकाप्टर इत्यादि कैंसल हो गए हैं. इस सबके चक्कर में तो क्रिसमस का सारा मजा ही ख़राब हो गया. मेरी छुट्टियाँ हैं, पर कहीं घूमने भी नहीं जा पा रही हूँ.
..आपको पता है 26 दिसंबर 2004 को अंडमान-निकोबार में भयंकर सुनामी आई थी. आज उस घटना को सात साल पूरे हो गए हैं. यहाँ पोर्टब्लेयर के जिस मरीना पार्क में मैं खेलती हूँ, वह भी सुनामी में ध्वस्त हो गया था. अब तो नया पार्क बना है. ऐसे ही यहाँ बहुत सारी चीजें नष्ट हो गईं. पापा बता रहे थे कि सबसे ज्यादा नुकसान निकोबार में हुआ था. मैं तो अभी तक निकोबार नहीं गई हूँ, पर पापा दो बार घूम आए हैं.
पापा अभी 20 और 21 दिसंबर, 2011 को निकोबार गए थे. वहाँ से वे ढेर सारी तस्वीरें कैमरे में कैद करके लाए. आप भी देखिए-
..आपको पता है 26 दिसंबर 2004 को अंडमान-निकोबार में भयंकर सुनामी आई थी. आज उस घटना को सात साल पूरे हो गए हैं. यहाँ पोर्टब्लेयर के जिस मरीना पार्क में मैं खेलती हूँ, वह भी सुनामी में ध्वस्त हो गया था. अब तो नया पार्क बना है. ऐसे ही यहाँ बहुत सारी चीजें नष्ट हो गईं. पापा बता रहे थे कि सबसे ज्यादा नुकसान निकोबार में हुआ था. मैं तो अभी तक निकोबार नहीं गई हूँ, पर पापा दो बार घूम आए हैं.
पापा अभी 20 और 21 दिसंबर, 2011 को निकोबार गए थे. वहाँ से वे ढेर सारी तस्वीरें कैमरे में कैद करके लाए. आप भी देखिए-
निकोबार में समुद्र तट के किनारे पड़ी, निकोबारी लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाती रहीं डोंगी (बोट). सुनामी के दौरान ये सब ख़राब हो गईं.
सुनामी ने यहाँ की प्राकृतिक सम्पदा और जैव विविधता को काफी नुकसान पहुँचाया. समुद्र के किनारे और जंगलों तक में नष्ट हो गई कोरल्स बिखरी पड़ी हैं.ऐसी ही कोरल्स के साथ पापा श्री कृष्ण कुमार यादव जी.
निकोबार में एक तट का रमणीक दृश्य.
निकोबार में नारियल वृक्षों का एक रमणीक दृश्य. निकोबारी नारियल-फल को इकठ्ठा कर मुख्य भूमि भेजते हैं और यह इनकी आय का प्रमुख स्रोत है.
निकोबार में मात्र दो जनजातियाँ पाई जाती हैं-निकोबारी और शौम्पेन. इनमें से निकोबारी अब सभ्य हो चुके हैं. वे बकायदा शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और तमाम रोजगारों में भी हैं. निकोबारी बालकों के साथ पापा श्री कृष्ण कुमार यादव जी.
सेंट थामस न्यू कैथेड्रल चर्च, मूस, कार निकोबार के समक्ष बिशप डा. जान रिचर्डसन (1884- 3 जून 1978) की मूर्ति. बिशप डा. जान रिचर्डसन को निकोबरियों को सभ्य बनाने का श्रेय जाता है. भारत सरकार द्वारा पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित बिशप जान रिचर्डसन संसद हेतु अंडमान-निकोबार से प्रथम मनोनीत सांसद भी थे.
...तो कैसी लगी यह निकोबार यात्रा. आप जब भी आइयेगा, निकोबार घूमने जरुर जाइएगा. निकोबार जाने के लिए जिला-उपायुक्त से विशेष पास लेने की जरुरत होती है. वहाँ होटल इत्यदि की सुविधा नगण्य ही मानें. पोर्टब्लेयर से हेलीकाप्टर द्वारा एक घंटे और शिप द्वारा कार-निकोबार पहुँचने में लगभग 15-18 घंटे लगते हैं.
रविवार, दिसंबर 25, 2011
आज सेंटा लायेगा ढेर सारे उपहार...हैप्पी क्रिसमस !!
