आज मेरे दादा जी का जन्मदिन है. आज तो वे पूरे 67 साल के हो जायेंगे. मुझे तो दादा जी बहुत प्यारे लगते हैं. अभी कुछ दिन पहले तो अपने ददिहाल में ही थी, फिर तो दादा जी से रोज उनके बचपन की बातें पूछा करती थीं. ..और पापा के भी. दादा जी खूब लिखते-पढ़ते हैं. उनकी एक किताब भी पब्लिश हो चुकी है. दादी बताती हैं कि वे शुरू से ही ऐसे हैं. खूब नई-नई किताबें खरीदते हैं और पढ़ते हैं. उनके पास तो अच्छी सी लाइब्रेरी भी है, पर उसमें मेरे लिए कोई बुक नहीं है. मैंने दादा जी को कहा है कि कुछ किताबें मेरे लिए भी तो होनी चाहिए. ..और हाँ, दादा जी का यदुकुल नाम से एक ब्लॉग भी तो है. दादा जी को उनके 67 वें जन्मदिन पर मैंने सुबह ही फोन करके विश किया, तब तो दादा जी सो रहे थे. दादा जी को बहुत अच्छा लगा. फिर मैंने सोचा अपने ब्लॉग पर भी तो दादा जी के बारे में लिखना चाहिए और हैपी बर्थ-डे विश करना चाहिए. दादा जी को जन्मदिन पर ढेर सारा प्यार और बधाई !!
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दादा जी के बारे में- श्री राम शिव मूर्ति यादव : उ0प्र0 के जौनपुर जनपद के मूल निवासी, फ़िलहाल आजमगढ़ में. 20 दिसंबर, 1943 को जौनपुर में जन्म. 1962 में तिलकधारी महाविद्यालय, जौनपुर से स्नातक एवं काशी विद्यापीठ से 1964 में समाज शास्त्र विषय से स्नाकोत्तर. जून 1972 में आजमगढ़ जनपद के प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व समाजसेवी श्री दलजीत यादव की सुपुत्री विमला देवी से विवाह। खण्ड प्रसार शिक्षक (कालान्तर में ‘स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी’ पदनाम परिवर्तित) के पद पर चयन एवं 30 अगस्त 1967 को पदभार ग्रहण किया। इस बीच वर्ष 1968 में बुद्ध विद्यापीठ डिग्री काॅलेज,बढ़नी, बस्ती में समाजशास्त्र के प्रवक्ता पद हेतु चयन, पर ज्वाइन नहीं किया। नौकरीपेशा के रूप में स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर सेवारत. बड़े पुत्र कृष्ण कुमार यादव सम्प्रति भारतीय डाक सेवा के अधिकारी और बहू आकांक्षा यादव राजकीय बालिका इण्टर कालेज में प्रवक्ता। पुत्री किरन यादव अध्यापिका और दामाद अविनाश यादव CRPF में असिस्टेंट कमान्डेंट. छोटे पुत्र अमित कुमार यादव फ़िलहाल सिविल सर्विसेज की तैयारी में अग्रसर. भरे-पूरे परिवार में अगली पीढ़ी के रूप में दो पोतियाँ अक्षिता (पाखी) व तन्वी और नतिनी ख़ुशी भी शामिल.
वर्ष 2003 में सेवानिवृत्ति पश्चात् स्वतंत्र लेखन, अध्ययन और समाज सेवा में रत. मूलत: राजनैतिक-सामाजिक विषयों पर लेखन. "सामाजिक व्यवस्था एवं आरक्षण" नाम से 90 के दशक में एक पुस्तक प्रकाशित. देश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं - युगतेवर, अरावली उद्घोष, युद्धरत आम आदमी, समकालीन सोच, आश्वस्त, अपेक्षा, बयान, इंडिया न्यूज, अम्बेडकर इन इण्डिया, अम्बेडकर टुडे, दलित साहित्य वार्षिकी, दलित टुडे, मूक वक्ता, आदिवासी सत्ता, रचना उत्सव, नव निकष, द वेक, नारी अस्मिता, अनीश, सांवली, सामर्थ्य, सामान्यजन संदेश, समाज प्रवाह, सोशल ब्रेनवाश, गोलकोण्डा दर्पण, शोध प्रभांजलि, शब्द, कमेरी दुनिया, जर्जर कश्ती, प्रगतिशील उद्भव, सेवा चेतना, प्रेरणा अंशु, यू0एस0एम0 पत्रिका, साहित्य क्रान्ति, साहित्य परिवार, नारायणीयम, तुलसी प्रभा, हिन्द क्रान्ति, नवोदित स्वर, विश्व स्नेह समाज, विवेक शक्ति, राष्ट्र सेतु, समय के साखी, सोच विचार, जीवन मूल्य संरक्षक न्यूज, श्रुतिपथ, प्रतिश्रुति, झंकृति, हरसिंगार, मंथन, पंखुड़ी, अनंता, सुखदा, आपका आइना, सबलोग, उत्तरा, अहल्या, बाबू जी का भारत मित्र, बुलंद इण्डिया, इसमासो, वैचारिक उदबोध, प्रियंत टाइम्स, शिक्षक प्रभा, पब्लिक की आवाज, समाचार सफर, सत्य चक्र, कर्मश्री, शिक्षक प्रभा, हमारा शहर, यादव ज्योति, यादव कुल दीपिका, यादव साम्राज्य, यादव शक्ति, यादव निर्देशिका सह पत्रिका, इत्यादि में विभिन्न विषयों पर लेख प्रकाशित।
अन्तर्जाल पर विभिन्न वेब पत्रिकाओं- सृजनगाथा, रचनाकार, हिन्दीनेस्ट, वांग्मय पत्रिका, समय दर्पण, युगमानस, कथा व्यथा इत्यादि में लेखों का प्रकाशन। अंतर्जाल पर 'यदुकुल' नामक ब्लॉग का सञ्चालन. कुछेक लेख पुस्तकों और संकलनों में सम्मलित. भारतीय दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा ‘ज्योतिबा फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, आसरा समिति, मथुरा द्वारा ‘बृज गौरव‘, समग्रता शिक्षा साहित्य एवं कला परिषद, कटनी (म0प्र0) द्वारा 'भारत-भूषण' सहित कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित.
