हम लोग 16 मार्च को इलाहाबाद से जोधपुर आ गये। अब पापा का ट्रांसफर जोधपुर हो गया है। पापा यहाँ निदेशक डाक सेवाएं, राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र-जोधपुर पद पर कार्यरत हैं।
बेहद खूबसूरत शहर है जोधपुर, बस यहाँ पर सूरज दादा थोड़ा ज्यादा परेशान करते हैं। यहाँ आने के बाद तो हम रोज घूम ही रहे हैं। स्कूल खुलने से पहले फुल मस्ती। अपनी हॉलीडेज हम यहाँ खूब इंजॉय कर रहे हैं।
21 मार्च को हम सुबह मण्डोर घूमने गए। वाकई इसे देखकर बहुत अच्छा लगा। यहाँ एक छोटा सा म्यूजियम भी है।
आप भी कभी जोधपुर आएं तो मंडोर जरूर जाएँ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें