इस बार मैं माउन्ट हैरियट (Mount Harriet) पर घूमने गई. ब्रिटिश काल में माउन्ट हैरियट चीफ कमिश्नर का ग्रीष्मकालीन आवास था। इसका नामकरण कर्नल आर. सी. टाईटलर की पत्नी हेरियट के नाम पर हुआ, जिसने 1862 के दौरान इस क्षेत्र को चीफ कमिशनर के ग्रीष्मकालीन आवास के रूप में चुना। पोर्टब्लेयर से सड़क द्वारा 55 व नाव द्वारा 15 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित माउन्ट हेरियट (Mount Harriet) दक्षिण अंडमान का सबसे उंचा पहाड़ (Highest peak of South Andman) भी है। पिकनिक, ट्रेकिंग व चिड़ियों को देखने के लिए यह उत्तम स्थल है।वाकई इसे देखना अद्भुत नज़ारा था. यहाँ जाने के लिए हमारी गाड़ी को शिप से जाना पड़ा. हम गाड़ी में ही बैठे रहे और कुछ देर बाद शिप ने हमारी गाड़ी को उस पर उतार दिया. माउन्ट हैरियट का नजारा देखने के लिए हमें माउन्ट हैरियट नेशनल पार्क (Mount Harriet National Park) में प्रवेश करना पड़ा. वर्तमान में माउन्ट हेरियट 46.62 वर्ग कि0मी0 क्षे. में राष्ट्रीय पार्क के रूप में विस्तृत है और नवम्बर 1996 में इसे आरक्षित वन के रूप में चिन्हित किया गया। घने जंगलों से हरा-भरा यह पार्क कभी डरावना लगता कभी रोमांचकारी. हमारी गाड़ी धीरे-धीरे सड़क के रास्ते ऊँचाइयों पर बढती जाती. हम यहाँ पर वन विभाग के रेस्ट हॉउस (Rest House) में ठहरे. लकड़ी का बना ये पुराना रेस्ट हॉउस देखकर बड़ा अच्छा लगा. माउन्ट हैरियट (Mount Harriet) से नार्थ बे बीच (North bay beach) को देखना बड़ा मजेदार रहा. यहाँ नार्थ बे पर अवस्थित लाइट-हॉउस (Light House) भी देखा जा सकता है.
माउन्ट हैरियट (Mount Harriet) पार्क में बने निकोबारी हट (Nikobari Hut) के क्या कहने. देखिये न मेरी जानदार फोटो. यहाँ पर पार्क में झूला झूलने का भी आनंद लिया.
एक ऐतिहासिक धरोहर यह भी.
अंडमान-निकोबार (Andaman & Nicobar Islands) में हर जगह साईट सीन देखने के लिए हट(Hut) बनी हुई हैं. इक हट यहाँ भी. थोड़ा सा आराम भी जरुरी है. आप भी जब कभी अंडमान आयें तो माउन्ट हैरियट (Mount Harriet) की सैर जरुर करें. खूब मजा आयेगा !!
माउन्ट हैरियट (Mount Harriet) पार्क में बने निकोबारी हट (Nikobari Hut) के क्या कहने. देखिये न मेरी जानदार फोटो. यहाँ पर पार्क में झूला झूलने का भी आनंद लिया.
एक ऐतिहासिक धरोहर यह भी.
अंडमान-निकोबार (Andaman & Nicobar Islands) में हर जगह साईट सीन देखने के लिए हट(Hut) बनी हुई हैं. इक हट यहाँ भी. थोड़ा सा आराम भी जरुरी है. आप भी जब कभी अंडमान आयें तो माउन्ट हैरियट (Mount Harriet) की सैर जरुर करें. खूब मजा आयेगा !!
