मंगलवार, दिसंबर 04, 2012

इलाहाबाद में राष्ट्रीय पुस्तक मेला

पिछले दिनों इलाहाबाद में 23 नवम्बर-2 दिसंबर तक तक बुक-फेयर लगा। इसमें कई पब्लिकेशंज़ ने अपने बुक-स्टाल्स लगाये।
मैं भी इस बुक-फेयर में गई। किसी बुक-फेयर में जाने का यह मेरा पहला मौका था, सो ज्यादा उत्साहित भी थी। स्कूल  में टीचर जी ने भी इस बुक-फेयर के बारे में बताया था।
                  
मैंने तो अपने लिए ढेर सारी बुक्स खरीदीं और हाँ अपनी सिस्टर अपूर्वा के लिए भी। अगले साल से उसे भी तो स्कूल जाना है।
   (वाव...ढेर सारी बुक्स...पुस्तक मेला, इलाहाबाद में बुक-स्टाल के समक्ष अक्षिता)
(पुस्तक मेला, इलाहाबाद में गोपाल दास 'नीरज' जी की एक पुस्तक देखती अक्षिता)
(इस स्टाल पर तो बच्चों के लिए ढेर सारी बुक्स और टोयज़ हैं। यहाँ से मैंने अपने लिए ढेर सारी बुक्स खरीदीं )
 (वाह, यह मिकी माउस कितना खुबसूरत है। इसे अपनी सिस्टर अपूर्वा के लिए खरीद लेती हूँ) 
                  (पुस्तक मेला, इलाहाबाद में पुस्तक देखते पापा श्री कृष्ण कुमार यादव जी )
                                  (पुस्तक मेला, इलाहाबाद में सपरिवार)
                       (पुस्तक मेला, इलाहाबाद में पापा के साथ अक्षिता (पाखी)

5 टिप्‍पणियां:

  1. पुस्तक मेला हमको भी बहुत अच्छा लगता है..

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  2. ढेर सारी पुस्तके अभी खरीद कर रख लो।

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  3. हमें भी किताबें पढना अच्छा लगता है। खूब किताबें खरीदे।

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  4. वाह, यह मिकी माउस कितना खुबसूरत है। इसे अपनी सिस्टर अपूर्वा के लिए खरीद लेती हूँ) hamare liye kya kharida bitiya rani ne.

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