आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

रविवार, फ़रवरी 28, 2010

मजेदार है होली का रंग-बिरंगा त्यौहार

पिछले साल मैंने होली कानपुर में खेली, इस बार अंडमान में खेलूँगी. पहले मैं सोचती थी कि यहाँ पर पिचकारी, रंग, गुलाल नहीं मिलेगा पर ऐसा नहीं है. मैंने तो इस बार दो पिचकारी खरीदी है. उसमें ढेर सारे रंग भरकर सुबह-सुबह मम्मी-पापा को रंगना है. और हाँ होली की गुझिया भी मिलेगी. कितना मजेदार है न होली का यह रंग-बिरंगा त्यौहार. आप सब मुझे होली पर ढेर सारा प्यार दीजिये !!

शनिवार, फ़रवरी 27, 2010

ये देखो मेरी गुड़िया

***ये देखो मेरी गुड़िया, कैसी लगी आपको. जरुर बताना. इसको भी इक गीत सुनाना***

शुक्रवार, फ़रवरी 19, 2010

पाखी उड़ी हेलीकाप्टर पर

अंडमान में हेवलाक दीप सबसे लम्बा और सबसे खूबसूरत है. 11 फरवरी को मैं मम्मी-पापा के साथ वहाँ घूमने गई. वहाँ जाने के लिए हेलीकाप्टर व शिप ही साधन हैं. मैंने पापा से कहा कि हम हेलीकाप्टर से जायेंगें और पापा ने हम लोगों को हेलीकाप्टर से सैर कराई.
पाखी पहुँची हेलीपैड पर

ये चले हम लोग हेलीकाप्टर में बैठने

और उड़ा हमारा हेलीकाप्टर
हेलीकाप्टर से नीचे का दृश्य
और हम लोग पहुँच गए हेवलाक









सोमवार, फ़रवरी 15, 2010

वंडूर बीच पर पाखी की मस्ती

आजकल मम्मी-पापा के साथ अंडमान-निकोबार में हूँ. अभी पापा की यहाँ पोस्टिंग हुई है, सो मेरी मस्ती है. खूबसूरत बीच पर जाना और धमाल करने का तो कब से इंतजार था, अब इसे खूब इंजॉय कर रही हूँ. पिछले दिनों पोर्टब्लेयर स्थित वंडूर बीच पर गई और जमकर मस्ती की.











































सोमवार, फ़रवरी 08, 2010

सेलुलर जेल की सैर पाखी के साथ




मैं मम्मी-पापा के साथ सेलुलर जेल, पोर्टब्लेयर घूमने गई. वहां से कुछ चित्र आपके लिए भी लाई हूँ...और हाँ यदि ज्यादा चित्र देखने हों तो मेरी मम्मी के ब्लॉग शब्द-शिखर पर देख पायेंगें !!





















सोमवार, फ़रवरी 01, 2010

बच्चे होते फूल समान

**मुझे फूल बहुत अच्छे लगते हैं. लोग कहते हैं कि हम बच्चे भी फूल के समान हैं, फिर तो हम बच्चे भी लोगों को बहुत अच्छे लगते होंगें**