( इस पोस्ट की चर्चा झिलमिल करते सजे सितारे (चर्चा मंच-131) के अंतर्गत भी देखें )
62 टिप्पणियां:
arre waah pakhi...tum to kaafi sair karti ho....
pata nahi main kab andmaan aunga..
lekin lagta hai mujhe yahan baithe baithe hi pure andmaan ki sair kara dogi...
thanku....
khub masti karo...
yahi din hain...
http://i555.blogspot.com/
arre waah pakhi...tum to kaafi sair karti ho....
AAPKE SATH MAIN BHI SHER KAR LETA HOON GHAR BATHE HI
Manmohak drashy jaankari ke saath.....
Bahut achha laga... Garmiyon mein badhte taapman ke beech aise manmohak drashya dekhkar kuch raahat mili....
Bahut shubhkamnayne..
अंदमान के तो क्या कहने , तुमने तो अंदमान की एक अलग ही छवी पेस की है . तसवीरें तो जबरदस्त है और यात्रा भी .पापा तो कहते है की पाखी को तो अंदमान का ब्रांड एम्बेसडर बना देना चाहिए , एक नन्ही ब्रांड एम्बेसडर. लाजबाब पोस्ट है , बधाइयां
बड़ी सुन्दर सुन्दर जगह घूम रही है सुन्दर सी बिटिया...हमें तो अब जल्दी आने का लालच लगने लगा.
@ Shekhar Suman Uncle,
अभी वर्चुअल सैर किये रहेंगें तो जब कभी आयेंगें तो घूमने में आसानी भी तो होगी.
@ संजय भास्कर अंकल,
देखा घर बैठाये सैर करा रही हूँ और आप कुछ इनाम भी नहीं देते...
@ कविता रावत आंटी,
है न ठंडा-ठंडा कूल-कूल...
@ माधव ब्रदर,
धन्यवाद आपका..वैसे आइडिया अच्छा ही है. जब तक अंडमान छोडूंगी, सबको घर बैठे यहाँ की सैर करा चुकी हूंगी..हा.हा..हा..
@ समीर अंकल,
अब जल्दी से टिकट बुक करके आप आ जाओ, फिर मेरे साथ खेलना.
पाखी की घुमाई बल्ले-बल्ले...जलवे हैं. काला पानी कहे जानी वाली जगह पर पर्यटन का अनंत विस्तार !!
@ घनश्याम अंकल,
काला पानी तो अंग्रेजों ने लोगों को डराने के लिए प्रचारित किया था. अन्यथा इससे खूबसूरत जगत शायद ही देखने को मिले.
रेस्ट हाउस तो बहुत प्यारा है और फिर झूले का आनन्द क्या कहने.
अब तो ऐसी जगह देखने की इच्छा होने लगी, पर क्या करूँ जनगणना की ड्यूटी आ गयी है.
अद्भुत! आपका प्रस्तुतिकरण, चित्रों से सजावट और वर्णन! शुभाशीष!
लाजबाब पोस्ट
अंदमान देखने की इच्छा होने लगी है
aabhaar
बहुत खूबसूरत सैर करवाई आपने ....हम तो सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं ऐसी जगहों की ....!!
और आप बेहद खूबसूरत हो बिलकुल अपने पापा मोम की तरह ....!!
माउन्ट हैरियट का नज़ारा बेटी मानसी और रितुप्रिया के साथ देखा..मजा आया..आपको गर्मी के इस मौसम में मजा आया होगा...आपको झूला झूलते हुए देख कर बहुत अच्छा लगा... दीनदयाल अंकल
शिप पर गाड़ी..अद्भुत नजारा...खूब सैर हो रही है, कभी हम भी आएंगे.
'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे.जो रचनाकार इसमें भागीदारी चाहते हैं,वे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ भेज सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों. hindi.literature@yahoo.com
are meri pakhi to achhi guide hai......
Thanks for visiting us at Collaborative curry..you have a lovely space here..The lil one looks so cute..glad to see that you had a wonderful trip..never been there
आप बेहद खूबसूरत हो
अपने साथ हम लोगों को भी सैर पर ले जाने का बहुत शुक्रिया पाखी.
बहुत सुंदर जगह है यह तो.
