आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

बुधवार, अक्टूबर 31, 2012

गले में पायथन..ये हैं अपूर्वा


 हमारी सिस्टर अपूर्वा दो साल की हो गईं हैं, उनकी शरारतें भी खूब बढ़ रही हैं.


पिछले दिनों वह मार्केट से अपने टॉय के रूप में एक पायथन पसंद कर लाई.  




अब उसे भोलेनाथ शंकर जी की तरह अपने गले में डालकर दिन भर घर में धमाल मचाती हैं.
आप भी देखें अपूर्वा का यह नटखटपन और बचपना.

मंगलवार, अक्टूबर 30, 2012

फूल तोड़ना अच्छी बात नहीं..




आपको फूल (Flower ) अच्छे लगते हैं. मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं. तभी तो मैं इनके खूब सारे चित्र भी बनती हूँ. ढेर सारे रंग-बिरंगे, कित्ती प्यारी-प्यारी ख़ुशबू...मन करता है कि सारी सुगंध मेरे पास आ जाये. पर ऐसा थोड़े ही हो सकता है.
 
हाँ, मुझे एक बात बिलकुल अच्छी नहीं लगती कि लोग इन फूलों को तोड़ लेते हैं और फिर फेंक देते हैं. फूल तो खिलते हुए अपनी डाली पर ही अच्छे लगते हैं. 

शनिवार, अक्टूबर 27, 2012

हैप्पी बर्थ-डे टू अपूर्वा : happy Birthday to Apoorva

आज 27 अक्तूबर, 2012 है. आज का दिन हमारे लिए खास मायने रखता है. आज ही के दिन हमारी प्यारी सी सिस्टर अपूर्वा का जन्म हुआ था. 

 
अपूर्वा मेरी सबसे प्यारी दोस्त भी तो है. दिन भर हम खूब मस्ती करते हैं.
 


आज के दिन के लिए मैंने अपूर्वा के लिए ढेर सारे बैलून्स, ट्वायज़,  फ्लावर्ज़, केक और चाकलेट ख़रीदे हैं और प्यारी सी ड्रेस भी !!
अपूर्वा को उसके सेकण्ड हैप्पी बर्थ-डे पर दीदी की तरफ से खूब सारा प्यारा और बधाइयाँ ..पार्टी तो अभी बाकी है !!
!! Wish u Very-Very happy Birthday Apoorva !!

बुधवार, अक्टूबर 24, 2012

हम भी राम बन सकते हैं...

!! विजयदशमी पर पर आप सभी को ढेर सारी बधाइयाँ !!
**************************************************************