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मेरे स्कूल की तो पहले से ही छुट्टियाँ हो चुकी हैं. यहाँ अंडमान में तो क्रिसमस का त्यौहार खूब धूम-धाम से मनाया जाता है. हमारे स्कूल में भी 20 दिसंबर को एक क्रिसमस फंक्शन हुआ, बड़ा मजा आया. इसमें हम सभी बच्चे कोई ना कोई रोल निभा रहे थे. मैं तो परी बनी थी.
मेरी छोटी बहन अपूर्वा भी 27 दिसंबर को 1 साल 2 माह माह की हो जाएगी. सो, छुट्टियाँ ही छुट्टियाँ और मस्ती ही मस्ती।
!! आप सभी को क्रिसमस की बधाई और ढेर सारा प्यार !!
!!...हो सकता है सेंटा उपहार लेकर आपके घर भी पहुँच जाये, सो तैयार रहिएगा...!!
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बुधवार, दिसंबर 21, 2011
स्कूल की छुट्टी..क्रिसमस की बधाइयाँ !!
आज से मेरे स्कूल की छुट्टियाँ आरंभ हो गई हैं. अब मेरा स्कूल क्रिसमस और नए साल के बाद 2 जनवरी को खुलेगा. तब तक तो मुझे खूब मस्ती करनी है, घूमना है.
स्कूल बंद होने से पहले हम सभी को क्रिसमस कार्ड बनाने का प्रोजेक्ट दिया गया. मेरा कार्ड सबसे सुन्दर था. इसे तो स्कूल के बोर्ड पर भी लगाया गया है. यह रहा मेरा क्रिसमस-कार्ड.
..तो कैसा लगा मेरा क्रिसमस-कार्ड.
!! आप सभी को 'क्रिसमस' और 'बड़ा-दिन' (25 दिसंबर) की अग्रिम बधाइयाँ !!
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रविवार, दिसंबर 18, 2011
गुरुवार, दिसंबर 08, 2011
रविवार, दिसंबर 04, 2011
देवानंद जी भगवान जी के पास चले गए..श्रद्धांजलि !! .
देवानंद साहब नहीं रहे. दादा जी बताते हैं कि वो उनके ज़माने के हीरो थे. पापा ने बताया कि देवानंद जी आरंभ में पत्रों की छंटाई का कार्य करते थे. फिर देखते-देखते हीरो बन गए. मैंने उन्हें तमाम चैनल्स पर देखा है, पर आज तक उनकी कोई मूवी नहीं देखी. मामा-पापा ने तो उनकी कुछेक फ़िल्में देखी हैं. अब मैं भी उनकी कोई फिल्म देखुन्गीं, तभी तो पता चलेगा कि लोग उन्हें सदाबहार-हीरो क्यों कहते थे..!
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देवानंद जी भगवान जी के पास चले गए, पर अपनी फिल्मों से वे सदैव जिन्दा रहेंगें....श्रद्धांजलि !!
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बुधवार, नवंबर 30, 2011
पाखी पहुंची पोर्टब्लेयर से कोलकाता और फिर लखनऊ
26 और 27 अक्तूबर को हमने पोर्टब्लेयर से कोलकाता और फिर कोलकाता से लखनऊ की यात्रा की. 26 को दीपावली थी और 27 को अपूर्वा का पहला जन्म-दिन. पापा तो अक्सर कोलकाता जाते रहते हैं, पर लगभग एक साल बाद हम लोग पोर्टब्लेयर से मेन-लैंड के लिए गए थे. बड़ा मजा आया...यादगार रूप में कुछ फोटोग्राफ्स ...!!
पोर्टब्लेयर एयरपोर्ट पर अक्षिता (पाखी)
कोलकाता से पोर्टब्लेयर : एयर इण्डिया के विमान में अपूर्वा की मस्ती.
कोलकाता से पोर्टब्लेयर : एयर इण्डिया के विमान में अक्षिता (पाखी)
कोलकाता से पोर्टब्लेयर : एयर इण्डिया के विमान में ममा और अपूर्वा.
कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरने के बाद ममा और अपूर्वा
कोलकाता एयरपोर्ट पर लगेज के लिए ट्राली के साथ अक्षिता (पाखी)
कोलकाता एयरपोर्ट पर लगेज का इंतजार करती अक्षिता (पाखी)
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कोलकाता एयरपोर्ट पर लखनऊ के लिए जेट एयरवेज का इंतजार.
अपूर्वा : क्या स्टाइल है !
अपूर्वा : जरा यहाँ भी घूम लूं.
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