जलेबी तो मुझे बहुत अच्छी लगती है. पर यहाँ अंडमान में जलेबी नहीं मिलती. दुकानदार से जलेबी मांगिये तो इमरती देते हैं. उन्हें जलेबी और इमरती का अंतर ही नहीं पता चलता.
...और जब से मैंने जलेबी बाई वाला गाना सुना है. तब से तो जलेबी को और मिस करने लगी हूँ.
इस बार दिवाली के बाद मैं ममा-पापा के साथ लखनऊ गई थी तो वहाँ करीब पंद्रह दिन रही. अलीगंज में राधेलाल मिष्ठान भंडार के यहाँ से रोज सुबह गरम-गरम जलेबी मंगवाती और खूब मजे लेकर खाती. ममा-पापा को तो अपने लिए अलग से मंगवाना पड़ता. वैसे ममा-पापा को जलेबी के साथ दही और कचौरी खूब भाती है.अपूर्वा (तान्या) तो दोनों तरफ हाथ साफ करती.
..अब फिर अंडमान आ गई हूँ. ममा से कई बार जलेबी की फरमाइश करती हूँ. अब मेरी फरमाइश पूरी हो रही है. आखिर, ममा गरम-गरम बढ़िया जलेबी बनाती है. अब तो अपूर्वा भी जलेबी खाने में मेरा साथ देने लगी है.
...तो आप भी जलेबी का लुत्फ़ उठाइए और मुंह में पानी आने से रोकिए...!!
...और जब से मैंने जलेबी बाई वाला गाना सुना है. तब से तो जलेबी को और मिस करने लगी हूँ.
इस बार दिवाली के बाद मैं ममा-पापा के साथ लखनऊ गई थी तो वहाँ करीब पंद्रह दिन रही. अलीगंज में राधेलाल मिष्ठान भंडार के यहाँ से रोज सुबह गरम-गरम जलेबी मंगवाती और खूब मजे लेकर खाती. ममा-पापा को तो अपने लिए अलग से मंगवाना पड़ता. वैसे ममा-पापा को जलेबी के साथ दही और कचौरी खूब भाती है.अपूर्वा (तान्या) तो दोनों तरफ हाथ साफ करती.
..अब फिर अंडमान आ गई हूँ. ममा से कई बार जलेबी की फरमाइश करती हूँ. अब मेरी फरमाइश पूरी हो रही है. आखिर, ममा गरम-गरम बढ़िया जलेबी बनाती है. अब तो अपूर्वा भी जलेबी खाने में मेरा साथ देने लगी है.
...तो आप भी जलेबी का लुत्फ़ उठाइए और मुंह में पानी आने से रोकिए...!!
24 टिप्पणियां:
मुंह में पानी भर आ गया
धन्यवाद पाखी बिटिया, आप मेरे ब्लॉग पर आयीं.जलेबी वाली पोस्ट बहुत प्यारी है इतनी ही मीठी हमेशा बने रहना मेरे ब्लॉग पर जरूर आना
@ Kushvansh Uncle,
जलेबी होती ही इत्ती मीठी है...
@ sangita Aunty,
आप आईं..अच्छा लगा. मीठी पाखी अब आपके ब्लॉग पर आती रहेगी और आप भी...!!
पाखी बिटिया,बधाई स्वीकार करें.
@ Nagesh Uncle,
Thanks for ur greetings..Love.
सच में जलेबी देख कर मुंह में पानी आगया..बहुत सुंदर पोस्ट..
http://bachhonkakona.blogspot.com/
@ Kailash Sharma Uncle ji,
Thanks for ur cute words..जलेबी होती ही इत्ती मीठी है...
जलेबी देखकर तो मुंह में पानी आ गया ...
कल ही मँगा कर खाती हूँ .
@ Rekha Aunty,
और मेरा शेयर बचाके रखियेगा..!!
@ Rekha Aunty,
और मेरा शेयर बचाके रखियेगा..!!
अरे वाह जलेबी!!! यह तो हमें भी बहुत पसंद है पाखी बिटिया और हमारी बिटिया ऐना को हमसे भी ज्यादा पसंद है....
मुझे तो बहुत जोर की लालच लग आई...अब क्या करुँ बेटू???
वाह यह जलेबी ........मुझे भी बहुत पसंद है .....!
पाखी अब तुम्हें और तुम्हारी बहन को जलेबी घर की बनी मिलती हैं यह तो बहौत अच्छी बात है,शुद्ध भी और ममतामई भी।
लखनऊ मे अलीगंज मे 15 दिन रहीं ,हमारे घर न आ सकती थी तो पता बता देतीं हम ही तुम से मिल लेते कुछ ही किलोमीटर दूर तो थे।
इतनी अच्छी जलेबी तो बंगलोर में भी नहीं मिल पाती है।
vah jalebiiii..... vah pakhi
पाखी बेटा, यही अपने देश का मजा है समझ लो। जहां जगह-जगह पानी और भाषा बदल जाने के बाद भी भाईचारा है। अब देखो उत्तर में शक्कर कुछ और होती है और मध्य तक आते-आते चीनी को ही शक्कर कहने लगते हैं। उम्र के साथ-साथ, धीरे-धीरे ऐसे सैकडों उदाहरण तुम्हें मिलते जाएंगे।
खुश रहो।
sweetजलेबी की तरह पांखी भी sweet है !
आप इलाहाबाद आइयेगा तो खूब जलेबी खिलायेंगें. आपके पापा के साथ तो इलाहाबाद में खूब जलेबी और कचौड़ी खाते थे.
जलेबी तो हमें भी बहुत प्रिय है. अगली बार आपको खूब जलेबी खिलायेंगें.
जलेबी ..!!!!!!!!! मुंह में पानी भर आ गया..!!!!
..अब फिर अंडमान आ गई हूँ. ममा से कई बार जलेबी की फरमाइश करती हूँ. अब मेरी फरमाइश पूरी हो रही है. आखिर, ममा गरम-गरम बढ़िया जलेबी बनाती है. अब तो अपूर्वा भी जलेबी खाने में मेरा साथ देने लगी है.
..So Lucky !
मुंह में पानी भर आ गया..
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