बच्चो, आपका फेवॅरिट त्योहार दशहरा आ चुका है। मुझे मालूम है कि इसका आप लोग वर्ष भर इंतजार करते हैं, क्योंकि आपको रामलीला जो देखना होता है! कितनी तालियां पीटते हैं हम लोग, जब रामायण सीरियल या रामलीला पंडालों में राम के हाथों रावण मारा जाता है! लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रावण को मार गिराने वाले राम भी हमारी और आपकी तरह आम इनसान थे! बच्चो, यदि हम रामायण के कुछ प्रसंगों से कुछ सीख लें, तो हम भी राम की तरह महान बन सकते हैं।
क्षमाशील होते हैं वीर
लंका पर चढाई करने से पहले रावण अपने कई राक्षस गुप्तचरों को राम के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए उनके पास भेजता है। गुप्तचर पकडे भी जाते हैं। लेकिन राम उन्हें क्षमा कर देते हैं। लक्ष्मण द्वारा पूछने पर राम बताते हैं कि जो व्यक्ति क्षमाशील होते हैं, वे ही वीर होते हैं। कायर या डरपोक व्यक्ति कभी भी दूसरे व्यक्ति की गलतियों को क्षमा नहीं करता है। दोस्तो, हमारे आस-पास भी ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं, जिनका व्यवहार और विचार हमें अच्छा नहीं लगता है। लेकिन हमें उन पर गुस्सा करने के बजाए उन्हें क्षमा करने की कोशिश करनी चाहिए! संभव हो कि उस व्यक्ति में और कई अच्छे गुण भी मौजूद हों। इसलिए यदि बच्चो आपको राम जैसा बनना है, तो हमें क्रोधित होने के बजाय संबंधित व्यक्ति को क्षमा कर देना चाहिए।
करें लोगों की मदद
बच्चो, हमने रामायण में देखा कि राम जहां एक ओर, राक्षसों से ऋषि-मुनियों की रक्षा करते हैं, वहीं दूसरी ओर, सुग्रीव जैसे जरूरतमंद और गरीब शबरी की सहायता भी राम ही करते हैं। बच्चो आप भी जरूरतमंदों की जरूर मदद करें। यदि आपके किसी दोस्त को आपकी छोटी-मोटी मदद जैसे -कॉपी-किताब आदि की जरूरत पडे, तो उन्हें जरूर दें। यदि आपके आसपास गरीब बच्चे रहते हैं, तो पढने-लिखने में उनकी मदद करें।
मिल-जुल कर करें काम
बच्चो, हम सभी जानते हैं कि राम बहुत वीर योद्धा थे। वे चाहते, तो अकेले ही रावण को युद्ध में हरा सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने लंका तक सेतु बनाने और रावण तथा उसकी सेना से युद्ध करने में वानरों, यहां तक कि एक नन्हीं गिलहरी की भी सहायता ली। क्या आपको इससे कुछ सीख मिली? जी हां, आप कोई भी काम करें, तो सभी यार-दोस्तों के साथ मिलकर करें। जैसे-यदि आपको अपने आस-पास की हरियाली बढाने के लिए पेड लगाना है, तो स्वयं के साथ-साथ अपने दोस्तों को भी पेड लगाने को कहें। जरा सोचिए, यदि सभी दोस्त मिलकर पेड लगाएंगे, तो धरती पर पेडों की संख्या कितनी अधिक हो जाएगी? इसलिए कहा भी गया है कि सभी ऊंगलियां मिलती हैं, तो मुठ्ठी बनती है और तभी हम अपनी ताकत का इजहार करते हैं।
न पालें घमंड
हम रामायण सीरियल में देखते हैं कि रावण बहुत पराक्रमी था। वह न केवल बलवान और वीर था, बल्कि विद्वान भी था। साथ ही साथ, वह घमंडी भी था। उसे अपने वीर होने का बहुत घमंड था। वह सोचता था कि दुनिया में उसके समान कोई दूसरा वीर नहीं है, जो उसे युद्ध में पराजित कर सके! लेकिन राम ने उसे युद्ध में पराजित कर दिया। बच्चो, आप भी कभी यह घमंड न पालें कि सदा आप ही अपनी क्लास में फ‌र्स्ट आते रहेंगे, या किसी खेल में आप ही चैंपियन होंगे! हो सकता है कि घमंड में आपका ध्यान पढाई या खेल से हट जाए! इसलिए बच्चो अपने ऊपर गर्व जरूर करें, लेकिन घमंड नहीं।
जिद न करें
रामायण की कहानियों में हम देखते हैं कि दशरथ की तीन रानियों में एक रानी कैकेयी थीं। वे परम वीर महिला थीं। बच्चो जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अपनी दासी मंथरा के कहने पर उन्होंने अपने पति राजा दशरथ से अपनी मांग मनवाने की जिद कर बैठीं। उन्होंने यह मांग भी की कि राम को वनवास मिले और भरत को राजगद्दी। उनकी इस जिद के कारण, एक ओर राजा दशरथ की मृत्यु हो गई, तो दूसरी ओर, राम-सीता और लक्ष्मण को वन जाना पडा! बच्चो कभी-कभी आप लोग भी किसी गलत मांग को लेकर जिद कर बैठते हैं। ऐसा करने से न केवल आपका नुकसान होता है, बल्कि इससे आपके मम्मी-पापा भी दुखी हो जाते हैं। जैसे आप दूसरों की देखा-देखी महंगे मोबाइल खरीदने का जिद अपने पापा-मम्मी से कर बैठते हैं। यह सही नहीं है, क्योंकि मोबाइल आपकी पढाई में बाधा पहुंचा सकता है, आपका रिजल्ट खराब हो सकता है। इसलिए बच्चो, यदि आप रामायण के डायलॉग का अनुकरण करते हैं, तो रामायण के हीरो राम के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को अपनाने की बात भी सोचें।
 
 

शनिवार, अक्टूबर 20, 2012

अगर मछली (Fish) आसमान में उड़े तो...

