मेरी प्यारी पाखी, तुम्हारी इस drawing को देख कर मुझ से ये कविता बन गयी है-
मैं छोटी हूँ मेरे छोटे से रंग बिरंगे सपनों को देखो मस्त पवन में उडती जाती गाना गाती मुझको देखो मुझको ऐसे ही उड़ना है नहीं कभी भी रुकना है छा जाती जो सब के दिल में मैं पाखी हूँ मुझ को देखो मेरे प्यारे चित्रों को देखो.
27 टिप्पणियां:
बहुत प्यारी..बिल्कुल तुम्हारे जैसी. शाबास!
भई वाह, बहुत बढ़िया है ......
एक बार जरुर पढ़े :-
(आपके पापा इंतजार कर रहे होंगे ...)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_08.html
बहुत रंग बिरंगा चित्र।
जितनी सुन्दर पाखी उतनी सुन्दर चित्रकारी
फिर भी पाखी ज्यादा सुन्दर लग रही है.
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड और साथ में जय श्री राम
पाखी के जैसी ही निश्छल प्यारी है. आगे भी ड्राइंग बनाती रहना
simply full of innocence
सचमुच, आपकी पोस्ट बहुत बढ़िया है।
--
इसकी चर्चा बाल चर्चा मंच पर भी है!
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/16.html
अरे ये तो गज़ब बनाया है ..एक एक पंखुरी जोड़ कर फूल ..बहुत ही रचनात्मक.शाब्बाश.
सर्वश्रेष्ठ चित्रकारा की चित्रकारी पर कौन सवाल उठाएगा भई
अरे भाई एक फूल और ढेर सारी आइसक्रीम कोंस तो दिख ही रही हैं! जो भी कहो बनाये बहुत ही सुन्दर !
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।
हिन्दी का विस्तार-मशीनी अनुवाद प्रक्रिया, राजभाषा हिन्दी पर रेखा श्रीवास्तव की प्रस्तुति, पधारें
icecrem, flower aur bhe bahut kuch. bhai pakhi ki penting me to dher sara jaadu hai.
Pakhi, apki drawing to bahut khoobsurat hai....badhiya.
पाखी के ब्लॉग से पूरा ब्लॉग जगत रंग बिरंगा हो गया है....बस, वही तो दिख रहा है बेटू की ड्राईंग में. :)
BHUT ACHI DRYING BANAI H APNE.. IS MAIN MAINE DEKHA..PYAR. SACHAI. AUR BHI BHUT KUCH H.. BHUT ACHI H APKI DRY.
बहुत ही रचनात्मक..
सुन्दर सुन्दर रंगीन बर्फ के गोलेर, जो खाते हैं न.
पाखी की ड्राइंग देखकर तो हमेशा की तरह दिल खुश हो गया....शुभकामनायें.
पाखी की ड्राइंग देखकर तो हमेशा की तरह दिल खुश हो गया....शुभकामनायें.
प्यारी पाखी
आप तो रंगों की परी हैं
कितने जादुई रंग कागज़ पर बिखेर दिए आपने !
हम हैरान हैं !
आपका ब्लॉग माँ-पापा ने आपके हाथों खूब सजाया है ..:))
Drawing dekh kar hi samajh aa gaya ki pakhi ko icecream bahut pasand hai, woh bhi har flavour ki.
मेरी प्यारी पाखी,
तुम्हारी इस drawing को देख कर मुझ से ये कविता बन गयी है-
मैं छोटी हूँ मेरे छोटे से
रंग बिरंगे सपनों को देखो
मस्त पवन में उडती जाती
गाना गाती मुझको देखो
मुझको ऐसे ही उड़ना है
नहीं कभी भी रुकना है
छा जाती जो सब के दिल में
मैं पाखी हूँ मुझ को देखो
मेरे प्यारे चित्रों को देखो.
तुम्हे कैसी लगी ये कविता?
ठीक वैसी ही जैसी हमारी प्यारी पाखी है...
Excellent...
अले, मेरी ड्राइंग के लिए तो खूब अच्छी-अच्छी बातें लिखी हैं. अब तो और भी मन से ड्राइंग बनाउंगी.
@ मयंक दादा जी,
चर्चा के लिए आपको ढेर सारा प्यार और आभार.
@ यशवंत अंकल,
यह कविता तो बहुत प्यारी लगी...आपको ढेर सारा प्यार और आभार.
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