हरे-भरे स्वर्ग की सैर कराने के लिये आभार पाखी बिटिया।
ये जगह इतनी सुन्दर लग रही है के जी कर रहा अभी उड़ कर पहुँच जाएँ..अति सुन्दर फोटो...
नीरज
बहुत खूबसूरत व ऐतिहासिक जगह..वाकई दर्शनीय.
पाखी तो अंडमान में रम गयी, रोज सुन्दर नज़ारे...भाग्यशाली हो आप.
@ M Verma Uncle,
जनगणना तो कुछ दिन में ख़त्म हो जाएगी. फिर आप घूम सकते हो.
@ हरकीरत 'हीर' आंटी,
थैंक यू आंटी. आप भी बहुत अच्छी हो.
@ दीन दयाल अंकल जी,
आज आपकी भेजी किताब 'सपने', 'कर दो बस्ता हल्का' और The Dreams मिल गई. 'कर दो बस्ता हल्का' में तो ढेर सारे बाल-गीत हैं, उन्हें गुनगुनाने में खूब मजा आया. चार-चार पंक्तियों में लिखे ये गीत तो मेरे मन को खूब भाए. बाल एकांकी 'सपने' भी अच्छी लगी, पर उसके लिए अभी मुझे और पढना पढ़ेगा. अख़बार के दोनों अंक लाजवाब निकले, चार पेज में कित्ती सारी जानकारी. इसी तरह का विशेषांक कानपुर से प्रकाशित 'बाल साहित्य समीक्षा' (स0- डा. राष्ट्रबंधु दादा जी) ने मम्मी-पापा पर प्रकाशित किया था. उसमें मेरी भी ढेर सारी फोटो छपी थीं. इस अख़बार के बहाने आपके बारे में भी ढेर सारी जानकारियां मिलीं.पूर्व राष्ट्रपति कलाम जी के साथ सम्मान लेती आपकी फोटो शानदार लगी. आप तो खूब लिखते हैं...अपने ब्लॉग पर भी लिखा करें, पोस्ट के रूप में, टिप्पणियों के कालम में नहीं. वहाँ तो पता ही नहीं चलता कि आपने कुछ नया लिखा या नहीं...मैं भी इस अख़बार में कुछ भेजना चाहती हूँ, क्या भेजूँ..बताइयेगा. आज मैं बहुत खुश हूँ कि आपने ये सब मुझे भिजवाया. अख़बार का यूँ ही इंतजार रहेगा अब तो.
@ अभिलाषा आंटी,
मेरी भी कवितायेँ और चित्र प्रकाशित करना आप.
@ रश्मि प्रभा आंटी,
नन्हीं गाइड..है ना.
@ संजय भास्कर Uncle,
Really..Thanx. U r also..
@ नीरज गोस्वामी Uncle ji,
तब तो खूब जमेगी हमारी-आपकी..जल्दी से आ जाइये.
पाखी खूब सैर कराये.
पाखी सबके मन को भाए.
...ढेर सारा आशीर्वाद !!
So cute Akshita...Really we enjoyed it. Beautiful Pictures with a lot og knowledge..Thanks.
So cute Akshita...Really we enjoyed it. Beautiful Pictures with a lot og knowledge..Thanks.
प्रिय पाखी जी, हमने तो 'काला पानी',,,और बाद में नानिकोय द्वीप का नाम सुना था जहां हमारा भांजा कभी रहा था...असम में फैरी में गाड़ी रख ब्रह्मपुत्र पार करने का अनुभव होने से समझ में आया,,, और आपके साथ माउन्ट हैरियट की यात्रा का आनन्द भी उठाया...धन्यवाद!
नन्हीं सी पाखी तो कमाल की घूमती है. यही तो दिन हैं घूमने-फिरने व मस्ती के..
