21वीं सदी टेक्नॉलाजी की है। आज बच्चे कलम बाद में पकड़ते हैं , मोबाइल, टेलीवीजिन, कम्प्यूटर व लैपटॉप पर हाथ पहले से ही फिराने लगते हैं। ऐसे में उनका सृजनात्मक दायरा भी बढ़ रहा है। ऐसी ही एक नन्ही प्रतिभा हैं- अक्षिता (पाखी) यादव। 12 वर्षीया अक्षिता न सिर्फ नन्ही ब्लॉगर के रूप में लोकप्रिय हैं, बल्कि भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से भी सम्मानित हैं। वर्ष 2011 में मात्र 4 साल 8 माह की आयु में आर्ट और ब्लॉगिंग के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार‘ से विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने भी पहली बार किसी प्रतिभा को ब्लॉगिंग विधा के लिए सम्मानित किया। हिंदी के एक लाख से ज्यादा ब्लॉगों में इनका ब्लॉग “पाखी की दुनिया” ( http://pakhi-akshita.blogspot.in/) काफी प्रसिद्ध है। 100 से ज्यादा देशों में देखे-पढ़े जाने वाले इस ब्लॉग पर 500 से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं। 24 जून 2009 को आरम्भ इस ब्लॉग पर अक्षिता की रचनाएँ , ड्राइंग, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और जीवन के महत्वपूर्ण पलों की तमाम बातें शामिल हैं। अक्षिता फेसबुक (https://www.facebook.com/AkshitaaSingh/) पर भी उपलब्ध है, जहाँ 2,100 से भी ज्यादा लोग उनके पेज को लाइक करते हैं। अक्षिता के पिता कृष्ण कुमार यादव लखनऊ परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं हैं व मम्मी आकांक्षा यादव एक कॉलेज में प्रवक्ता रही हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लॉगर भी हैं।
25 मार्च 2007 को कानपुर में जन्मी अक्षिता सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज, लखनऊ में कक्षा 7 की छात्रा हैं । बडी होकर आई.ए.एस ऑफिसर बनने की तमन्ना रखने वाली अक्षिता को ब्लॉगिंग के साथ-साथ ड्राइंग, कविता, बुक रीडिंग, सिंगिंग, ट्रेवलिंग, सुडोकू, पजल्स जैसे माइंड गेम बहुत पसंद हैं।
देश-दुनिया में आयोजित होने वाले तमाम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में भी अक्षिता की प्रतिभा को सम्मानित किया गया। वर्ष 2011 में नई दिल्ली में हुए प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं सम्प्रति भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल ”निशंक” ने अक्षिता को ‘श्रेष्ठ नन्ही ब्लॉगर‘ के सम्मान से नवाजा। वर्ष 2015 में श्रीलंका में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में अक्षिता को ”परिकल्पना जूनियर सार्क ब्लॉगर सम्मान” से सम्मानित किया गया।
देश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं में अक्षिता की रचनाएँ व ड्राइंग प्रकाशित हुई हैं, वहीं आकाशवाणी और तमाम चैनलों पर भी उनके इंटरव्यू प्रकाशित हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा प्रकाशित पुस्तक “...और हमने कर दिखाया“ (देश के कुछ प्रतिभावान बच्चों की कहानियाँ) में भी “नन्ही ब्लॉगर पाखी की ऊँची उड़ान“ शीर्षक से एक अध्याय शामिल किया गया है।
भारत की सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता, नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) यादव
(साभार)
अक्षिता (पाखी) को मात्र 4 साल 8 माह की आयु में वर्ष 2011 में भारत सरकार द्वारा बाल दिवस पर ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से विज्ञान भवन में सम्मानित किया गया था। 'बाल दिवस' के बहाने एक बार फिर से अक्षिता की चर्चा !!
2 टिप्पणियां:
बहुत-बहुत बधाई हो.
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