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादकीय/ सलाहकार मण्डल से जुडाव. रचनात्मक लेखन एवं अध्ययन, बौद्धिक विमर्श और सामाजिक कार्यों में रचनात्मक भागीदारी. शिक्षा और संस्कार को मानव जीवन का मूल मानने वाले श्री यादव आज भी अपनी ऊर्जा का स्रोत नियमित अध्ययन को मानते हैं। आपके मत में अध्ययन एवं लेखन के लिए व्यक्ति कभी बूढ़ा नहीं होता बल्कि जैसे-जैसे व्यक्ति उम्रदराज होता है, अध्ययन एवं लेखन के भी मायने बदलते जाते हैं और उनमें परिपक्वता आती जाती है।
(दादा जी के बारे में उपरोक्त सामग्री विभिन्न रूपों में 'बाल साहित्य समीक्षा' के मई-जून 2009 अंक, 'कमेरी दुनिया' के अगस्त-2009 अंक, 'माटी' के जनवरी -2010 अंक और 'यादव साम्राज्य' के वार्षिकांक-2009 में प्रकाशित. इन्हें यहाँ अपडेट कर दिया गया है. )
21 टिप्पणियां:
दादाजी से इतना दूर??
मनाओ बड्डे।
आप के आदरणीय दादा जी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
With Love-
पाखी,
आपके दादा जी भी लेखक और ब्लागर हैं, जानकर ख़ुशी हुई. दादा जी को जन्मदिन पर खूब बधाइयाँ. आप यूँ ही समाज-साहित्य-ब्लाग को अपना अमूल्य योगदान देते रहें और हम लोगों को प्रेरणा.
पाखी,
आपके दादा जी भी लेखक और ब्लागर हैं, जानकर ख़ुशी हुई. दादा जी को जन्मदिन पर खूब बधाइयाँ. आप यूँ ही समाज-साहित्य-ब्लाग को अपना अमूल्य योगदान देते रहें और हम लोगों को प्रेरणा.
pakhi ke dadajee ko janamdin ki bahut subhkamnayen..:)
pakhi maine bhi dadi ke liye kuchh likha hai..........dekhna aur apne maa ko batana..:)
आपके दादा जी को मेरी ओर से भी बधाई दीजिये।
आदरणीय दादा जी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
जन्मदिन की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
जन्मदिन की ढेर सारी शुभ कामनाएं.
आदरणीय दादा जी को जन्मदिन की शुभ कामनाएं.आप ने तो पूरा परिचय भी कराया .
अच्छा लगा
थेंक यू.
दादाजी से परिचय बहुत अच्छा लगा. मेरी और से भी दादाजी को जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएँ !!
आपके दादा जी के बारे मेँ आपके द्वारा जानकर बहुत अच्छा लगा। हमारी तरफ से भी शुभकामनायेँ दे देना।
happy Birth day
आदरणीय दादा जी को जन्मदिन की शुभ कामनाएं....
हाई पाखी तुम्हारे दादाजी तो हमसे भी छोटे निकले. उनको हमारा प्रणाम कहना और कहना "तुम जियो हज़ारों साल और साल के दिन हों पचास हज़ार". .
आप के आदरणीय दादा जी को जन्मदिन की ढेर सारी शुभ कामनाएं.....
आदरणीय दादा जी को जन्मदिन की शुभ कामनाएं....
pakhi apne dadaji ko meri our se bhi anek shubhkamnaye.........
आप सबकी बधाइयाँ मैंने दादाजी के पास पहुंचा दी हैं. उन्होंने सभी को धन्यवाद कहा है.
पाखी के दादा जी शतायु हों...
आप सभी की शुभकामनाओं के लिए आभारी हूँ. पाखी को ढेर सारा प्यार.
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