आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

गुरुवार, जनवरी 21, 2010

साइंस सिटी कोलकात्ता में मस्ती

पिछले दिनों मम्मी-पापा के साथ पोर्टब्लेयर जाते समय कोलकात्ता में एक दिन के लिए रुकी. वहाँ मैंने साइंस सिटी जाकर खूब मस्ती की।
रोड-ट्रेन का मजा लिया, इवाल्यूशन पार्क में रोबो जानवर देखे। कितना डरावना लग रहा था डायनासोर उस अँधेरे में और तरह-तरह की आवाजें। और भी कई तरह के जानवर दिखे वहाँ. कोरल रीफ पर मैंने खूबसूरत शो भी देखा. कई नई जानकारियां मिलीं। मिरर-मैजिक तो बड़ा मजेदार रहा. अपने को कई रूप में देखना कितना दिलचस्प लगा।
मैंने वहाँ रोप-वे (केबल-कार) का भी आनंद लिया और जब थक गई तो बढ़िया आइसक्रीम भी खाई.





15 टिप्‍पणियां:

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

वाह पाखी, आपके साथ हमने भी घूम लिया..मजेदार रहा यह ट्रिप.

Bhanwar Singh ने कहा…

पाखी को लम्बे समय बाद देखकर बड़ी सुखद अनुभूति हुई. अब फिर से धमाल.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

अब फिर से धमाल.
देखो पाखी का कमाल.

Shyama ने कहा…

डायनासोर के मुंह के पास से हाथ हटा लो नहीं तो काट लेगा हमारी नन्हीं परी को.

Shyama ने कहा…

डायनासोर के मुंह के पास से हाथ हटा लो नहीं तो काट लेगा हमारी नन्हीं परी को.

बेनामी ने कहा…

तो मम्मी-पापा के साथ घूम घुमाई हो रही है रानी बिटिया की...बड़े प्यारे-प्यारे चित्र लिए हैं आपने.

Shahroz ने कहा…

My Beautiful Anjle.

मन-मयूर ने कहा…

हम भी एक बार गए थे. वाकई बड़ी खूबसूरत जगह है. आपने यादें ताजा कर दीं..आभार.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

अरे वाह. यहाँ तो कई पाखी दिख रही हैं..रोचक रहा ये.

S R Bharti ने कहा…

Nice Pic...Interesting !!

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

आप सभी ने तो बड़ी अच्छी-अच्छी बातें लिखी है, मैंने तो सोचा था की आप लोग मुझे भूल गए होंगें. बस यूँ ही अपना प्यार देते रहें.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

..भला पाखी की शरारतों को कोई भूल सकता है.

raghav ने कहा…

अब तो हम भी जायेंगे.

संजय भास्‍कर ने कहा…

हम भी एक बार गए थे. वाकई बड़ी खूबसूरत जगह है. आपने यादें ताजा कर दीं..आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

.मजेदार रहा यह ट्रिप.