इधर तो खूब गर्मी पड़ रही है. पहाड़ों की थोड़ी सी ठंडी हवा इधर भी भिजवाने की मेहरबानी करें, ताकि हम लोग भी ठन्डे हो सकें. लाजवाब व दिलचस्प जानकारी एवं सुन्दर व प्यारे-प्यारे फोटो के लिए शुक्रिया.
@ अमित कुमार अंकल,
अभी भिजवाते हैं ...या आप ही आ जाएँ तो ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा.
प्यारे-प्यार मनभावन नज़ारे...अब हम भी अंडमान घूम ही लें.
अद्भुत जानकारी अंडमान और माउन्ट हैरियट के बारे में. गर्मी में तो और भी मजेदार.
पाखी, ये बहुत गलत बात है. हम लोग दिल्ली में गर्मी में तड़प रहे हैं और आप वहाँ पहाड़ों की ठंडी हवा ले रही हो. ये तो सरासर नाइंसाफी है.
..वैसे इतने आकर्षक नज़ारे देखकर कुछ तो ठण्ड महसूस हुई. यूँ ही घुमाती रहा करो हमारी नन्हीं गाइड.
@ ersymops,
ज्यादा नहीं सोचते अंकल जी..अब घूम ही लो आप.
@ Rashmi Singh Aunty,
यह नाइंसाफी मेरी नहीं बल्कि कुदरत की है. वैसे यहाँ भी गर्मी का प्रभाव दिख जाता है. कभी आयें तो जरुर बताएं.
शिप पर चली पाखी की गाड़ी...यह तो हैरतअंगेज है हमारे लिए. इस नई जानकारी के लिए आभार.
...और हाँ, आपने बहुत बढ़िया ढंग से माउन्ट हैरियट को प्रस्तुत किया है. हिंदी में इतनी जानकारी शायद ही मिलती हो. तस्वीरें तो लाजवाब हैं..
जब हम हरिद्वार में पढाई कर रहे थे तो पहाड़ों का आनन्द खूब लेते थे, पर अब तो बस चिलचिलाती ठंडी और गर्मी ही बची. चलिए आप वहाँ आनंद उठायें और इसी तरह हम लोगों को भी बताती रहें.
आज तो खूब प्रतिक्रियाएं आयीं. यह आप सबका स्नेह और आशीर्वाद है. इसी तरह 'पाखी की दुनिया' में मिश्री घोलते रहें.
@ Brajesh Swaroop Uncle,
तब तो मैं भी वहाँ जाउंगी.
आप ने तो घर बैठे बैठे सैर करवा दी । फोटो भी लाजवाब है। धन्यवाद ।
घूम-घाम के खूब यादे और नज़ारे बाँट रही हो हम सभी के साथ. बिलकुल लगा ही नहीं की कुछ पढ़ रहा हूँ,बल्कि ऐसा लगा की मैं ही अपनी किसी यात्रा को याद कर रहा हूँ .
काफी अच्छा लगा
Dhanywad Pakhi ji aapne to hamari yaad taza karwa di.Wakai me yah jagah shandar hai.
पाखी तुम्हारी टेडी बीअर तो तुम्हारी जैसी प्यारी है! वाह कितना सुन्दर जगह पर घूमने गयी थी तुम! मुझे भी जाने का मन कर रहा है! बहुत ख़ूबसूरत तस्वीरें हैं!
अरे अक्षिता बिटिया , आप माउन्ट हैरियट घूम भी आये । हम तो सोचते ही रह गए थे । दूर से ही देखा । बड़ा सुन्दर है । और ये निकोबारी हट --कोई निकोबारी भी मिला क्या ।
चलिए आपके कैमरे से ही देखकर मज़ा आ गया ।
अविस्मरणीय!
--
नयनाभिराम!
बढ़िया है पाखी...गर्मी का झंझट नहीं. सुन्दर नज़ारे...
उपयोगी, प्रेरक और अनोखी होने के कारण
चर्चा मंच पर
झिलमिल करते सजे सितारे!
शीर्षक के अंतर्गत
इस पोस्ट की चर्चा की गई है!
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