मछली (fish ) भला किसे नहीं अच्छी लगती. कित्ते सारे रंग की फिश होती हैं. अंडमान में तो समुद्र में ढेर सारी रंग-बिरंगी फिश दिखती थीं. उन्हें देखना बहुत अच्छा लगता था.
 
कई बार मैं सोचती हूँ कि अगर फिश आसमान में उड़े तो कित्ता मजा आए. फिर तो फिश को कोई न पकड़ पाए..वह फुर्र से आसमान में उड़ जाएगी.
 
मैं तो अपनी ड्राइंग में फिश को उड़ते हुए दिखाती हूँ. अब देखिये न मेरी इन ड्राइंगज को.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

गुरुवार, अक्टूबर 18, 2012

काश मैं भी चिड़िया होती...

 
यह देखिये, मैंने बनाई एक प्यारी सी चिड़िया का चित्र. जब मैं सुबह स्कूल जाती हूँ तो मेरे लॉन में ढेर सारी चिड़िया दिखती हैं. कोई फुदकती है, कोई चहचहाती है, कोई आराम से बैठी होती है तो कोई कभी यहाँ-कभी वहाँ उड़ती नजर आती है.
 
मैं सोचती हूँ कि काश मैं भी चिड़िया होती तो दूर आसमान तक घूम कर आती !!

मंगलवार, अक्टूबर 16, 2012

ढेर सारी खुशियाँ लाया नवरात्र..

आज से नवरात्र के दिन शुरू हो रहे हैं. फिर दशहरा और दिवाली भी आयेगी..मुझे तो यह सब बहुत अच्छा लगता है. कितने सारे फेस्टिवल अपने यहाँ मनाये जाते हैं और हर फेस्टिवल पर कुछ न कुछ विशेष होता है. नवरात्र में तो पूरे नौ दिन तक मां की पूजा होगी, मंदिर सजेंगें, झांकी सजेगी, ढेर सारे पकवान बनेंगें....कितना सुन्दर अहसास लगता है.

मुझे तो दशहरे का बेसब्री से इंतजार है. इलाहाबाद में तो दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है. मैंने तो मामा-पापा को अभी से बता दिया है कि मुझे इस बार दशहरे पर रावण का जलना नजदीक से देखना है. वैसे मैं यह नहीं समझ पाती कि जब हर साल रावण को जला दिया जाता है, तो अगली बार वह फिर कैसे बड़े सज-धज के साथ आ जाता है...आप भी सोचियेगा इसका जवाब और मुझे भी बताइयेगा.

आप सभी को नवरात्र पर ढेर सारी बधाइयाँ और प्यार ..आप सबका आशीर्वाद और स्नेह तो मुझे मिलेगा ही !!

शुक्रवार, अक्टूबर 12, 2012

प्यारे-प्यारे ट्वायज़...

आपको ट्वायज़ अच्छे लगते हैं. मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं. मेरे और अपूर्व के पास ढेर सारे ट्वायज़ हैं. हम तो खूब मस्ती करते हैं इनके साथ. कई बार तो एक ही ट्वॉय ममा-पापा को दो-दो खरीदने पड़ते हैं, क्योंकि हम दोनों को ही वही सेम ट्वॉय चाहिए होता है.

(बेड पर सो रहे ट्वायज़)
(मेरे प्यारे टेडी बियर)
(कित्ते आराम से सो रहा है मेरा प्यारा टेडी-बियर)
(अपने टेडी बियर को मैं सैर भी कराती हूँ)
(मेरा प्यारा Puppy)
(मेरा प्यारा Cub)
()
(मेरी प्यारी साईकिल)

मंगलवार, अक्टूबर 02, 2012

बच्चों के बापू...


देश के प्यारे गाँधी बाबा,
बच्चों के बापू कहलाए।
सत्य-अहिंसा की नीति से,
देश को आजादी दिलवाए।
 
सूरज से चमकें बापू जी,
कभी न हिम्मत हारे थे।
अंग्रेजों को मार भगाया,
पीछे-पीछे सारे थे।
 
हम बच्चों के प्यारे बापू,
सपनों में जब आते हैं।
सत्य, अहिंसा, दया, धर्म,
देश-प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं।
 
(आज राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी का जन्मदिन है. इस दिन पर पढ़िए पापा की यह प्यारी सी कविता)