राजस्थान पत्रिका की पहल "बिटिया @ वर्क" के तहत 20 मार्च बेटियों के लिए एक अलग ही एहसास लेकर आया। पत्रिका के बिटिया @ वर्क अभियान के तहत बड़ी संख्या में बेटियां अपने परिजनों के साथ उनके कार्यालय पहुंचीं, उन्होंने न सिर्फ अपने पापा या मम्मी के कार्यालय के काम-काज को समझा बल्कि उनकी कुर्सी पर बैठकर जिम्मेदारी भी संभाली। आज स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहीं बेटियों में से ही मदर टेरेसा, इंदिरा गांधी, किरण बेदी, कल्पना चावला, सानिया मिर्जा या इदिरा नूई जैसी हस्ती बनकर समाज में नई रोशनी बिखेरेंगी। इसी सद्भावना को ध्यान में रखकर पत्रिका समूह ने अपने संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचन्द्र कुलिश की जयंती पर 20 मार्च को अनूठा अभियान बिटिया @ वर्क आयोजित किया। इसके तहत देश-प्रदेश के कई शहरों में विभिन्न विभागों /संस्थानों/कम्पनियों के अधिकारी/कर्मचारी बेटियों को लेकर दफ्तर पहुंचे।
इसी क्रम इसी में अक्षिता (पाखी) और अपूर्वा भी अपने पापा श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएं, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के ऑफिस में पहुँचीं और उनके ऑफिस की कार्य-प्रणाली को नजदीक से देखा।
पापा की कुर्सी पर बैठ लाड़ली ने जाना कामकाज, पापा ने बताए तरीके
अपूर्वा ने बताया कि उनको पापा की कुर्सी पर बैठकर बहुत अच्छा लगा।
मुझे पापा से मेहनत से काम करने की प्रेरणा मिली !
(साभार : राजस्थान पत्रिका, जोधपुर, 21 मार्च 2017)
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